'अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की क्षमता का विस्तार'
(24 जून 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित)
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम राष्ट्रीय विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की दृष्टि से अभिलक्षित है। उपग्रह संचार के महत्वपूर्ण क्षेत्र, उपग्रह आधारित संसाधन पर्यवेक्षण/प्रबंधन, उपग्रह नौवहन, उपग्रह मौसम विज्ञान संबंधी उपयोगों तथा अन्य उभरते क्षेत्रों में आत्मनिर्भर ढंग से प्रचालनात्मक अंतरिक्ष सेवाओं की स्थापना करना तथा इन क्षेत्रों में अनवरत अनुसंधान कार्य तथा विकास करना अंतरिक्ष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। आगे पढ़ें....
अंतरिक्ष विभाग पर भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रशासन की जिम्मेदारी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष विभाग के अधीन एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है। यह अनुसंधान एवं विकास तथा साथ ही साथ अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उपयोग से संबंधित परियोजनाओं के निष्पादन के लिए जिम्मेदार है। इसरो अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास के लिए जिम्मेदार है। गतिविधि के विशेषीकृत तकनीकी क्षेत्रों पर आधारित, जनादेश के विशाल क्षेत्रों पर कार्य करने के लिए इसरो द्वारा उच्च प्रौद्योगिकी अवसंरचना वाले विभिन्न केंद्र तथा युनिट बनाए गए हैं।
वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी संगठन होने के नाते अनेक प्रयोक्ताओं के साथ अनेक एवं विविध जटिल अंतर-विषयक परियोजनाओं को संपादित करने के लिए उत्तरदायी इसरो प्रकार्यात्मक मैट्रिक्स संरचना का पालन करता है, जिसमें सभी केंद्र/युनिट अपनी मूल क्षमता के अनुसार विभिन्न अंतरिक्ष कार्यक्रमों में योगदान देते हैं।
गत पांच दशकों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष गतिविधियों में स्वदेशी संपूर्ण क्षमता को विकसित करने में इसरो सफल हुआ है। इससे भारतीय उद्योगों में वृद्धि हुई है, साथ ही 500 से अधिक एम.एस.एम.ई., पी.एस.यू. तथा बड़े निजी उद्योग भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को काफी योगदान दे रहे हैं। अंतरिक्ष कार्यक्रम में उद्योगों के शामिल होने से देश में लगभग 45,000 लोगों के लिए नौकरियां पैदा हुई हैं। रक्षा उत्पादन, दूरसंचार, सामग्रियों, रसायनों तथा यथार्थ अभियांत्रिकी जैसे अनेक क्षेत्र इस कार्य से लाभान्वित हुए हैं। मोटर आवरणों, इंजनों, उपग्रह उत्पादन और रॉकेट मोटर साकारीकरण के क्षेत्र में उद्योग स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को निर्यात कर सकने तक परिपक्व हुए हैं।
अंतरिक्ष संबंधी उच्च तकनीकी गतिविधियों की जिम्मेदारी लेने में भारतीय उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने अंतरिक्ष विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में एक पूर्ण स्वामित्व वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सी.पी.एस.ई.), न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड को निगमित किया है।