चंद्रयान-2 प्रमोचन की पहली वर्षगांठ
जी.एस.एल.वी. मार्कIII-एम.1 द्वारा प्रमोचित चंद्रयान-2 ने आज एक वर्ष पूरा किया। चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान को 20 अगस्त 2019 को चंद्र कक्षा में निविष्ट कराया गया था। चंद्रयान-2 पर सभी 8 नीतभारों का निष्पादन अच्छा चल रहा है। मिशन की योजना के अनुसार, चंद्र सतह का मानचित्रण तथा ध्रुवीय कवरेज साकार किया जा रहा है।
चंद्रयान-2 नीतभारों से अत्याधिक डेटा प्राप्त किया गया है तथा निम्न उद्देश्यों के लिए प्राचल प्राप्त किए जा रहे हैं (i) ध्रुवीय क्षेत्रों में जल-हिम की उपस्थिति (ii) एक्स-किरण आधारित तथा अवरक्त स्पेक्ट्रोस्कोपिक खनिज सूचना तथा (iii) चंद्रमा पर 40 के. के रेडियोधर्मी क्षय से आंतरिक रूप से निकलने वाली संघनीय गैस, आर्गन-40 की मध्य तथा उच्च अक्षांश उपस्थिति।
चंद्रयान-2 विज्ञान परीक्षणों की वृहद उपलब्धियों पर रिपोर्ट मार्च 2020 में वार्षिक चंद्र ग्रहीय विज्ञान सम्मेलन में जारी किये जाने की योजना थी, तथापि कोविड-19 के चलते, इसे रद्द कर दिया गया। वैश्विक उपयोग के लिए चंद्रयान-2 के वैज्ञानिक डेटा को अक्तूबर 2020 में सार्वजनिक रूप से जारी किया जाएगा, जिसमें डेटा के मूल्यांकन का विवरण प्रदान कराया जाएगा।
2 मार्च 2020 को प्राप्त मैंजिनस सी. तथा सिंपेलियस एन. के बीच के क्षेत्र को कवर करता ओ.एच.आर.सी. प्रतिबिंब
ओ.एच.आर.सी. ने चंद्र सतह के 22 कक्षीय प्रतिबिंब लिए, जिसमें लगभग 1056 वर्ग कि.मी. का क्षेत्र शामिल है। इसका आगामी मिशनों के लिए अवतरण स्थलों की विशेषता बताने के लिए भी ाी उनपउनपउपयोग किया जाता है।