अंतरिक्ष के लिए क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र [आरएसी-एस] होम /क्षमता निर्माण /शिक्षा जगत
अंतरिक्ष के लिए क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र (आरएसी-एस) भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की भविष्य की तकनीकी और कार्यक्रम संबंधी आवश्यकताओं के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को आगे बढ़ाने तथा क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करने हेतु क्षेत्रीय स्तर की नई पहल है।
आरएसी-एस की स्थापना के लिए चयनित संस्थान अनुसंधान गतिविधियों का समन्वय करेगा और अग्रणी केंद्र के रूप में कार्य करेगा। आरएसी-एस केंद्र की अनुसंधान और विकास संबंधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता वाले संस्थानों को भी शामिल करेगा। यह अग्रणी केंद्र, क्षेत्र में क्षमता निर्माण, जागरूकता सृजन और इसरो की अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के लिए एक अग्रदूत बन जाएगा।
केंद्र का नेतृत्व एक क्षेत्रीय समन्वयक करेगा, जिसकी पहचान आरएसी-एस द्वारा अपने मौजूदा कर्मचारियों में से की जाएगी। आरएसी-एस का क्षेत्रीय समन्वयक आरएसी-एस के समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगा, जिसमें इसके दैनिक कामकाज और आरएसी-एस के अनुमोदित बजट के तहत सभी व्ययों की सिफारिश करना शामिल है।
More Details
• भारत के छह क्षेत्रों में 6 आरएसी-एस कार्यरत हैं।
1
उत्तरी क्षेत्र- एनआईटी कुरूक्षेत्र, कुरूक्षेत्र
दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब और उत्तराखंड
2
पश्चिमी क्षेत्र- एमएनआईटी जयपुर, जयपुर
दादरा और नागर हवेली, गोवा, दमन और दीव, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान
3
दक्षिणी क्षेत्र- एनआईटीके सुरतकल, मैंगलोर
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, पांडिचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना
4
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र- गुवाहाटी विश्व विद्यालय, गुवाहाटी
अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागलैंड तथा त्रिपुरा
5
मध्य क्षेत्र - आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी,
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश
6
पूर्वी क्षेत्र - एनआईटी पटना, पटना
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, बिहार, झारखंड, ओडिशा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल
अप्रैल 2023 तक आरएसी-एस के तहत चल रही परियोजनाओं की सूची
अनुसंधान क्षेत्र के अंतरिक्ष दस्तावेज़
आरएसी-एस समन्वयक सूची