इसरो/अंतरिक्ष विभाग द्वारा विश्व का सबसे बड़ा स्मार्ट इंडिया हैकॉथन-2019 भव्य अंतिम प्रतियोगिता का आयोजन
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित 36 घंटे अबाधित डिजिटल प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता, स्मार्ट इंडिया हैकॉथन (एस.आई.एच.), साफ्टवेयर संस्करण, में इसरो/अंतरिक्ष विभाग वर्ष 2017 से भाग लेता आ रहा है। 2 और 3 मार्च, 2019 को एस.आई.एच. 2019 का तृतीय संस्करण अहमदाबाद के श्री शिवानंद आश्रम में आयोजित किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की इस पहल में इसरो/अंतरिक्ष विभाग प्रमुख साझेदार रहा है। कुछ अत्यावश्यक समस्याओं, जिनका हम सामना करते हैं, उनका समाधान पाने हेतु विद्यार्थियों को एक मंच उपलब्ध कराने के लिए एस.आई.एच. एक राष्ट्रस्तरीय पहल है तथा यह उत्पाद नवाचार की संस्कृति एवं समस्या समाधान की मन:स्थिति को निर्मित करता है।
यह भव्य अंतिम प्रतियोगिता विभिन्न मंत्रालयों तथा उद्योगों के लिए पूरे भारत में 48 नोडल केंद्रों पर एक साथ आयोजित 36 घंटे की अबाधित डिजिटल प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता थी। इसरो/अंतरिक्ष विभाग के इस कार्यक्रम का उद्घाटन 2 मार्च, 2019 को पूर्वाह्न 7:40 बजे माननीय शिक्षामंत्री, गुजरात, श्री भूपेंद्र सिन्हा चूडासमा, डॉ. पी.जी. दिवाकर, इसरो मुख्यालय, उप कुलपति, गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय, (जी.टी.यू.) डॉ. नवीन सेठ तथा एच.एच. स्वामी, श्री अध्यात्मानंदजी महाराज, शिवानंद आश्रम आदि मुख्य अतिथियों द्वारा किया। इस राष्ट्रव्यापी उद्घाटन समारोह में वीडियो प्रणाली के जरिए प्रमुख आयोजन व्यक्तित्वों ने संबोधित किया। डॉ. आनंद देशपांडे, अध्यक्ष एम.डी. सतत व्यवस्था, प्रोफे. अनिल सहास्रबुध्दे, अध्यक्ष ए.आर्इ.सी.टी.ई. तथा माननीय मंत्री, मानव संसाधन विकास विभाग, श्री प्रकाश जावडेकर ने एस.आई.एच.-2019 की भव्य अंतिम प्रतियोगिता का प्रात: 8:30 बजे उद्घाटन किया तथा औपचारिक रूप से इसे प्रारंभ करने की घोषणा की।
इसरो/अंतरिक्ष विभाग ने समाज हित में अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्व को सिद्ध कर दिया है। इसरो में विद्यार्थियों को उपग्रह आंकड़ा तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए नवीन समाधान उपलब्ध कराकर अपनी विशेषज्ञता दिखाने के लिए काफी चुनौतियाँ एवं असीमित अवसर हैं तथा इससे भारतीय नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी। इस वर्ष भारत के युवा एवं मेधावियों से नये विचार प्राप्त करने हेतु, इसरो/अंतरिक्ष विभाग ने एस.आई.एच. 2019 के लिए विषय के रूप में स्मार्ट संचार को चुना है जिससे वे विशिष्ट मुद्दों को अपने नवीन तरीके से हल कर सकें। इस वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा समस्यात्मक कथनों को कठिनाई के आधार पर तीन वर्गों में, यथा सरल, मिश्रित तथा जटिल में वर्गीकृत किया गया है, जिसके लिए क्रमश: 50,000 रु., 75,000 रु. तथा 100,000 रु. का पुरस्कार है।
उपग्रह संचार, उपग्रह सुदूर संवेदन, उपग्रह नौ संचालन अनुप्रयोगों आदि के क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए नवीन समाधानों हेतु श्री अतुल शुक्ला की अध्यक्षता के अन्तर्गत अभियंताओं को प्रेरित करने के लिए इसरो/अं.वि. के विशेषज्ञों की तकनीकी टीम द्वारा सात समस्यात्मक कथनों को हल किया गया। इन सात समस्याओं में से चार मिश्रित श्रेणी के तथा तीन जटिल श्रेणी के थे। चार समस्याएं उपग्रह नौ संचालन अनुप्रयोगों से संबंधित थी; दो उपग्रह संचार पर आधारित थी तथा एक समस्या उपग्रह सुदूर संवेदन पर आधारित थी। समस्यात्मक कथनों को इसरो/अं.वि. द्वारा एस.आई.एच. पोर्टल पर पोस्ट कर दिया गया तथा समाधान प्राप्त किये गए। 190 कॉलेजों से 242 विचारों का मुल्यांकन करने के बाद इसरो/अं.वि. ने भव्य अंतिम प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 28 समूहों की संक्षिप्त सूची बनाई। फरवरी, 2019 में इसरो द्वारा अनेक ऑनलाइन सलाह सत्र आयोजित किए गए जिसमें विद्यार्थी समूहों ने अपने संदेह दूर करने तथा विशेषज्ञों से सलाह लेने के लिए सक्रियता से भाग लिया। एस.आई.एच. आयोजनकर्ताओं ने 29 समूहों की भागीदारी सुनिश्चित की (28 + 1 वाइल्ड कार्ड प्रवेश)।
