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प्रमोचन सेवाएं (एस.एस.एल.वी., पी.एस.एल.वी., जी.एस.एल.वी. और एलवीएम-3)
अं.वि./इसरो के ध्रुवीय उपग्रह रॉकेट (पी.एस.एल.वी.) द्वारा 1999 से ग्राहक उपग्रहों के लिए प्रमोचन सेवाएं प्रदान कर रहा है। जून 2019 तक, 33 देशों के 319 ग्राहक उपग्रहों को वाणिज्यिक आधार पर पी.एस.एल.वी. पर अपनी वाणिज्यिक शाखा के माध्यम से प्रमोचित किया गया है। सितंबर 2016 में, पी.एस.एल.वी. सी-37 ने 104 उपग्रहों को कक्षा में सफलतापूर्वक अंतःक्षेपित किया है, जोकि एकल मिशन में अब तक प्रमोचित किए गए उपग्रहों की सबसे अधिक संख्या है। पी.एस.एल.वी. एक बहुमुखी रॉकेट है, जो उपग्रहों को एल.ई.ओ., एस.एस.ओ., उप-जी.टी.ओ., जी.टी.ओ. कक्षाओं में प्रक्षेपित करने में सक्षम है। इसरो द्वारा अपने भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (जी.एस.एल.वी.) और एलवीएम-3 के संचालन और लघु उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (एस.एस.एल.वी.) के निर्माण के साथ, वांछित रॉकेट पर प्रमोचन के रूप में, एनसिल अपनी प्रमोचन सेवाएं प्रस्तुत करने और विस्तार करने की स्थिति में है। ये प्रमोचन चेन्नई के पास श्रीहरिकोटा स्थित भारत के अंतरिक्ष पत्तन, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी.) से संपन्न किए जाएंगें। क्रायोजेनिक चरण को नियोजित करने वाले भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (जी.एस.एल.वी.) का उद्देश्य 2200 किलोग्राम के भारी उपग्रहों को भू-तुल्यकाली अंतरण कक्षाओं (जी.टी.ओ.) में ले जाना है। भारी उत्थापन प्रमोचित्र जी.एस.एल.वी. मार्कIII (अर्थात् एल.वी.एम.3) का उद्देश्य जी.टी.ओ. क्षमता को 4000 किलोग्राम तक बढ़ाना है और यह वर्तमान में विकास के अधीन है। लघु उपग्रह प्रक्षेपण रॉकेट (एस.एस.एल.वी.) का उद्देश्य 500 किलोग्राम उपग्रह को 500 कि.मी. की एल.ई.ओ. कक्षा में ले जाना है। इसरो द्वारा विकसित और प्रचालनरत प्रमोचक रॉकेटों के समूह के साथ, एनसिल सभी प्रकार के उपग्रहों के लिए स्वदेशी विकसित उड़ान प्रमाणित नीतभार पृथक्करण प्रणालियों और अनुकूलकों की विस्तृत विविधता के साथ राइड शेयरिंग और समर्पित मिशनों, दोनों के लिए व्यापक प्रमोचन समाधान प्रदान करता है। नीतभार पृथक्करण प्रणाली के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
अधिक विवरण के लिए:
अंतरिक्ष पत्तन
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा, जिसे आमतौर पर शार के रूप में जाना जाता है, चेन्नई से 80 कि.मी. की दूरी पर देश के पूर्वी तट पर स्थित है, जो भारत का अंतरिक्ष पत्तन है। शार विशाल भारतीय तट रेखा से घिरे उत्तरी अक्षांश पर भू-मध्य रेखा के ठीक ऊपर स्थित है, जो इसे आज दुनिया के सबसे आदर्श प्रक्षेपण स्थलों में से एक बनाता है। केंद्र में दो प्रमोचन कॉम्प्लेक्स हैं - पहला प्रमोचन पैड (एफ.एल.पी.) और दूसरा प्रमोचन पैड (एस.एल.पी.) – इन दोनों में अत्याधुनिक समुच्चयन और स्वच्छ कक्ष की सुविधा है। शार की वर्ष 1971 में आर.एच.-125 परिज्ञापी रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ एक साधारण शुरुआत हुई है और तब से केंद्र ने एक लंबा सफर तय किया है। वर्तमान में इसमें दुनिया में सबसे बड़ी ठोस मोटर उत्पादन और जाँच सुविधाएं मौजूद हैं तथा ग्राहकों को विश्वसनीय प्रमोचन सेवाएं प्रदान करने के लिए, नोदक भरण और सेवा सुविधाएं और अत्याधुनिक परास प्रचालन उपलब्ध हैं। द्वीप में कर्मचारियों के लिए आवास की सुविधा है और प्रमोचन प्रचालन के लिए द्वीप पर जाने वाले उन ग्राहकों के लिए एक पूरी तरह से कार्यात्मक अतिथि-गृह भी है।
प्रमोचन कॉम्पलेक्स
शार में दो प्रमोचन कॉम्प्लेक्स हैं तथा प्रत्येक प्रमोचन कॉम्प्लेक्स एल.ई.ओ., जी.ई.ओ., उप-जी.टी.ओ. या जी.टी.ओ. जैसे किसी भी तरह के मिशनों के वाहन समुच्चयन, चेक आउट और प्रमोचन प्रचालनों लिए संपूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए सक्षम है। इस केंद्र में परिज्ञापी रॉकेटों के प्रक्षेपण में सहायता कर सकने वाली सुविधाएं भी हैं।
प्रमोचन सुविधाएँ
एस.डी.एस.सी., शार विश्व स्तरीय प्रमोचन अवरसंरचना प्रदान करता है और इसमें कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसका उद्देश्य वर्ष भर में एक साथ कई प्रमोचन रॉकेटों की तैयारी करना और प्रमोचन करना है। प्रमोचन कॉम्प्लेक्स में रॉकेट समुच्चयन के लिए आद्योपांत समर्थन सुविधाएं मौजूद हैं।
प्रथम प्रमोचन पैड
एफ.एल.पी. को 1990 के दशक की शुरुआत में पैड पर एकीकृत करने की अवधारणा से बनाया गया था, जिसमें रॉकेट का समुच्चयन करने के बाद, एक 3200 टन मोबाइल सर्विस टॉवर (एम.एस.टी.), अपने पार्किंग स्थल पर पीछे की ओर चला जाता है। यह सुविधा भू-भंडारणीय और क्रायो नोदकों दोनों के भंडारण, परिवहन और सर्विसिंग को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है।
द्वितीय प्रमोचन पैड
वर्ष 2005 में प्रचालनात्मक एस.एल.पी. को इसरो द्वारा सामना की जा रही बढ़ती प्रमोचन मांगों के समर्थन के लिए एक सुविधा उन्नयन के रूप में परिकल्पित और कार्यान्वित किया गया था। रांची, झारखंड में स्थित भारत सरकार के उद्यम मेकॉन लिमिटेड द्वारा निर्मित, एस.एल.पी. समेकन, अंतरण एवं प्रमोचन (आई.टी.एल.) अवधारणा का अनुसरण करता है, जिसमें रॉकोट समुच्चयन निर्माण (वी.ए.बी.) में मोबाइल प्रमोचन पेडस्टल पर इकट्ठा होने के बाद वाहन एक रेल ट्रैक पर ऊर्ध्वाधर स्थिति में प्रमोचन पैड पर ले जाया जाता है। यह सुविधा क्रायोजेनिक और भू-भंडारणीय प्रणोदक भंडारण, सर्विसिंग और परिवहन का बेहतरीन समर्थन कर सकती है।
एनसिल के माध्यम से प्रमोचन सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त की जा सकती है।