निसार – नासा इसरो सिन्थेटिक ऐपर्चर रडार मिशन
होम / निसार – नासा इसरो सिन्थेटिक ऐपर्चर रडार मिशन
Separation confirmed.
Each stage, precise. Cryo ignition and Cryo stage performance flawless.
GSLV-F16 delivered NISAR to orbit.

25 जुलाई, 2025

उद्देश्य:

निसार अपनी तरह का पहला मिशन है, जिसे इसरो और नासा ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह एक एल और एस-बैंड, वैश्विक, सूक्ष्मतरंगी प्रतिबिंब मिशन है, जिसमें पूर्ण रूप से ध्रुवणमापीय और व्यतिकरणमितिय डेटा प्राप्त करने की क्षमता है।

NISAR – NASA ISRO Synthetic Aperture Radar Mission

More Details

निसार का अद्वितीय दोहरे बैंड वाला सिंथेटिक अपर्चर रडार उन्नत, नवीन स्वीपएसएआर तकनीक का उपयोग करता है, जो उच्च विभेदन और व्यापक प्रमार्ज वाली तस्वीरें प्रदान करता है। निसार हर 12 दिनों में द्वीपों, समुद्री बर्फ और चुनिंदा महासागरों सहित वैश्विक भूमि और बर्फ से ढकी सतहों की तस्वीरें लेगा।

निसार मिशन का प्राथमिक उद्देश्य अमेरिकी और भारतीय विज्ञान समुदायों के साझा हित के क्षेत्रों में भूमि और बर्फ विरूपण, भूमि परितंत्र और महासागरीय क्षेत्रों का अध्ययन करना है।

निसार मिशन निम्नलिखित में मदद करेगा:

  • काष्ठीय जैवभार और उसके परिवर्तनों के मापन
  • सक्रिय फसलों के विस्तार में परिवर्तनों के अनुवर्तन
  • आर्द्रभूमि के विस्तार में परिवर्तनों की समझ
  • ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका की बर्फ की चादरों, समुद्री बर्फ और पर्वतीय ग्लेशियरों की गतिशीलता के मानचित्रण
  • भूकंपीयता, ज्वालामुखी, भूस्खलन, और उपसतही जलभृतों, हाइड्रोकार्बन भंडारों आदि में परिवर्तनों से जुड़े अवतलन और उत्थान से संबंधित भूमि सतह विरूपण के लक्षण वर्णन।

अंतरिक्ष यान का विन्यास

यह अंतरिक्ष यान इसरो की आई-3के संरचना के आसपास बनाया गया है। इसमें दो प्रमुख नीतभार, अर्थात् एल और एस-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) हैं। एस-बैंड रडार प्रणाली, डेटा प्रहस्तन और उच्च गति डाउनलिंक प्रणाली, अंतरिक्ष यान और प्रमोचन प्रणाली इसरो द्वारा विकसित की गई हैं। एल-बैंड रडार प्रणाली, उच्च गति डाउनलिंक प्रणाली, ठोस अवस्था रिकॉर्डर, जीपीएस रिसीवर, 12 मीटर रिफ्लेक्टर का उत्तोलन 9 मीटर बूम नासा द्वारा प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा, इसरो उपग्रह की कमांडिंग और संचालन का ध्यान रखेगा, नासा कक्षा संचालन योजना और रडार संचालन योजना प्रदान करेगा। प्राप्त छवियों को डाउनलोड करने के लिए निसार मिशन को इसरो और नासा दोनों के भू सहायता केंद्र से सहयोग मिलेगा, जिन्हें आवश्यक संसाधन के बाद उपयोगकर्ता समुदाय तक पहुँचाया जाएगा।

एक ही मंच से एस-बैंड और एल-बैंड एसएआर के माध्यम से प्राप्त डेटा से वैज्ञानिकों को पृथ्वी ग्रह पर हो रहे परिवर्तनों को समझने में मदद मिलेगी।

NISAR – NASA ISRO Synthetic Aperture Radar Mission

प्रमुख मिशन विन्यास और संयुक्त कार्य साझा जिम्मेदारियों का विवरण नीचे दिया गया है:

