जीसैट-30
17 जनवरी 2020 को कौरू प्रमोचन बेस, फ्रेंच गुयाना से एरियन 5 वी.ए.-251 द्वारा भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-30 का भूतुल्यकाली अंतरण कक्षा (जी.टी.ओ.) में सफलतापूर्वक प्रमोचन संपन्न हुआ।
सी. एवं के.यू. बैंडों में भूस्थिर कक्षा से संचार सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इसरो की संवृद्ध 1-3 के. बस संरचना पर जीसैट-30 का संरूपण किया गया है। इस उपग्रह का उद्गम इसरो के पहले के इन्सैट/जीसैट उपग्रह श्रृंखलाओं की विरासत से हुआ है।
3357 कि.ग्रा. वजन का जीसैट-30, पहले से अधिक प्रसारण क्षेत्र के साथ इन्सैट-4ए अंतरिक्ष यान सेवाओं का प्रतिस्थापन करेगा। यह उपग्रह के.यू. बैण्ड में भारतीय महाद्वीपों तथा द्वीपों का प्रसारण क्षेत्र और सी-बैण्ड में खाड़ी देशों को सम्मिलित करते हुए, अधिक संख्या में एशियाई देशों एवं ऑस्ट्रेलिया का विस्तृत प्रसारण क्षेत्र प्रदान करेगा।
जीसैट-30 की डिजाइन की गई कक्षीय प्रचालनात्मक कालावधि 15 वर्षों से अधिक की है।