पी.एस.एल.वी.-सी53/डी.एस.-ई.ओ. मिशन होम / गतिविधियां / पूरे किए गए अभियान
इसरो दिनांक 30 जून, 2022 को पी.एस.एल.वी.-सी53/डी.एस.-ई.ओ. मिशन आरंभ करेगा। यह प्रमोचन सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा के द्वितीय प्रमोचन मंच से भारतीय मानक समय 1800 बजे निर्धारित है। प्रमोचन के पहले की उल्टी गिनती (काउंट डाउन) दिनांक 29 जून, 2022 को 1700 बजे से शुरु होगी।
पी.एस.एल.वी.-सी53, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनसिल) का दूसरा पूर्णतः वाणिज्यिक मिशन है। इसकी अभिकल्पना एस.टी. इलेक्ट्रॉनिक्स, सिंगापुर के दो सहयात्री उपग्रहों के साथ डी.एस.-ई.ओ. को कक्षा में ले जाने हेतु की गई है। यह पी.एस.एल.वी. का 55वां मिशन होगा तथा पी.एस.एल.वी. के कोर-अलोन रूपांतर का 15वां। द्वितीय प्रमोचन मंच से यह पी.एस.एल.वी. का 16वां प्रमोचन होगा। उपग्रह के अलग हो जाने के बाद वैज्ञानिक नीतभारों के लिए एक स्थिरीकृत प्लैटफॉर्म के रूप में प्रमोचनयान के ‘स्पेन्ट’ ऊपरी चरण के उपयोग का प्रदर्शन इस प्रमोचन द्वारा लक्ष्य किया जा रहा है।
अधिक विवरण
चार चरणीय, 44.4 मीटर ऊंचे पी.एस.एल.वी.-सी53 का लिफ्ट-ऑफ द्रव्यमान 228.433 टन है। यह डी.एस.-ई.ओ. उपग्रह को 6948.137 + 20 कि.मी. के सेमि-मेजर अक्ष के साथ कक्षा में स्थापित करेगा। भूमध्यरेखा से इसकी ऊंचाई 570 कि.मी. होगी तथा इसकी निम्न नति 100 + 0.20 होगी। पी.एस.एल.वी.-सी53 तीन उपग्रहों का वहन करेगा। 365 कि.ग्रा. का डी.एस.-ई.ओ उपग्रह तथा 155 कि.ग्रा. का निउसार दोनों सिंगापुर के हैं, जिसे स्टारेक इनिषियेटिव, कोरिया गणराज्य ने बनाया है। तीसरा उपग्रह स्कूब-1 2.8 कि.ग्रा. का है जिसे नानयान्ग टेक्नोलोजिकल युनिवर्सिटी (एन.टी.यू.), सिंगापुर ने तैयार किया है।
डी.एस.-ई.ओ. में एक विद्युत-प्रकाशिक, बहु-स्पेक्ट्रमी नीतभार है, जिसकी प्रतिबिंब विभेदन क्षमता 0.5 मीटर है। निउसार सिंगापुर का पहला लघु वाणिज्यिक उपग्रह है, जो ‘सार’ नीतभार का वहन करता है। यह सभी जलवायु अवस्थाओं में, दिन और रात में ‘इमेज’ उपलब्ध कराने की क्षमता रखता है। सिंगापुर के एन.टी.यू. स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के उपग्रह अनुसंधान केंद्र (सार्क) से छात्रों के लिए ‘हैन्ड्स ऑन’ प्रशिक्षण के तहत स्टूडेंट सैटेलाइट सिरीज (S3-I) का पहला उपग्रह है स्कूब-आई. उपग्रह।
पी.एस.एल.वी. कक्षीय प्रयोगात्मक मॉड्यूल (पी.ओ.ई.एम.) क्रिया ‘स्पेन्ट’ पी.एस.4 चरण का कक्षीय प्लैटफॉर्म के रूप में प्रयोग करते हुए कक्षीय वैज्ञानिक प्रयोगों को पूरा करता है। यह पहली बार होगा जब पी.एस.4 स्टेज एक स्थिरीकृत प्लैटफॉर्म के रूप में पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। एक समर्पित एन.जी.सी. तंत्र का उपयोग कर अभिवृत्ति स्थिरीकरण प्राप्त किया जाता है। (पी.ओ.ई.एम.) को विद्युत शक्ति पी.एस.4 टंकी के चारों ओर माउंट की गई सौर पैनलों तथा लिथियम आयन बैटरी से प्राप्त होती है। चार सौर संवेदकों, एक मैगनेटोमीटर, जायरोस तथा नाविक (NavIC) की सहायता से यह नौसंचालन करता है। हीलियम गैस भंडार का उपयोग कर यह समर्पित नियंत्रण प्रणोदकों का वहन करता है। इसमें टेलीकमांड का फीचर भी दिया गया है।
पी.ओ.ई.एम. छह नीतभारों का वहन करता है, जिसमें से दो भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप मेसर्स दिगंतरा तथा मेसर्स ध्रुव एयरोस्पेस के हैं जिन्हें इनस्पेस और एनसिल के माध्यम से शामिल किया गया है।