अंतरिक्ष विभाग की दृष्टि, लक्ष्य एवं उद्देश्य होम / के बारे में / अंतरिक्ष विभाग की दृष्टि, लक्ष्य एवं उद्देश्य


  दृष्टि

अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान व ग्रहीय अन्वेषण करने के साथ-साथ राष्ट्रीय विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करना, बनाए रखना व संवर्धन करना।

  लक्ष्य

  • अंतरिक्ष तक पहुंच बनाने के लिए प्रमोचक रॉकेट वाहनों व तत्संबंधित प्रौद्योगिकियों का अभिकल्प्न व विकास

  • भू-पर्यवेक्षण, संचार, दिशानिर्देशन, मौसमविज्ञान तथा अंतरिक्षविज्ञान के लिए उपग्रहों व तत्संबंधित प्रौद्योगिकियों का अभिकल्पं व विकास

  • दूरसंचार, टेलिविज़न प्रसारण तथा विकास संबंधित अनुपयोगों के लिए भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इन्सैट) कार्यक्रम

  • उपग्रह अधारित चित्रों द्वारा प्राकृतिक संसाधानों के प्रबंधन तथा पर्यावरण के माँनिटरन के वास्ते भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (आईआरएस) कार्यक्रम

  • सामाजिक विकास तथा आपदा प्रबंधन में सहायता के लिए अंतरिक्ष आधारित अनुप्रयोग

  • वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में महत्वउपूर्ण भूमिका के लिए निजी कंपनियों को संवर्धित एवं प्राधिकृत करना

  उद्देश्य

•   ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (पी.एस.एल.वी.), भू-तुल्यसकाली उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (जी.एस.एल.वी.) तथा लघु उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (एस.एस.एल.वी.) की प्रचालनात्मक उड़ानें।

•   नए अंतरिक्ष परिवहन समाधानों की डिजाइन एवं विकास।

•   संचार उपग्रहों की डिजाइन, विकास एवं निर्माण।

•  भू-प्रेक्षण उपग्रहों की डिजाइन, विकास एवं निर्माण।

•   नौसंचालन उपग्रह प्रणालियों का विकास

•  अंतरिक्ष विज्ञान तथा ग्रहीय अन्वे षण के लिए उपग्रहों का विकास

•  भू-प्रेक्षण अनुप्रयोग

•  सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए अंतरिक्ष आधारित प्रणालियां।

•  उन्नजत प्रौद्योगिकियां, नीतभार तथा नई पहलें।

•  प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण तथा शिक्षा।

•   अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रचार-प्रसार

•  अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए अवसंरचना / सुविधा विकास

•   अंतरराष्ट्रीय सहयोग

•  भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम से उत्पशन्नध उत्पाादों एवं सेवाओं की वाणिज्यिक उपयोगिता।

•  अंतरिक्ष क्षेत्र में भारतीय निजी कंपनियों का संवर्धन एवं प्राधिकरण।