केरल की बाढ़ बचाव कार्य में इसरो डाप्लसर मौसम रेडार की भूमिका
अगस्त, 2018 के दौरान केरल के अधिकतर जिलों, मुख्यत: इडुक्की, पत्तनमतिट्टा, एर्नाकुलम, त्रिशूर एवं मालक्कड़ में इस वर्ष के दक्षिण पश्चिम मानसून से अपेक्षाकृत से अधिक वर्षा (भारत मौसम विभाग (आई.एम.डी.) के अनुसार 164% से भी अधिक विचलन) हुई। माह के प्रथम 20 दिनों में ही, केरल में आई.एम.डी. के अभिलेखों के अनुसार इडुक्की में इस माह में अधिकतम वर्षा का 111 वर्षों का रिकार्ड तोड़ते हुए, केरल में 87 वर्षों में पूरे महीने में सबसे ज्यादा वर्षा हुई। इस वर्षा से राज्य के कई इलाकों में बाढ़ आई। राज्य में लगभग 123 वर्षों के बाद इस प्रकार की आपदा आई। 370 से भी ज्यादा लोगों की जानें गईं और हजारों लोग बेघर हो गए तथा अपार सम्पत्ति का नुकसान हुआ।
इसरो ने विभिन्न उपग्रहों के जरिए पूरी घटना का मानीटरन किया जो पूर्वानुमान और सुरक्षा उपायों में काफी लाभदायक रहा। इसरो न केवल अपने अंतरिक्ष आधारित संवेदकों से सहायता पहुंचाता है बल्कि साथ-ही-साथ, भू आधारित संवेदकों से भी सहायता पहुंचाता है। इसके दो रेडार, टर्ल्स, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वी.एस.एस.सी.), तिरुवनंतपुरम में एक सी-बैण्ड ध्रवुणमापी डाप्लर मौसम रेडार (डी.डब्ल्यू.आर.) तथा कोची में एक एस-बैण्ड डी.डब्ल्यू.आर., 500 कि.मी. के घेरे में चौबीसो घंटे निरंतर से मौसम की निगरानी कर रहे हैं। ये रेडार इसरो दूरमिति अनुवर्तन एवं आदेश नेटवर्क (इस्ट्रैक), बेंगलूरु के रेडार विकास क्षेत्र (आर.डी.ए.) द्वारा संस्थापित किए गए थे। ये आंकड़े सीवनहीन रूप से मोसडेक (मौसमविज्ञानीय एवं समुद्र विज्ञानीय आंकड़ा अभिसंग्रहण केंद्र) में स्थानांतरित कर दिए जाते हैं और अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (सैक) द्वारा प्रत्येक खण्ड की प्राप्ति पर तुरंत आगे के आंकड़ा विश्लेषण तथा केंद्रीकृत मौसम मानीटरन हेतु इनका क्रमवीक्षण किया जाता है। ये आंकड़े मोसडेक एवं आई.एम.डी. की वेबसाइटों के माध्यम से जनता को निकट वास्तविक समय में उपलब्ध कराए जाते हैं। ये रेडार केरल में दीर्घकालीन मौसम निगरानी, पूर्वानुमान एवं मौसम का वर्तमान-अनुमान एवं वर्षा की गतिविधि में काफी हद तक लाभदायक रहे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रेडार द्वारा प्राप्त आंकड़ों का लगातार मानीटरन किया जा रहा था तथा प्रतिबिंबों को विभिन्न गतिविधियों पर उनके निर्णय लेने हेतु आई.एम.डी. की वेबसाइट में निरंतर रूप से अद्यतित किए जा रहे थे।
यह डी.डब्ल्यू.आर. रेडार परावर्तकता, औसत त्रिज्या वेग तथा जल मौसमविज्ञान के कई पहलुओं का अनुमान लगाने में वेग फैलाव का मापन करता है। इसके अतिरिक्त इस ध्रुवणमापी डी.डब्ल्यू.आर. में भिन्नात्मक परावर्तकता सहसंबंध गुणांक, रैखिक विध्रुवण अनुपात तथा विशिष्ट भिन्नात्मक चरण जैसे चार अतिरिक्त मानदंडों का मापन करने की भी क्षमता है। यह सभी सात मानदंड मौसमविज्ञान वर्गीकरण, जैसे बूंद की आकृति और आकार की सूचना प्राप्त करते हुए वर्षा के प्रकार जैसी सूचना सहित परिशुद्ध वर्षा दर की सूचना प्रदान करते हैं। अत:, डी.डब्ल्यू.आर. प्रणाली अंकीय रूप में परिमाणात्मक सूचना, वर्षा दर तथा अर्जन सहित चक्रवातों की तीव्रता तथा औसत वेग प्रदान करता है। यह तूफान, ओलावृष्टि, ज्वारीय धारा की ऊँचाई, पवन विक्षोभ तथा अपरुपण की समझ को बेहतर बनाता है। यह रेडार 0.5 से 21 डिग्री की रेंज में 10 विभिन्न उन्नयन कोणों के लिए 360 डिग्री दिगंश स्कैन के साथ 11 मिनटों मे एक खंड स्कैन को पूरा करता है।
डी.डब्ल्यू.आर. द्वारा किए गए प्रेक्षण से प्राप्त एक उत्पाद है एम.ए.एक्स.जेड. जो कि प्रेक्षण के क्षेत्र के आस-पास तथा मेघ प्रणाली की तीव्रता दर्शाता है, जो कि यह इंगित करता है कि उस क्षेत्र के आस-पास होने वाली वर्षा की संभावित तीव्रता क्या होगी। यह डी.डब्ल्यू.आर. 150 अथवा 300 मी. के स्थानिक विभेदन सहित 250 कि.मी. की दूरी तय करता है (एस.-बैण्ड के लिए 500 कि.मी. तक) इन डी.डब्ल्यू.आर. उत्पादों का प्रयोग करते हुए अन्य उपकरणों के आंकड़ों में साथ-साथ मौसम पूर्वानुमान, वर्तमान अनुमान तथा अवक्षेपण अर्जन प्राप्त किए गए, जिससे नागरिक निकायों को पहले ही कई जान-माल को निकालने तथा उनके बचाव में सहायता मिली।
सी-बैण्ड तथा एस-बैण्ड दोनों ही रेडार भू आधारित मोनोस्टेरिक पल्स डाप्लर रेडार हैं।
वी.एस.एस.सी., तिरुवनंतपुरम में सी बैंड डी.डब्ल्यू.आर. कोची में एस-बैण्ड डी.डब्ल्यू.आर.
बाढ़ के दौरान इन डी.डब्ल्यू.आर. द्वारा अभिग्रहित कुछ वर्षा की घटनाएं नीचे दर्शाई गई हैं।
सी.-डी.डब्ल्यू.आर. द्वारा अभिग्रहित घटनाएं: ऊपरी दो एम.ए.एक्स (ज़ेड) उत्पाद हैं, नीचे की तरफ बायें योजित अवस्थित संसूचक वेग (पी.पी.आई.वी.) एवं नीचे की तरफ दाहिने सतह वर्षा तीव्रता (एस.आर.आई.) उत्पाद है।
एस.-डी.डब्ल्यू.आर. द्वारा अभिग्रहित वर्षा: ऊपरी दो एम.ए.एक्स. (ज़ेड) उत्पाद है, नीचे की तरफ बायें पी.पी.आई.वी. उत्पाद तथा नीचे की तरफ दाहिने एस.आर.आई. उत्पाद है।
एस.-डी.डब्ल्यू.आर., कोची द्वारा प्रेक्षित समतलीय पवन वेग