जी.एस.एल.वी.-एफ.05/इन्सै्ट-3डी.आर.
जी.एस.एल.वी.-एफ.05
इन्सैट-3डी.आर. प्रतिबिंबन प्रणाली तथा वायुमंडलीय परिज्ञापक सहित संरूपणित भारत का एक उन्नत मौसम विज्ञान संबंधी उपग्रह है।
भारत के तीन मौसम विज्ञानी उपग्रह - कल्पना-1, इन्सैट-3ए तथा इन्सैट-3डी क्रमश: 74, 93.5 तथा 82 डिग्री पूर्व देशांतर पर पिछले एक दशक से भूस्थिर कक्षा में प्रचालनरत है। कल्पना-1 तथा इन्सैट-3ए में प्रतिबिंबन प्रणाली है जोकि दृश्य, निकट-अवरक्त, साफ्टवेयर अवरक्त, जल-वाष्प तथा तापीय अवरक्त बैंडों में प्रतिबिंब प्रदान करता है।
वर्ष 2013 में प्रमोचित इन्सैट-3डी ने अपने वायुमंडलीय परिज्ञापी प्रणाली के माध्यम से मौसम के मानीटरन में नया आयाम जोड़ा है, जोकि तापमान (सतह से 70 कि.मी. तक-40 स्तरों), आर्द्रता (सतह से 15 कि.मी. तक-21 स्तरों) तथा सतह से वायुमंडल के ऊपर तक समेकित ओजोन का उर्ध्वाधर प्रोफाइस प्रदान करता है। इसरो द्वारा निर्मित उन्नत मौसम विज्ञानी उपग्रह इन्सैट-3डी.आर., इन्सैट-3डी. के समान है।
र्व के मौसमविज्ञानी मिशनों की तुलना में इन्सैट-3डी.आर. में शामिल महत्वपूर्ण सुधार इन्सैट-3डी.आर. के भी भाग हैं, यह निम्नलिखित है:-
- निम्न मेघों तथा कुहरे के रात के समय के चित्र प्रदान करने हेतु मध्य अवरक्त बैंड में प्रतिबिंबन
- बेहतर परिशुद्धता सहित समुद्र सतह तापमान (एस.एस.टी.) के आकंलन हेतु दो तापीय अवरक्त बैंडों में प्रतिबिंबन
- दृश्य तथा तापीय अवरक्त बैंडों में उच्च स्थानिक विभेदन
तथा, अपने पूर्ववर्ती इन्सैट-3डी. की तरह, इन्सैट-3डी.आर. आँकड़ा रिले प्रेषानुकर तथा खोज और बचाव प्रेषानुकर साथ ले गया है। अत: इन्सैट-3डी.आर. इसरो के पहले के मौसमविज्ञानी मिशनों को निरंतर सेवा प्रदान करेगा और विभिन्न मौसमविज्ञानी तथा खोज और बचाव सेवाओं को प्रदान करने की क्षमता का और अधिक संवर्धन करेगा।
इन्सैट-3डी.आर. का उत्थापन भार 2211 कि.ग्रा. है, जिसमें करीबन 1255 कि.ग्रा. का नोदक भी शामिल है। इन्सैट-3डी.आर. द्वारा ले गए नोदक की आवश्यकता मुख्य रूप से उपग्रह को भूतुल्यकाली कक्षा (जी.टी.ओ.) से इसके अंतिम भूस्थिर कक्षा में अंतरित करने के लिए तथा इसके जीवन कालावधि के दौरान उपग्रह को इसके कक्षीय स्लॉट में अनुरक्षित करने के लिए है। इन्सैट-3डी.आर. इसरो के दो टन श्रेणी प्लेटफार्म (I-2K बस) पर आधारित है जिसमें कार्बन फाइबर प्रबलित प्लास्टिक (सी.एफ.आर.पी.) जैसे कम भार वाले संरचनात्मक घटक का प्रयोग किया गया है। उपग्रह में एक सौर व्यूह है जोकि 1700 वॉट ऊर्जा उत्पन्न करता है।
जी.एस.एल.वी.-एफ.05/इन्सैट-3डी.आर. मिशन का निर्धारित प्रमोचन 08 सितंबर, 2016 को 16:10 बजे (भा.मा.स.) एस.डी.एस.सी., शार, श्रीहरिकोटा से किया जाएगा।