एंट्रिक्सी द्वारा सामाजिक रूप से प्रासंगिक गतिविधियों का निष्पाएदन
एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ए.सी.एल.), जो कि इसरो का वाणिज्यिक और विपणन अंग है, विश्व भर में अतरराष्ट्रीय ग्राहकों को अंतरिक्ष उत्पादों और सेवाओं को प्रदान करने हेतु कार्यरत है। पूर्णत: अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस, एंट्रिक्स सरल उप-प्रणाली से जटिल अंतरिक्षयान को शामिल करते हुए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की आपूर्ति से कई अंतरिक्ष उत्पादों, संचार, भू-प्रेक्षण तथा वैज्ञानिक मिशनों को समाहित करते हुए कई विभिन्न अनुप्रयागों; सुदूर संवेदन आंकड़ा सेवा, प्रेषानुकर पट्टा सेवा; प्रचालनात्मक प्रमोचक राकेटों (पी.एस.एल.वी. तथा जी.एस.एल.वी.) के माध्यम से प्रमोचन सेवाओं; मिशन सहायता सेवा; तथा कई परामर्शकारी और प्रशिक्षण सेवाओं को शामिल करते हुए कई अंतरिक्ष उत्पादों हेतु शुरू से अंत तक समाधान प्रदान करता है।
ए.सी.एल. ने, ‘‘गरीबी के उन्मूलन, निरक्षरता को मिटाने तथा जीवन स्तर को बढ़ाने, ताकि आर्थिक अंतर को कम किया जा सके और जाति, धर्म तथा आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना सभी को समान अवसर प्राप्त हो सकें, की दिशा में कार्य करते हुए समाज के व्यवस्थित विकास और उन्नति में योगदान देने’’ की सी.एस.आर. की दूरदर्शिता के साथ जून 2014 में अपने कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व एवं निरंतर विकास (सी.एस.आर. एवं एस.डी.) को निर्धारित किया है।
ए.सी.एल. जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने; ग्रामीण समुदाय के कल्याण तथा पिछड़े इलाकों में मूलभूत सुविधाओं को प्रदान करने हेतु कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सी.एस.आर.) के भाग के रूप में स्वच्छता, स्वास्थ्य-देखभाल, शिक्षा, पेयजल, नि:शक्तजनों की सहायता, गांव को गोद लेना, महिला सशक्तिकरण, जलसंभारण विकास, इत्यादि के क्षेत्र में सामाजिक रूप से प्रासंगिक गतिविधियों का निष्पादन करता है।
इसके अलावा, ए.सी.एल. बाढ़ आपदा बचाव तथा पुन: निर्माण गतिविधियां, गंगा नदी सफाई कार्यक्रम, निराश्रित बच्चों की देखभाल तथा पुनर्वास, खेलों के विकास, आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भी योगदान देता है।
- स्वच्छ भारत अभियान
ए.सी.एल. ने स्वच्छ भारत अभियान को प्राथमिकता दी है तथा साफ-सफाई सुविधाओं को प्रदान करता है। ए.सी.एल. ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर लड़कियों के लिए सरकारी प्राथमिक स्कूलों में शौचालयों के निर्माण कार्य में लगा हुआ है। इस गतिविधि से स्वच्छता और शौचालयों के बारे में जागरूकता पैदा हुई, जिसके परिणामस्वरूप खुले में शौच करना बंद हुआ तथा स्वच्छ पर्यावरण के रख-रखाव में मदद मिली। इससे स्कूलों में साफ-सफाई और स्वच्छता पहलुओं को अपनाने की बात पर बल पड़ा।
खुले में शौच को दूर करने, जिससे कि पर्यावरणीय प्रदूषण फैल रहा है तथा बिमारियां जन्म ले रही हैं, के लिए अधिकतर सरकारी अस्पतालों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी कर रहा है। इस सुविधा द्वारा इलाज कराने हेतु आ रहे मरीजों तथा उनके साथ आने वाले अटेंडरों को लाभ पहुंचा है, जिससे परिसर को साफ एवं स्वच्छ रखने में सहायता मिली है।
गांवों में स्वच्छता एवं साफ-सफाई को बढ़ाने हेतु, ए.सी.एल. गरीबी रेखा से नीचे (बी.पी.एल.) वाले परिवारों हेतु घरों में भी शौचालयों का निर्माण करवा रहा है। इस कार्य को ब्रह्मसंद्रा गांव में किया जा रहा है ताकि उसे खुले में शौच करने से (ओ.डी.एफ.) रहित गांव बनाया जा सके।
