लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एस.एस.एल.वी.) की सफल उड़ान होम


फरवरी 10, 2023

आज, लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एस.एस.एल.वी.) ने तीन उपग्रहों को उनकी लक्षित कक्षाओं में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। अपनी दूसरी विकासात्मक उड़ान में, एस.एस.एल.वी.-डी2 वाहन ने ई.ओ.एस.-07, जानुस-1 और आज़ादीसैट-2 उपग्रहों को 37 डिग्री के झुकाव के साथ उनकी लक्षित 450 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया। इसने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा के पहले प्रमोचन पैड से 09:18 घंटे भा.मा.स. पर उड़ान भरी और उपग्रहों को इंजेक्ट करने में लगभग 15 मिनट का समय लगा।

एस.एस.एल.वी. 'मांग पर प्रमोचन' आधार पर निम्न भू कक्षा में 500 किलोग्राम तक के छोटे उपग्रहों के प्रमोचन को पूरा करने के लिए इसरो द्वारा विकसित नया छोटा उपग्रह प्रमोचन वाहन है। इसे क्रमशः तीन ठोस चरणों 87 टन, 7.7 टन और 4.5 टन के साथ संरूपित किया गया है। एस.एस.एल.वी. एक 34 मीटर लंबा, 2 मीटर व्यास वाला वाहन है जिसका उत्थापन द्रव्यमान 120 टन है। एक तरल प्रणोदन-आधारित वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल (वीटीएम) वांछित कक्षा में उपग्रहों के प्रवेश के लिए वांछित वेग प्राप्त करता है। एस.एस.एल.वी. 500 किलोमीटर की कक्षा में लघु, सूक्ष्म, या नैनो-उपग्रह (10 से 500 किलोग्राम द्रव्यमान) प्रमोचन करने में सक्षम है। यह अंतरिक्ष के लिए कम लागत वाली पहुंच प्रदान करता है, कम टर्न-अराउंड समय प्रदान करता है, कई उपग्रहों को समायोजित करने में लचीलापन प्रदान करता है और न्यूनतम प्रमोचन अवसंरचना की मांग करता है।

7 अगस्त, 2022 को अपनी पहली विकासात्मक उड़ान में, एस.एस.एल.वी.-डी1 उपग्रहों को स्थापित करने में मामूली रूप से चूक गया था। एस.एस.एल.वी.-डी2 ने एस.एस.एल.वी.-डी1 उड़ान की कमियों का विश्लेषण करने वाली विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई सिफारिशों को लागू किया।

एस.एस.एल.वी.-डी2 ने ईओएस-07 को वहन किया, जो इसरो द्वारा तैयार किया गया 153.6 किग्रा का भू-प्रेक्षण उपग्रह है; जानुस-1, 10.2 किलोग्राम वजनी एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह, एंटारिस, यूएसए से संबंधित है; और आज़ादीसैट-2, एक 8.8 किलोग्राम उपग्रह जिसे स्पेस किड्ज़ इंडिया द्वारा पूरे भारत में 750 छात्राओं द्वारा विकसित विभिन्न वैज्ञानिक नीतभारों को एकीकृत करके प्राप्त किया गया।

आज के सफल प्रक्षेपण के साथ भारत को एक नया प्रक्षेपण यान मिला है जिसका उद्देश्य मांग के आधार पर उद्योग के माध्यम से प्रक्षेपित छोटे उपग्रहों का व्यावसायीकरण करना था। इसरो अंतरिक्ष में छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की बढ़ती वैश्विक आवश्यकता को पूरा करने के लिए तत्पर है।

SSLV-D2/EOS-07 Gallery
SSLV-D2/EOS-07 Gallery
SSLV-D2/EOS-07 Gallery
SSLV-D2/EOS-07 Gallery

अधिक जानकारी

अधिक जानकारी