प्रमुख मिशन विशेषताएँ (इसरो और नासा का संयुक्त मिशन)
मेनफ्रेम बस ~2400 किग्रा उत्थापन भार के साथ आई3के संरचना
70V बस
3-अक्षीय स्थिर अंतरिक्ष यान
प्रतिबिंबन नीतभार
  • दोहरी आवृत्ति (एल और एस-बैंड) सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर)।
  • एल-बैंड एसएआर (नासा); एस-बैंड एसएआर (सैक-इसरो)
  • तैनात करने योग्य 9 मीटर बूम पर लगा हुआ 12 मीटर व्यास वाला बड़ा, सामान्य खुलने योग्य ऐंटीना।
  • 5-100 मीटर विभेदन वाला लगभग 240 किमी का प्रेक्षण योग्य क्षेत्र
निशुल्क और मुक्त डेटा नीति
कक्षा सूर्य समकालिक, ध्रुवीय (शाम 6 बजे)
कक्षा की ऊंचाई 747 किमी – गोलाकार
झुकाव 98.405 डिग्री
प्रमोचन यान जीएसएलवी मार्क-II 4मीटर पीएलएफ के साथ
मिशन का जीवन 5 साल

नासा और इसरो का कार्यक्षेत्र नीचे दर्शाया गया है

NISAR – NASA ISRO Synthetic Aperture Radar Mission

निसार का कार्यान्वयन

जटिल नीतभार और मेनफ्रेम प्रणालियों को 8 से 10 वर्षों की अवधि में डिजाइन, विकसित, अर्हता प्रदान किया गया और क्रियान्वित किया गया है।

एस-बैंड एसएआर और एल-बैंड एसएआर को क्रमशः इसरो और जेपीएल/नासा में स्वतंत्र रूप से विकसित, एकीकृत और जांचा गया।

एस-बैंड और एल-बैंड एसएआर तथा अन्य नीतभार तत्वों से युक्त एकीकृत रडार उपकरण संरचना (आईआरआईएस) का जेपीएल/नासा में एकीकृत परीक्षण किया गया तथा इसरो को सौंप दिया गया।

मेनफ्रेम उपग्रह तत्वों और नीतभार को यूआरएससी/इसरो में संयोजित, एकीकृत और जांचा गया।

NISAR – NASA ISRO Synthetic Aperture Radar Mission
NISAR – NASA ISRO Synthetic Aperture Radar Mission

निसार मिशन के चरण:

निसार मिशन के चरणों को मोटे तौर पर निम्नलिखित में वर्गीकृत किया जा सकता है: प्रमोचन चरण, तैनाती चरण, कमीशनिंग चरण और विज्ञान चरण।

प्रमोचन चरण:

निसार को 30 जुलाई, 2025 को इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से जीएसएलवी-एफ16 प्रमोचन यान के जरिए प्रमोचित किया जाएगा, जिसे श्रीहरिकोटा उच्च तुंगता रेंज (एसएचएआर) भी कहा जाता है। यह भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिण-पूर्वी तट पर श्रीहरिकोटा में स्थित है।

तैनाती चरण:

निसार में 12 मीटर व्यास का एक बड़ा परावर्तक लगा है, जिसे जेपीएल/नासा द्वारा डिजाइन और विकसित एक जटिल बहुस्तरीय तैनाती योग्य बूम द्वारा उपग्रह से 9 मीटर दूर कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

कमिशनिंग चरण:

प्रमोचन के बाद पहले 90 दिन कमीशनिंग या कक्षीय परीक्षण (आईओसी) के लिए समर्पित होंगे, जिसका उद्देश्य वेधशाला को वैज्ञानिक कार्यों के लिए तैयार करना है। कमीशनिंग को मुख्य फ्रेम तत्वों की प्रारंभिक जाँच और अंशांकन के उप-चरणों में विभाजित किया गया है, जिसके बाद जेपीएल इंजीनियरिंग नीतभार और उपकरण परीक्षण होगा।

विज्ञान प्रचालन चरण:

विज्ञान प्रचालन चरण कमीशनिंग के अंत में शुरू होता है और मिशन के जीवनकाल की समाप्ति तक चलता है। इस चरण के दौरान, वैज्ञानिक प्रेक्षणों के साथ टकराव से बचने या उसे कम करने के लिए नियमित संचालनों के माध्यम से वैज्ञानिक कक्षा को बनाए रखा जाएगा। व्यापक अंशांकन और अभिप्रमाणन (कैलवैल) गतिविधियाँ होंगी। एल और एस-बैंड दोनों उपकरणों के लिए प्रेक्षण योजना, इंजीनियरिंग गतिविधियों (जैसे, संचालन, प्राचल अद्यतन, आदि) के साथ, जेपीएल और इसरो के बीच लगातार समन्वय के माध्यम से प्रमोचन से पहले तैयार की जाएगी।

NISAR – NASA ISRO Synthetic Aperture Radar Mission

More Details