शासन एवं विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों एवं अनुप्रयोगों का संवर्धन
23 मार्च, 2018 को इम्फाल, मणिपुर में मणिपुर राज्य सुदूर संवेदन केंद्र (एम.ए.आर.एस.ए.सी.) तथा उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (उ.पू.सैक), इसरो द्वारा ‘’ शासन एवं विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों एवं अनुप्रयोगों का संवर्धन’’ पर राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। सितंबर 2015 में नई दिल्ली में अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार, द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के अनुक्रम में यह राज्य सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें माननीय प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया था कि सामाजिक लाभार्थ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अधिक प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देने हेतु राज्य स्तर पर विभिन्न स्टेक-होल्डर्स के साथ ऐसे सम्मेलन आयोजित करने की आवश्यकता है।
मणिपुर राज्य जिसका भौगोलिक क्षेत्रफल 22,327 वर्ग किलोमीटर है, की, जनसंख्या 28.5 लाख है। इस राज्य को समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों का वरदान प्राप्त है जैसे इसका बृहत् क्षेत्र वनावृत्त है (17,145 वर्ग कि.मी.); कई जल प्रपात हैं (636.16 वर्ग कि.मी.) और लगभग 239.43 वर्ग कि.मी. कृषि क्षेत्र है। पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ते दबाव तथा भूमि उपयोग के परिवर्तनों के कारण राज्य के घाटी वाले क्षेत्रों में प्रति वर्ष बाढ़ आती है और मानसून के दौरान भू स्खलन होते हैं। इस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों का और प्रमुख नदियों के बहाव वाले क्षेत्रों में भूमि उपयोग के परिवर्तनों का मानीटरन करना और साथ ही, बाढ़ की घटनाओं के कारणों के बारे में पूर्व चेतावनी देते हुए संबंधित विभागों को चेतावनी देना अत्यावश्यक हो जाता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए मणिपुर राज्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग के लिए इस राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया।
विविध विशेषज्ञता के क्षेत्रों में 17 विभागों के 84 प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। इनमें से छ: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए थे, जबकि 11 विभाग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का पहले से कार्यान्वयन कर रहे थे।
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि सुश्री निधि केसरवानी, आई.ए.एस., सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी), मणिपुर सरकार द्वारा किया गया। उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्व और कई समान विभागों के लिए उसके उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया सभी संबंधित विभागों को पहल करनी चाहिए और विविध विकास कार्यों एवं संसाधनों के प्रबंधन के लिए उसका उपयोग करना चाहिए। डॉ. एन. रणवीर सिंह, निदेशक, एम.ए.आर.एस.ए.सी. ने मणिपुर राज्य के लाभ हेतु परियोजनाएं आयोजित करने में एम.ए.आर.एस.ए.सी. की भूमिका को उजागर किया।
श्री पी.एल.एन. राजु, निदेशक, उ.पू. सैक ने अपने उद्घाटन भाषण में अवसंरचना, साफ्टवेयर उपकरणों के उन्नयन में, तथा समय की माँग के अनुसार ऐसी परियोजनाओं को शुरु करने में एम.ए.आर.एस.ए.सी. को प्रदान की गई उनकी सहायता के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने मौजूदा परिप्रेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्व पर बोलते हुए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संक्षिप्त इतिहास के बारे में बताया। श्री के.आर. मंजूनाथ, वैज्ञानिक, इसरो मु. ने कार्यशाला के विषय पर एक प्रस्तुति दी तथा राज्य सम्मेलनों की शुरूआत और उनके महत्व पर भी जानकारी प्रदान की। उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग पर जोर दिया और अंतरिक्ष अवसंरचना के दिशा-निर्देश पर प्रकाश डालते हुए अपनी प्रस्तुति समाप्त की।
दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया, जहाँ इसरो के विशिष्ट वैज्ञानिक के मुख्य भाषण के अलावा सभी 17 प्रयोक्ता विभागों द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं। इन प्रयोक्ता विभागों ने प्रस्तुति के दौरान परियोजना हेतु प्रस्ताव रखे। इन तकनीकी सत्रों के बाद, अन्य समान विभागों से आए प्रतिभागियों के साथ-साथ, इसरो, उ.पू.सैक, एन.आर.एस.सी. तथा एम.ए.आर.एस.ए.सी. के अधिकारियों द्वारा चर्चा की गई।
एन.आर.एस.सी. और उ.पू.सैक द्वारा क्रमश: ‘’भुवन एवं इसकी सेवाएं’’ तथा ‘’उत्तर पूर्वी जिला संसाधन योजना (एन.ई.डी.आर.पी.) एवं इसकी सेवाएं’’ पर एक संक्षिप्त प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
राज्य सम्मेलन के भाग के रूप में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, रेशम कीट पालन तथा बागवानी उपयुक्तता मानचित्रण, आपदा प्रबंधन सहायता, यू.ए.वी. अनुप्रयोग, सैटकॉम अनुप्रयोग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के बारे में बताया गया। कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह से लिए गए इम्फाल, मणिपुर के भागों के उच्च विभेदन चित्रों को भी प्रदर्शित किया गया। 3डी फ्लाई-थ्रु के साथ भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम पर वीडियो भी प्रदर्शित किए गए।
इस कार्यशाला का समापन क्रमश: इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि और अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित श्री एन. बीरेन सिंह, माननीय मुख्य मंत्री, मणिपुर तथा श्री वाई. जोयकुमार सिंह, माननीय उप-मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हुआ। यह राज्य सम्मेलन विभिन्न साहित्यों के विमोचन के लिए एक मंच बना। श्री एन. बिरेन सिंह तथा श्री वाई. जोयकुमार सिंह ने मणिपुरी लिपि में ‘’अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग’’ पर बुकलेट का विमोचन किया। एम.ए.आर.एस.ए.सी. ने तकनीकी कार्यक्रम के ब्यौरों तथा कुछ अंतरिक्ष आधारित परियोजना और इसरो, अं.वि. द्वारा तैयार फ्लायर्स को शामिल करते हुए एक सूचना टेबलेट तैयार किया है। इसके अलावा, उ.पू. सैक ने राज्य सम्मेलन के सभी प्रतिनिधि मंडल को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर उपयोगी सूचना भी परिचालित किया।
समान विभागों के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर बृहत कार्यक्षेत्र है। 17 समान विभागों ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग से कई परियोजना का प्रस्ताव दिया है(30 संभाव्य क्षेत्र)। प्रतिभागी प्रयोक्ता विभागों ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर केंद्रित 13 से भी अधिक परियोजनाओं का कार्य लिया। समान विभागों के वर्तमान में कार्यान्वित परियोजनाएं जल निकायों के मानचित्रण, वन कार्यकारी योजना, जियो-टैगिंग परिसंपत्तियों, बागवानी संभाव्य क्षेत्र मानचित्रण, उपग्रह संचार तथा यू.ए.वी. आधारित सर्वेक्षणों जैसी विविध अंतरिक्ष आधारित प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी देती है।
यह मणिपुर राज्य सम्मेलन 17वाँ ऐसा राज्य सम्मेलन था। इसके साथ 17 राज्यों (हरियाणा, बिहार, उत्तराखंड, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, पंजाव, झारखंड, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, असम, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा मणिपुर) ने अब तक ऐसे सम्मेलनों का आयोजन किया है, जिसमें मुख्य मंत्रियों तथा राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया। बाकी बचे राज्यों शासन तथा विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभ को प्राप्त करने के लिए ऐसे सम्मेलनों के आयोजन के लिए योजना बना रहे हैं।
उद्घाटन कार्यक्रम
श्री एन. बिरेन सिंह, माननीय मुख्यमंत्री राज्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए
मणिपुर राज्य सम्मेलन में भाग लेते हुए प्रतिभागीगण
मणिपुरी लिपि में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी फ्लायर्स का विमोचन