PSLV-C2 / IRS-P4होम / गतिविधियाँ / पूर्ण मिशन
पीएसएलवी-सी2, भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (पीएसएलवी) के दूसरे संक्रियात्मक प्रमोचन ने 727 कि.मी. ध्रुवीय सूर्य-तुल्यकाली कक्षा में तीन उपग्रहों को स्थापित किया- प्रमुख नीतभार के रूप में भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (आईआरएस-पी4) तथा सहायक नीतभारों के रूप में कोरियाई कैटसैट-3 और जर्मन डीएलआर-टबसैट। जहाँ आईआरएस-पी4 (ओशनसैट) का भार 1050 कि.ग्रा. है, वहीं किटसैट-3 तथा डीएलआर-टबसैट का भार क्रमशः 107 कि.ग्रा. तथा 45 कि.ग्रा. है। दो सहायक नीतभारों को एक दूसरे के व्यासीय रूप से विपरीत पीएसएलवी उपकरण कक्ष पर आरूढ़ किया गया है। प्रमुख नीतभार, आईआरएस-पी4 को पीएसएलवी की पिछली उड़ानों के समान ही उपकरण कक्ष के शीर्ष पर आरूढ़ किया गया है। उड़ान अनुक्रम में, आईआरएस-पी4 को पहले, और उसके पीछे किटसैट-3 तथा डीएलआर-टबसैट को क्रमशः अंतःक्षेपित किया जाता है।
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294 टन उत्थापन भार सहित, 44.4 मी. ऊँचा पीएसएलवी चार चरण वाला यान है, जिसके पहले व तीसरे चरण में ठोस प्रणोद और दूसरे तथा चौथे चरण में द्रव प्रणोद का उपयोग किया जाता है। इसके पहले चरण में छह ठोस प्रणोद स्ट्रैप-ऑन मोटर का भी उपयोग होता है। पीएसएलवी को चेन्नई से लगभग 100 कि.मी. उत्तर की ओर स्थित इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, शार, श्रीहरिकोटा से प्रमोचित किया जाता है।
पीएसएलवी की पहली परिचालन उड़ान 29 सितंबर,1997 को हुई थी जिसने आईआरएस-1डी को ध्रुवीय सूर्यतुल्यकालिक कक्षा में डाल दिया है। Antrix Corporation, अंतरिक्ष विभाग के वाणिज्यिक सामने, इसरो की ओर से पीएसएलवी लॉन्च सेवाओं का विपणन करता है।