12 अलग-अलग राज्यों से 27 समूहों में 180 विद्यार्थियों ने भव्य अंतिम प्रतियोगिता में भाग लिया।
एस.आर्इ.एच.-2019 भव्य अंतिम प्रतियोगिता भागीदारी एक नजर में
मंत्रालय |
साफ्टवेयर समस्याएं प्रस्तावित कथन |
संक्षिप्त सूची के लिए कुल विचार |
भव्य अंतिम प्रतियोगिता के लिए संक्षिप्त सूची में समूह |
शामिल प्रतिभागी समूह |
भव्य अंतिम प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा कर रहे विद्यार्थियों/मार्गदर्शकों की सं. |
भव्य अंतिम प्रतियोगिता के लिए नोडल केंद्र |
इसरो/अं.वि. |
7 (3 जटिल तथा 4 मिश्रित) |
242
( ˜190 कॉलेज) |
29 |
27 |
˜ 180 |
अहमदाबाद |
भारत के माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने 2 मार्च को रात 10 बजे पूरे देश भर में सभी प्रतिभागियों को संबोधित किया तथा अलग-अलग नोडल केंद्रों के प्रतिभागियों से लाइव विडियो सम्मेलन के जरिए बातचीत की। उन्होंने युवाओं को चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करने के लिए भागीदारी हेतु बधाई दी तथा देश के साथ खड़े रहने के लिए प्रेरित किया। 36 घंटे की इस प्रतियोगिता के दौरान इसरो द्वारा निर्धारित निर्णायकों/विशेषज्ञों के 7 पैनलों द्वारा प्रत्येक समस्या के लिए अनेक मार्गदर्शन एवं मूल्यांकन चरण थे। प्रत्येक पैनल में एक मुख्य निर्णायक के नेतृत्व में इसरो/अं.वि. से 5 जूरी सदस्य/विशेषज्ञ थे। मूल्यांकन प्रक्रिया एस.आई.एच.-2019 राष्ट्रीय आयोजनकर्ताओं द्वारा निश्चित की गई तथा गुणवत्ता पहलू इसरो/अं.वि. मानकों के अनुसार थे। छ: टीमों ने समस्या कथनों के पुरस्कार जीते, जबकि एक समस्या को अपेक्षित मानक स्तर तक कोई भी टीम हल नहीं कर सकी।
एस.आई.एच. 2019 के विजेता
टीम का नाम |
कॉलेज का नाम |
समस्या कथन श्रेणी |
पुरस्कार (रु.) |
अपैथलेट्स |
बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी |
जटिल |
100,000/- |
कामरेड 16 |
आई.एन.एम. सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान |
जटिल |
100,000/- |
मार्वेल_अस |
श्री कृष्णा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी कॉलेज |
जटिल |
100,000/- |
अतुल्य_6 |
एस.सी.टी.आर. पूणे कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी संस्थान |
मिश्रित |
75,000/- |
द_बैक_कोड्स |
इंदिरा गांधी प्रौद्योगिकी संस्थान, सारंग |
मिश्रित |
75,000/- |
तदाशि |
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर |
मिश्रित |
75,000/- |
श्री डी. के. दास, निदेशक, सैक तथा श्री एन.एम. देसाई सह निदेशक, सैक की उपस्थिति में 3 मार्च, 2019 को रात 8:30 बजे समापन समारोह प्रारंभ हुआ। डॉ. हरेश भट्ट, मुख्य निर्णायक ने विजेताओं की घोषणा की तथा विजेताओं को समापन समारोह में नगद पुरस्कार और सैक में स्वदेशी तरीके से डिजाइन किये गये पदक दिये। पुरस्कारों के अतिरिक्त सभी प्रतिभागियों को इसरो/अं.वि. से प्रमाणपत्र एवं स्मृति चिह्न प्राप्त हुए। यह प्रतियोगिता श्री राजेश खंडेलवाल् की अध्यक्षता में एक स्थानीय आयोजक समिति द्वारा आयोजित की गई। स्थानीय प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने प्रतियोगिता का अच्छे ढंग से प्रसारण किया। पश्च हैकाथन गतिविधि के रूप में, प्रतिक्रिया (रेसपॉण्ड) तंत्र के जरिए इसरो/अं.वि. के मार्गदर्शन में पूर्ण विकसित साफ्टवेयर विकसित करने के लिए कुछ टीमों को अवसर दिया जा सकता है।
Glimpses of SIH-2019: