पी.एस.एल.वी.-सी33/आई.आर.एन.एस.एस.-1जी होम / गतिविधियाँ / मिशन पूरा
ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक राकेट ने अपनी पैंतीसवी उड़ान पी.एस.एल.वी.-सी33 में भारतीय नौवहन उपग्रह प्रणाली आई.आर.एन.एस.एस. के सातवें उपग्रह आई.आर.एन.एस.एस.-1जी का उप- भूतुल्यकाली अंतरण कक्षा उप-जी.टो.ओ. में प्रमोचन किया। यह प्रमोचन 28 अप्रैल, 2016 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एस.डी.एस.सी., शार, श्रीहरिकोटा के प्रथम प्रमोचन पैड एफ.एल.पी. से किया गया। आई.आर.एन.एस.एस. उपग्रहों के पहले के छ: प्रमोचनों की तरह पी.एस.एल.वी.-सी33 ने पी.एस.एल.वी. के ‘एक्स.एल.’ वर्शन का प्रयोग किया जो कि छ: स्ट्रैप-ऑन से लैस है तथा 12 टन नोदक ले जा सकता है।
पी.एस.एल.वी. के ‘एक्स.एल.’ संरूपण का तेरहवीं बार प्रयोग किया गया है। छ: आई.आर.एन.एस.एस. उपग्रहों के प्रमोचन के अलावा, पी.एस.एल.वी.-एक्स.एल. ने भारत के मंगल कक्षित्र अंतरिक्षयान, बहुतरंगदैर्घ्य वेधशाला एस्ट्रोसैट, रेडार प्रतिबिंबिकी उपग्रह रीसैट-1 तथा संचार उपग्रह जीसैट-12 सहित कई अन्य अंतरिक्षयानों का प्रमोचन किया है। इसके अलावा, पी.एस.एल.वी.-एक्स.एल. ने एक ही वाणिज्यिक मिशन में, यूनाईटेड किंगडम के पांच उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया है।
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यह पी.एस.एल.वी. का लगातार चौतीसवां सफल मिशन है, जिससे बार-बार इसकी विश्वसनीयता और सक्षमता सिद्ध होती है।