28 नवंबर, 2025
रडार ऐंटेना की तैनाती
30 जुलाई, 2025 को जीएसएलवी-एफ16 के माध्यम से नासा के इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह के सफल प्रमोचन के बाद, 12 मीटर व्यास वाले ऐंटेना परावर्तक का सफलतापूर्वक प्रस्तरण कर दिया गया है।12 मीटर व्यास वाला ऐंटेना परावर्तक इसरो के एस-बैंड और नासा के एल-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) के नीतभार, दोनों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐंटेना को 9 मीटर लंबे बूम पर स्थिर अवस्था में प्रमोचित किया गया था, जो उपग्रह के पास लगा हुआ था। ऐंटेना और 9 मीटर बूम को नासा द्वारा विकसित किया गया था।
बूम के जोड़ों को खोलने का काम 9 अगस्त, 2025 को शुरू हुआ और यह पाँच (05) दिनों (कलाई, कंधा, कोहनी और जड़ प्रस्तरणों) की अवधि में पूरा हुआ। बूम के सिरे पर लगा परावर्तक संयोजन 15 अगस्त, 2025 को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया और ऐंटेना प्रणालियों का प्रदर्शन संतोषजनक है।
यह संपूर्ण प्रचालन इसरो दूरमिति, अनुवर्तन और आदेश संचारजाल (इस्ट्रैक), इसरो द्वारा जेपीएल/नासा के सहयोग से किया गया।
12 मीटर व्यास वाले ऐंटेना परावर्तक प्रस्तरण का प्रतिबिंब
Pre-Deployment
Deployment
Root Deployment
प्रवर्तन चरण का समापन:
19 अगस्त, 2025 को प्रथम अधिग्रहण के बाद से, निसार एस-बैंड एसएआर विभिन्न नीतभार प्रचालन विन्यासों में भारतीय भूभाग और वैश्विक अंशांकन-सत्यापन स्थलों का नियमित रूप से चित्रांकन कर रहा है। चित्रों के अंशांकन के लिए अहमदाबाद, गुजरात और भारत में कुछ अन्य स्थानों पर कोना परावर्तक जैसे संदर्भ लक्ष्य स्थापित किए गए थे। अमेज़न वर्षावनों से प्राप्त आँकड़ों का उपयोग अंतरिक्ष यान की दिशा और चित्रों के अंशांकन के लिए भी किया गया। इसके आधार पर, नीतभार आँकड़ा अधिग्रहण मापदंडों को परिष्कृत किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उच्च गुणवत्ता वाले चित्र प्राप्त हुए। वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा किए गए प्रारंभिक विश्लेषण से कृषि, वानिकी, भू-विज्ञान, जल विज्ञान, ध्रुवीय/हिमालयीय बर्फ/हिम और समुद्री अध्ययनों जैसे विभिन्न लक्षित विज्ञान और अनुप्रयोग क्षेत्रों के लिए एस-बैंड एसएआर डेटा की क्षमता का पता चला है। 19 अगस्त 2025 को प्राप्त एस-बैंड एसएआर की पहली छवि भारत के आंध्र प्रदेश में उपजाऊ गोदावरी नदी डेल्टा को दर्शाती है। छवि में कच्छ वनस्पतियों, कृषि, सुपारी के बागान, जलकृषि क्षेत्र आदि जैसे विभिन्न वनस्पति वर्ग स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। यह छवि नदी के डेल्टाओं और कृषि परिदृश्यों का सटीक मानचित्रण करने की निसार की एस-बैंड एसएआर क्षमता को दर्शाती है।
निसार के कक्षा में प्रवेश के 100वें दिन, अध्यक्ष, इसरो/ सचिव, अंतरिक्ष विभाग द्वारा एस-एसएआर की तस्वीरें जनता के लिए जारी की गईं। इसके साथ ही, विज्ञान चरण की शुरुआत की भी घोषणा की गई।
S-SAR hybrid polarimetric image showing mangroves and other land use in Godavari Delta, Andhra Pradesh. RGB: |RH|2, |RV|2, RH/RV