एल.वी.एम.3 एम2/ वनवेब इंडिया-1 मिशन होम


23 अक्तूबर, 2022

एल.वी.एम.3 एम2/ वनवेब इंडिया मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
सभी 36 उपग्रह उनकी वांछित कक्षाओं में स्थापित किए गए।

एल.वी.एम.3 एम2/ वनवेब इंडिया-1 मिशन

अपनी दूसरी प्रचालनात्मक उड़ान में एल.वी.एम.3 प्रमोचक रॉकेट ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा, आंध्र-प्रदेश के दूसरे प्रमोचन पैड से 23 अक्तूबर, 2022 को 0007 बजे उड़ान भरी और वनवेब के 36 उपग्रहों को उनकी वांछित कक्षाओं में स्थापित किया।

यह एल.वी.एम.3 की पांचवी उड़ान थी । एनसिल के माध्यम से विदेशी ग्राहक के लिए यह एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन था। 87.4 डिग्री की आनति वाली लगभग 601 कि.मी. की वृत्तीय निम्न-भू कक्षा में कुल 36 वनवेब पीढ़ी-1 उपग्रहों को प्रमोचित किया गया, जिनमें प्रत्येक का वजन 150 कि.ग्रा. और कुल उपग्रहों का वजन लगभग 5796 कि.ग्रा. था। क्रायोजेनिक चरण से आभिविन्यास और पुनः आभिविन्यास सहित 9 चरणों के 75 मिनट तक चलने वाले अनोखे युक्तिचालन से उपग्रहों का पृथक्करण हुआ। वनवेब ने उपग्रहों से संकेतों के अधिग्रहण की पुष्टि की।

वनवेब पीढ़ी-1 उपग्रह के.यू.-बैंड और के.यू.-बैंडो में संचार सुविधा प्रदान करने के लिए बेंट-पाइप प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं। इन्हें 12 कक्षीय तलों में व्यवस्थित किया गया है, जहाँ 1200 कि.मी. पर प्रत्येक तल में 49 उपग्रह होते हैं।

एल.वी.एम.3 एम2 को ऐतिहासिक घटना बताते हुए, श्री एस. सोमनाथ, अध्यक्ष, इसरो ने इस मिशन को अत्यंत कम समय में साकार करने के लिए इसरो, एनसिल और वनवेब के बीच के सहक्रियात्मक प्रयास की सराहना की। उन्होंने सी.15 प्रचालनों के लिए एल.पी.एस.सी में जड़त्वीय नौवहन प्रणाली के डिजाइन एवं विकास कार्य के लिए विशेष तौर पर उल्लेख किया।

इसरो द्वारा निष्पादित यह सबसे बड़ी वाणिज्यिक मांगों में से एक था। इस प्रमोचन के साथ एल.वी.एम.3 का वैश्विक बाजार में शानदार ढ़ग से पदार्पण हुआ।

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