जीसैट-10
इन्सैट प्रणाली में शामिल शक्तिशाली उपग्रह, जीसैट-10, भारत का उन्नत संचार उपग्रह है। उत्थापन के समय लगभग 3400 किग्रा नीतभार वाले जीसैट-10 उपग्रह में 30 सामान्य सी-बैंड, निम्न विस्तारित सी-बैंड तथा कू-बैंड प्रेषानुकरों के अलावा एल1 तथा एल5 बैण्ड में प्रचालित द्वि-चैनल जीपीएस आधारित जीईओ संवर्धित नौवहन (गगन) नीतभार लगाए गए है। अब तक अपनी कक्षा से दिशा निर्देशन सेवाएं प्रदान कर रहे जी सैट-8 के पश्चात जीसैट-10 ऐसा दूसरा उपग्रह है जिसमें गगन नीतभार लगाया गया है। जीसैट-10 में एक कू-बैंड बीकन भी लगाया गया है, जो भू एन्टेनाओं को परिशुद्धता सहित उपग्रह की ओर इंगित करने सहायता करता है
जीसैट-10 में लगे 30 संचार प्रेषानुकर इन्सैट प्रणाली की क्षमता में और अधिक वृद्धि करेंगे। गगन नीतभार उपग्रह आधारित संवर्धन तंत्र (एसबीएएस), भू आधारित अभिग्राहियों के नेटवर्क के माध्यम से जीपीएस उपग्रहों से प्राप्त स्थिति संबंधित सूचनाओं की परिशुद्धता को सुधार कर भूस्थिर उपग्रहों द्वारा देश भर में प्रयोक्ताओं को उपलब्ध कराएगा।
जीसैट-10 में लगे नीतभार
संचार नीतभार
- 36 मेगाहर्टज व्यवहार्य बैंडविस्तार व 149 वाट क्षमता के प्रगामी तरंग नालिका प्रवर्धक युक्त प्रत्येक 12 कू-बैंड प्रेषानुकर भारत की मुख्य भूमि के सभी कोनो को 51.5 डेसीबल वाट की प्रभावी समानिवर्ती विकीर्णिक शक्ति (ईआईआरपी) तथा अंडमान व निकोबार द्वीप समूह को 49.5 डेसीबल वाट (ईआईआरपी) द्वारा आवृत्त करते हैं।
- 36 मेगाहर्टज व्यवहार्य बैंडविस्तार व 12 वाट टीडब्ल्यूटीए नियोजित 12 सी-बैंड प्रेषानुकर भारत की मुख्यभूमि तथा पश्चिम एशिया को 40 डेसीबल वाट (ईआईआरपी) द्वारा आवृत्त करते हैं।
- 36 मेगाहर्टज व्यवहार्य बैंडविस्तार व 322 वाट टीडब्ल्यूटीए नियोजित 6 निम्न विस्तारित सी-बैंड प्रेषानुकर भारत की मुख्यभूमि तथा द्वीप समूह सीमा के क्रमशः को 38 डेसीबल वाट (ईआईआरपी) तथा 37 डेसीबल वाट द्वारा आवृत्त करते हैं।
संचार नीतभार
- एल1 तथा एल5 बैण्ड में प्रचालित द्वि-चैनल गगन नीतभार भारतीय आकाश में नागर विमानन अनुप्रयोगों के लिए सटीक व विश्वसनीय दिशानिर्देशन उपलब्ध कराता है।
मिशन |
संचार |
भार |
3400 कि.गा. (उत्थापन दृव्यभार) |
विद्युतशक्ति |
विषुव (इक्विनॉक्स) में 6474 वॉट विद्युतशक्ति प्रदाता सौर व्यूह तथा दो 128 एएच लिथियम आयन बैटरियाँ |
भौतिक आकार |
2.0 X 1.77 X 3.1 मी. धन |
नोदन |
440 न्यूटन द्रव अपभू मोटर (एलएएम) जिसमें कक्षा संवर्धन के लिए मेनो मिथाईल हाइड्रीजीन (एमएमएच) ईंधन के साथ ऑक्सीकारक के रूप में नाइट्रोजन के मिश्रित ऑक्सीडाईस (एमओएन-3) का प्रयोग |
स्थिरीकरण |
पृथ्वी संवेदक, सूर्य संवेदक, संवेग तथा प्रतिक्रिया चक्र, चुम्बकीय आधूर्णित्र तथा आठ 10 न्यूटॉन तथा आठ 22 न्यूटॉन द्विनोदन प्रणोदों (थ्रस्टरों) के प्रयोग द्वारा कक्षा में त्रि-अक्षीय स्थिरीकरण |
एन्टेना |
के यू बैण्ड के लिए ऑफसेट-फेड फीड प्रदीप्ति सहित दो स्वदेश विकसित 2.2 मीटर व्यास वाले प्रेषी/अभिग्रहण ध्रुवीकरण संवेदनशील ग्रिड आकार के बीम प्रस्तरणीकरणीय परावर्तक, गगन के लिए 0.6 मीटर सी-बैंण्ड तथा 0.8x0.8 वर्ग मीटर एल-बैण्ड हेलिक्स एटेना पूर्व : 2.2 मी. व्यास के दो वृत्ताकार विस्तरीय दोहरा ग्रिड परावर्तक (जीडीआर) |
प्रमोचन तिथि |
सितंबर 29, 2012 |
प्रमोचन स्थल |
कौरू, फ्रेन्च गुयाना |
प्रमोचन वाहन |
एरियन-5 वीए-209 |
कक्षा |
भूतुल्यकाली (83 डिग्री पूर्व देशांतर). इन्सैट-4एतथा जीसैट-12 के साथ सह-स्थित |
मिशन जीवनकाल |
15 वर्ष |