स्कैटसैट-1 उपग्रह का उपयोग कर बाढ़ मानीटरण
भारत के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर गुजरात, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार, असम और हाल ही में जुलाई 2017 के मध्य में पश्चिम बंगाल में मॉनसून सक्रिय था। भारी बारिश ने इन क्षेत्रों में गुजरात और पड़ोसी क्षेत्रों में भारी बारिश के साथ बाढ़ आई । बानसकांठा, अहमदाबाद, गांधीनगर, मेहसाना, पाटन, साबरकांठा आदि जिलों में जुलाई 20, 2017 से 26 जुलाई, 2017 के दौरान, औसत वर्षा से 300% अधिक दर्ज की गई है।
बृहत क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति का पता लगाने और निगरानी में उपग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिओस्टेशनरी प्लेटफॉर्म (इन्सैट-3डी/3 डीआर) पर ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग क्लाउड पैटर्न और मौसम संबंधी मापदंडों (वर्षा) पर तेजी से और बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है; हालांकि, वह बादल की उपस्थिति में सतह जल की स्थिति को चित्रित करने में असमर्थ है । माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग तकनीकों से अद्वितीय लाभ होता है जिसमें विद्युत चुम्बकीय विकिरण बादलों को भेदकर और सतह जल विज्ञान की विशेषताओं को समझता है। स्कैटसैट-1 (26 सितंबर, 2016 को पीएसएलवी-सी35 द्वारा प्रमोचित) का डेटा भारत में बाढ़ की स्थिति का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
स्कैटसैट-1 मौसम पूर्वानुमान, चक्रवात का पता लगाने और ट्रैकिंग के लिए ओशियनसैट-2 स्केट्रोमीटर का निरंतरता मिशन है। उपग्रह कू-बैंड स्कैट्रोमीटर वहन करता है और एचएच और वीवी ध्रुवीकरणों में शंक्वाकार फैशन में स्कैन करता है और उच्च अतिव्यापी क्षेत्रों के कारण उच्च-विभेदन डेटासेट को विकसित करने की अनुमति देता है। गुजरात में और राजस्थान के दक्षिणी हिस्सों में विशेष स्थैतिक बल देने के साथ भारत में बाढ़ का पता लगाने और निगरानी के लिए पश्चप्रकीर्णता और प्रदीप्ति तापमान के लिए कु-बैंड में स्कैटसैट-1 अवलोकनों का विश्लेषण किया गया है।
पश्चप्रकीर्णता और प्रदीप्ति तापमान डेटा को मिलाते हुए उन क्षेत्रों को चित्रित करने में मदद मिली, जिसमें बाढ़ आई थी, आंशिक रूप से जलमग्न या विभिन्न गीली मिट्टी स्थितियां (संतृप्त या सूखा) मौजूद थीं। जुलाई के दूसरे सप्ताह में गंगा (कानपुर से पटना और कोसी नदी) और ब्रह्मपुत्र के मैदान बाढ़ में जलमग्न रहें। अहमदाबाद, मेहसाना, खेड़ा, बानसकांठा, भावनगर में अत्यधिक बाढ़ की स्थिति देखी गई, जबकि जुलाई के चौथे हफ्ते में भरूच में अपेक्षाकृत सूखी स्थिति की तुलना में पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में मध्यम क्षेत्र जलमग्न रहा ।
24 जुलाई, 2017 को सी-बैंड एसएआर इमेजिंग सैटेलाइट उच्च विभेदन डेटा सेंटीनेल-1ए ने गुजरात के कुछ हिस्सों में जलप्लावित क्षेत्रों की तुलना में मदद की। बाढ़ की स्थिति पर स्कैटसैट-1 और सेंटीनल-1ए अवलोकन डेटा अच्छी तरह से सहसंबंधित थें।
विश्लेषण ने उच्च स्तरीय विभेदन (दैनिक) के साथ बाढ़ जैसे चरम घटनाओं का पता लगाने और निगरानी करने में स्कैटसैट-1 मिशन की उपयोगिता को दिखाया। अंतरिक्ष व्योम एवं वेदास वेब पोर्टल अंतरिक्ष उपयोग केंद्र पर देखा जा सकता है ।
स्कैटसैट-1 से अवलोकित बाढ़
24 जुलाई 2017 को गुजरात और पूर्वोत्तर क्षेत्र के घने बादलों को दर्शाता इन्सैट-3 डी से दृश्यमान प्रतिबिंब
गुजरात और पड़ोसी क्षेत्रों पर स्कैटसैट-1 का उपयोग करते हुए जलमग्न बदलाव विश्लेषण (6-10 जुलाई बनाम 22-26 जुलाई 2017)
21-26 जुलाई 2017 के दौरान गुजरात के विभिन्न जिलों में अवलोकित संचयी वर्षा (मिमी)
(डेटा स्रोत: गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण)
गुजरात के कुछ हिस्सों में 24 जुलाई, 2017 को स्कैटसैट-1 (कु-बैंड, स्थूल विभेदन) और सेंटिनेल-1ए (सी-बैंड, उच्च विभेदन) का विलय कर जलप्लावन जानकारी