पीएसएलवी-सी12 होम / गतिविधियाँ / मिशन पूरा
भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान, पीएसएलवी-सी12 ने अपने 15वें अभियान में 14 अप्रैल, 2009 को 300 कि.ग्रा. के राडार प्रतिबिम्बन उपग्रह रिसैट-2 एवं अनुसैट नामक 40 कि.ग्रा. के लघु उपग्रह को 550 कि.मी. की अभीष्ट कक्षा में प्रमोचित किया। पीएसएलवी एक चार-चरण वाला प्रमोचन यान है जो ठोस एवं द्रव दोनों नोदन चरणों को उपयोग में लाता है। पीएसएलवी इसरो का विश्वसनीय कार्योपयोगी प्रमोचन यान है। 1993-2008 की अवधि के दौरान, पीएसएलवी के चौदह प्रमोचन हुए जिसमें से तेरह लगातार सफल रहे। पीएसएलवी ने अब तक विभिन्न कक्षाओं में 32 अंतरिक्ष यानों (16 भारतीय एवं 16 अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के लिए) के प्रमोचन द्वारा बार बार अपनी विश्वसनीयता एवं प्रतिभा को सिद्ध किया है। यह स्मरण किया जा सकता है कि अपने पिछले अभियान के दौरान, पीएसएलवी ने 22 अक्तूबर, 2008 को चन्द्रयान-1 अंतरिक्षयान का सफलतापूर्वक प्रमोचन किया था, जो इस समय चंद्र कक्षा से चंद्रमा का अन्वेषण कर रहा है।
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अपने मानक विन्यास में, 44 मी. लंबे पीएसएलवी में 295 टन का उत्थापन द्रव्यमान है। यह एक चार-चरण वाला प्रमोचन यान है जिसमें प्रथम एवं तीसरे चरण और साथ ही साथ, छह स्ट्रैप-ऑन प्रथम चरण को घेरे हुए एचटीपीबी आधारित ठोस नोदक का उपयोग करते हैं। पीएसएलवी का प्रथम चरण विश्व के बृहद ठोस नोदक बूस्टरों में से एक है। इसके दूसरे एवं चौथे चरण द्रव नोदकों का उपयोग करते हैं।
पीएसएलवी-सी12 का इसके ‘क्रोड-मात्र’ विन्यास में छह स्ट्रैप-ऑन के बिना प्रमोचन किया गया था। उत्थापन के समय पीएसएलवी-सी12 का वज़न लगभग 230 टन है। यह स्मरण किया जा सकता है कि पीएसएलवी ने अपने क्रोड-मात्र विन्यास में क्रमश: 2007 और 2008 के दौरान एजाइल एवं टेक्सार का प्रमोचन किया था।