चंद्रमा पर चंद्रयान-2 द्वारा लिया गया साराभाई क्रेटर का प्रतिबिंब
30 जुलाई 2020 को चंद्रयान-2 के भू-भाग मानचित्रण कैमरा-2 ने चंद्रमा के पूर्वी चतुर्थांश में मेअर सेरेनिटैटिस पर साराभाई क्रैटर का प्रतिबिंब लिया। मेअर सेरेनिटैटिस जिस पर साराभाई क्रेटर स्थित है, वह विशाल लावा मैदानों वाला लगभग समतल चंद्रमा के चंद्र मेअर क्षेत्रों में से एक है। पूरब में साराभाई क्रेटर से लगभग 250-300 कि.मी. पर अपोलो 17 तथा लूना 21 मिशनों का अवतरण स्थल है।
साराभाई क्रेटर का नाम भारतीय खगोल भौतिकी वैज्ञानिक डॉ. विक्रम अंबालाल साराभाई के नाम पर रखा गया है, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक तथा भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के संस्थापक और विशिष्ट ब्रह्माण्ड किरण एवं अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप में जाना जाता है। इसरो डॉ. साराभाई की जन्म शताब्दी मना रहा है।
टी.एम.सी.-2 से अग्र, अधोबिंदु एवं पश्च प्रतिबिंबों का उपयोग करके बनाए गए क्रेटर के डिजीटल एलीवेशन मॉडल (डी.ई.एम.) तथा 3डी. चित्र से क्रेटर की औसत गहराई उभरे क्रेटर छल्ले के सापेक्ष लगभग 1.7 कि.मी. प्रतीत होती है तथा क्रेटर भित्तियों का औसत झुकाव 25-30 डिग्री के रेंज में है। साराभाई क्रेटर का बाह्य क्षेत्र समतल मेअर मैदानों पर वितरित विभिन्न व्यासों वाले अनेक छोटे क्रेटरों से घिरा है तथा इसके करीब (लगभग 100 कि.मी. में) कोई बड़ा क्रेटर (10 कि.मी. से अधिक व्यास वाला) नहीं है। उभरा छल्ला, झुकी आंतरिक भित्तियां तथा छोटे टीलाकार तल साराभाई क्रेटर को चंद्रमा के लावा भरे भाग पर प्रभाव प्रक्रियाओं को समझने के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।