सूखा प्रभावित क्षेत्रों में मलनिकास उपचार संयंत्र (ए.टी.पी.) को लगाया गया है तथा उसका प्रचालन भी किया गया है ताकि दुर्लभ जल संसाधन का ठीक से उपयोग और प्रबंधन किया जा सके। इस कार्यक्रम से कर्नाटक के बीदर जिले में एक अनाथ स्कूल को भी फायदा मिला।
- दिव्यांगों का सशक्तिकरण
ए.सी.एल. सी.एस.आर. की एक और महत्वपूर्ण गतिविधि में शामिल है नि:शक्तजनों के सशक्तिकरण के लिए भारतीय कृत्रिम अंग उत्पादन कॉर्पोरेशन जो कि एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, के माध्यम से विकलांग, मंददृष्टि और बधिर व्यक्तियों को उपकरणों तथा सहायक मशीनों का वितरण करना। अब तक, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में 1400 से भी अधिक व्यक्तियों को इसका लाभ प्राप्त हो चुका है। विभिन्न प्रकार की विकलांगता के लिए कैंप में बैटरी द्वारा चलने वाली मोटरीकृत ट्राईसाईकिलों, व्हीलचेयरों, ट्राईसाईकिलों, एक्सिला/एलबो, क्रचैस, वाकिंग स्टिक, विकलांग व्यक्तियों के लिए रोलेटर, कानों के पीछे लगने वाली सुनने में मदद करने वाली मशीनों, स्मार्ट कैनों, स्मार्ट फोनों, डेयजी प्लेयर, ब्रैल केन, एम.आई.डी. किट जैसे विभिन्न उपकरणों का वितरण किया है।
- ए.सी.एल. द्वारा गांव को गोद लेना
कर्नाटक के तुमकुर जिला के सिरा तालुक में ब्रह्मसंद्रा गांव को बी.ए.आई.एफ. नामक एक गैर-सरकारी संगठन के माध्यम से सामाजार्थिक तथा तकनीकी हस्तक्षेपों द्वारा एक आदर्श गांव बनाने हेतु ए.सी.एल. ने गोद लिया है। 3 वर्षों की अवधि तक गतिविधियों के कार्यान्वयन के माध्यम से निरंतर विकास हेतु प्रतिभागिता, ग्रामीण मूल्यांकन (पी.आर.ए.) तथा आवश्यकता मूल्यांकन के द्वारा कार्य योजना को जारी किया गया था। टैंक पुर्नोद्धार, गांव को खुले में शौच रहित बनाने हेतु घरों में शौचालयों का निर्माण, वर्षा जल दोहन, कृषि-वानिकी, आय को बढ़ाने वाली गतिविधियां, पशुधन विकास, सौर ऊर्जा को प्रयोग में लाना, जैविक खेती, कौशल विकास आदि जैसी गतिविधियों का कार्यान्वयन किया जा रहा है। जागरूकता पैदा करने तथा मनोबल बढ़ाने हेतु गांव के समुदाय को सदस्यों हेतु प्रशिक्षण तथा एक्सपोजर दौरों का आयोजन किया गया। ैविक ियं तों
- स्वास्थ्य देखभाल सहायता
ए.सी.एल. ने पाद विकृति से ग्रसित बच्चों के इलाज के लिए क्यूर इंटरनेशनल के साथ हाथ मिलाया है। इन बच्चों का इलाज बेंगलूर के इंदिरा गांधी बाल स्वास्थ्य सरकारी अस्पताल में हो रहा है। एंट्रिक्स के स्वास्थ्य देखभाल से कर्नाटक के गरीब परिवारों से प्रभावित 150 ऐसे बच्चों की सहायता हो रही है।
- राष्ट्रीय विकास में योगदान
ए.सी.एल., सी.एस.आर. गतिविधियों के माध्यम से देश में प्रभावित क्षेत्रों में वित्तीय रूप से आपदा बचाव तथा पुन: प्रतिस्थापना में योगदान दे रहा है। उत्तराखंड और जम्मू एवं कश्मीर राज्यों में विस्थापित परिवारों के निवासस्थान के पुन: निर्माण तथा अवसंरचना को पुन:स्थापित करने में सहायता प्रदान कर रहा है।
सी.एस.आर. कार्यक्रम ने सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखने में भी योगदान दिया है, जिससे विस्थापित व्यक्तियों तथा सांप्रदायिक दंगों के पीडितों को उनकी शिक्षा तथा व्यवसाय के लिए अवसरों को ढूंढने में सहायता मिली और जिसके बदले में उनके पुनर्वास में मदद हुई।
ए.सी.एल. गंगा नदी के स्वच्छता कार्यक्रम हेत जल संसाधन मंत्रालय और देश में खेल-कूद के विकास हेतु खेल-कूद और युवा मामले मंत्रालय के लिए भी योगदान दे रहा है।
ए.सी.एल. को पिछले वर्ष के दौरान दिल्ली प्रबंधन संघ (डी.एम.ए.) एवं भारतीय कॉर्पोरेट मामला संस्थान द्वारा ‘उत्कृष्ट सी.एस.आर. परियोजना पुरस्कार’ प्रदान किया गया था।