पी.एस.एल.वी.-सी31/आई.आर.एन.एस.एस.-1ई
पी.एस.एल.वी.-सी31
ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक राकेट, अपनी 33वीं उड़ान (पी.एस.एल.वी.-सी31) में भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली (आई.आर.एन.एस.एस.) के पांचवे उपग्रह, आई.आर.एन.एस.एस.-1ई का प्रमोचन करेगा। प्रमोचन सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी.) शार, श्रीहरिकोटा के द्वितीय प्रमोचन पैड (एस.एल.पी.) से किया जाएगा। आई.आर.एन.एस.एस. के पूर्व पांच प्रमोचनों की तरह पी.एस.एल.वी.-सी31, पी.एस.एल.वी. के ‘एक्स.एल.’ संस्करण का उपयोग करेगा। यह ‘एक्स.एल.’ संरूपण की ग्यारहवी उड़ान है, इसके पहले 10 उडानों जैसे पी.एस.एल.वी.-सी11/ चंद्रयान1, पी.एस.एल.वी.-सी17/जीसैट-12, पी.एस.एल.वी.-सी19/रिसैट-1, पी.एस.एल.वी.-सी22/ आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, पी.एस.एल.वी.-सी25/मंगल कक्षित्र अंतरिक्षयान, पी.एस.एल.वी.-सी24/आई.आर.एन.एस.एस.-1बी, पी.एस.एल.वी.-सी26/ आई.आर.एन.एस.एस.-1सी, पी.एस.एल.वी.-सी27/आई.आर.एन.एस.एस.-1डी, पी.एस.एल.वी.-सी28/डी.एम.सी.-3 और पी.एस.एल.वी.-सी30/एस्ट्रोसैट मिशनों में इसका उपयोग हो चुका है।
आई.आर.एन.एस.एस.-1ई
आई.आर.एन.एस.एस.-1ई, आई.आर.एन.एस.एस. अंतरिक्ष खंड में शामिल सात उपग्रहों में से पांचवा नौवहन उपग्रह है। इसके पूर्ववर्ती, आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी और 1डी को क्रमश: जुलाई 2013, अप्रैल 2014, अक्तूबर 2014 और मार्च 2015 में पी.एस.एल.वी.-सी22, पी.एस.एल.वी.-सी24, पी.एस.एल.वी.-सी26 एवं पी.एस.एल.वी.-सी27 द्वारा प्रमोचित किया गया था। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई का उत्थापन भार 1425 कि.ग्रा. है। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई का संरूपण आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी एवं 1डी के समान ही था।
आई.आर.एन.एस.एस.-1ई दो प्रकार के नीतभार ले गया है – नौवहन नीतभार एवं परासन नीतभार। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई का नौवहन नीतभार प्रयोक्ताओं को नौवहन सेवा संकेत प्रसारित करेगा। यह नीतभार एल5-बैंड एवं एस-बैण्ड में प्रचालित होगा। उपग्रह के नौवहन नीतभार का एक भाग उच्च परिशुद्धता वाली रुबीडियम परमाणु घड़ी है। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई के परासन नीतभार में सी-बैंड प्रेषानुकर हैं जो उपग्रह के परास का सही निर्धारण उपलब्ध कराते हैं। आई.आर.एन.एस.एस.-1ई लेज़र परासन के लिए कोना घन पश्च परावर्तक को भी ले गया है।
पी.एस.एल.वी.-सी31/आई.आर.एन.एस.एस.-1ई का प्रमोचन भारतीय अंतरिक्षपोर्ट सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार (एस.डी.एस.सी. शार), श्रीहरिकोटा से 20 जनवरी, 2016 को 09.31 बजे (भा.मा.स.) प्रमोचन किया जाएगा।