एस.एस.एल.वी.-डी1/ई.ओ.एस.-02 िमशन होम गतिविधियाँ मिशन पूरा
इसरो ने 500 कि.ग्रा. तक के उपग्रहों को निम्न भू-कक्षा में ‘मांग आधारित प्रमोचन’ आधार पर प्रमोचन सुविधाएं उपलब्ध करने के लिए लघु उपग्रह प्रमोचन रॉकेट (एस.एस.एल.वी.) विकसित किया। प्रथम विकासात्मक उड़ान, एस.एस.एल.वी.-डी1/ई.ओ.एस.-02 मिशन सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा के प्रथम प्रमोचन पैड से 7 अगस्त 2022 को पूर्वाह्न 09:18 (भा.मा.स.) बजे निर्धारित है। एस.एस.एल.वी.-डी1 मिशन 135 कि.ग्रा. के उपग्रह ई.ओ.एस.-02 को भूमध्य रेखा से लगभग 350 कि.मी. पर लगभग 37 डिग्री के आनत पर निम्न भू-कक्षा में प्रमोचित करेगा। इस मिशन के साथ आजादीसैट उपग्रह भी ले जाया जा रहा है।
एस.एस.एल.वी. तीन ठोस चरणों 87 टन, 7.7 टन और 4.5 टन के साथ संरूपित किया गया है। लक्षित कक्षा में उपग्रह का प्रवेश तरल नोदन आधारित वेग ट्रिमिंग मॉड्यूल के जरिए कराया जाता है। एस.एस.एल.वी. छोटे, सूक्ष्म और लघु उपग्रहों (10 से 500 कि.ग्रा. भार तक के) को 500 कि.मी. की ग्रहीय कक्षा में प्रमोचित करने में सक्षम है। एस.एस.एल.वी. मांग के आधार पर कम लागत में अंतरिक्ष में प्रवेश की सुविधा प्रदान करता है। यह निम्न प्रतिवर्तन काल, अनेक उपग्रहों को वहन करने की सुविधा, मांग आधारित प्रमोचन सुविधा, न्यूनतम प्रमोचन अवसंरचना आवश्यकताओं आदि सुविधाएं प्रदान करता है। एस.एस.एल.वी.-डी1 34 मी. लंबा, 2 मी. व्यास वाला 120 टन उत्थापन भार का एक रॉकेट है।
अधिक जानकारी
ई.ओ.एस.-02 इसरो द्वारा डिजाइन तथा साकार किया गया एक भू-प्रेक्षण उपग्रह है। यह माइक्रोसैट श्रृंखला वाला उपग्रह उच्च स्थानिक विभेदन के साथ अवरक्त बैंड में उन्नत प्रकाशिक सुदूर संवेदन प्रचालन उपलब्ध कराता है। बस संरूपण आई.एम.एस.-1 बस से लिया गया है।
आजादीसैट एक 8यू. क्यूबसैट है, जिसका भार लगभग 8 कि.ग्रा. है। इसमें 75 अलग-अलग नीतभार है जिनमें प्रत्येक का भार 50 ग्राम है और ये फेमटो-परीक्षण करने वाले हैं। देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को इन नीतभारों का निर्माण करने के लिए मार्गदर्शन दिया गया। इन नीतभारों को “स्पेस किड्ज इंडिया” के छात्र टीम द्वारा एकीकृत किया गया है। इन नीतभारों में हैम रेडियो आवृत्ति में काम करने वाला यू.एच.एफ.-वी.एच.एफ. प्रेषानुकर शामिल हैं जो शौकिया रेडियो प्रचालकों के लिए आवाज और आंकड़ा संचरण की सुविधा देता है तथा साथ ही इनमें कक्षा में आयनीकृत विकिरण मापने के लिए एक ठोस अवस्था पी.आई.एन. डायोड आधारित विकिरण काउंटर और एक बड़ी रेंज वाला प्रेषानुकर और सेल्फी कैमरा शामिल है। ‘स्पेस किड्ज इंडिया’ द्वारा विकसित भू-प्रणाली का इस उपग्रह से आंकड़ा प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाएगा।