30 जुलाई, 2025 को इसरो का जीएसएलवी-एफ16 इसरो-नासा के संयुक्त उपग्रह निसार का प्रमोचन करेगा।
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21 जुलाई, 2025

इसरो और नासा का पहला संयुक्त उपग्रह, नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार), इसरो के जीएसएलवी-एफ16 द्वारा 30 जुलाई, 2025 को 1740 बजे भारतीय समयानुसार, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी शार) से प्रमोचित किया जाएगा। जीएसएलवी-एफ16 निसार उपग्रह को 98.40के झुकाव के साथ 743 किलोमीटर की सूर्य-समकालिक कक्षा में प्रमोचित करेगा।.

2392 किलोग्राम वज़न वाला निसार एक अनूठा भू-प्रेक्षण उपग्रह है और दोहरी आवृत्ति वाले सिंथेटिक अपर्चर रडार (नासा का एल-बैंड और इसरो का एस-बैंड) से पृथ्वी का प्रेक्षण करने वाला प्रथम उपग्रह है। दोनों नासा के 12 मीटर लंबे खुलने योग्य जाल परावर्तक ऐंटीना का उपयोग करते हैं, जो इसरो के संशोधित I3K उपग्रह सैटेलाइट बस के साथ एकीकृत है। निसार पहली बार स्वीपएसएआर तकनीक का उपयोग करते हुए 242 किलोमीटर के क्षेत्र और उच्च स्थानिक विभेदन के साथ पृथ्वी का अवलोकन करेगा।

यह उपग्रह पूरे विश्व को स्कैन करेगा और 12 दिनों के अंतराल पर सभी मौसम, दिन और रात के आँकड़े उपलब्ध कराते हुए कई अनुप्रयोगों को सक्षम बनाएगा। निसार पृथ्वी की सतह पर होने वाले छोटे-छोटे बदलावों, जैसे कि भू-विरूपण, हिम चादर की गति और वनस्पति की गतिशीलता का भी पता लगा सकता है। इसके अन्य अनुप्रयोगों में समुद्री बर्फ का वर्गीकरण, जहाज़ों का पता लगाना, तटरेखा की निगरानी, तूफान का विशिष्टता वर्णन, मिट्टी की नमी में परिवर्तन, सतही जल संसाधनों का मानचित्रण और निगरानी, तथा आपदा प्रतिक्रिया शामिल हैं।

निसार का प्रमोचन इसरो एवं नासा/जेपीएल की तकनीकी टीमों के बीच एक दशक से अधिक समय के मजबूत तकनीकी सहयोग का परिणाम है।

ISRO-NASA joint satellite, NISAR

Description: NISAR Mission
Format : mp4
File Size : 170 MB
Duration : 00:02:42
Plugin : NA