एनसिल का पहला समर्पित प्रमोचन पी.एस.एल.वी.-सी51 ने श्रीहरिकोटा से अमेज़ोनिया-1 और 18 सह-यात्री उपग्रहों का सफल प्रमोचन किया होम / प्रेस विज्ञप्ति / एनसिल का पहला समर्पित प्रमोचन पी.एस.एल.वी.-सी51 ने श्रीहरिकोटा से अमेज़ोनिया-1 और 18 सह-यात्री उपग्रहों का सफल प्रमोचन किया


भारत का ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन रॉकेट पी.एस.एल.वी.-सी51 ने आज (28 फरवरी 2021) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से अमेज़ोनिया-1 तथा 18 सह-यात्री उपग्रहों का प्रमोचन किया।

योजनानुसार पी.एस.एल.वी.-सी51 ने एस.डी.एस.सी. शार के प्रथम प्रमोचन पैड से भारतीय मानक समय 1024 बजे उड़ान भरी। लगभग 17 मिनट की उड़ान के बाद रॉकेट ने अमेज़ोनिया-1 को इसकी वांछित कक्षा में अंत:क्षेपित कर दिया तथा उसके बाद 1 घंटा 38 मिनट में पूर्वनिर्धारित क्रम में सभी 18 सह-यात्री उपग्रहों को सफलतापूर्वक पी.एस.एल.वी. से अलग कर दिया गया।

इसरो अध्‍यक्ष डॉ. कै. शिवन ने अमज़ोनिया-1 तथा 18 सह-यात्री उपग्रहों के सटीक अंत:क्षेपण के लिए इसरो टीम को बधाई दी। प्राथमिक उपग्रह अमेज़ोनिया-1 के बारे में बात करते हुए उन्‍होंने कहा “भारत और इसरो के लिए ब्राजील द्वारा डिजाइन, समेकित तथा प्रचालित पहले उपग्रह का प्रमोचन करना बेहद गर्व की बात है। इस उपलब्धि के लिए ब्राजीली टीम को हृदय से बधाई।’’

एच.ई. मार्कोस सीजर पोंट्स, विज्ञान मंत्री, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्‍मेष, ब्राजील ने आज के सफल प्रमोचन के लिए इसरो टीम को बधाई दी। उन्‍होंने कहा “अमेज़ोनिया-1 ब्राजील के लिए एक महत्‍वपूर्ण मिशन है, जो देश में उपग्रह विकास में नए युग की शुरुआत को चिह्नित करता है।’’ उन्‍होंने भारत और ब्राजील के बीच महत्‍वपूर्ण साझेदारी पर बल दिया तथा आगे भी भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की उम्‍मीद ज़ाहिर की।

अमेज़ोनिया-1 राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍थान (आई.एन.पी.ई.) का प्रकाशिक भू-प्रेक्षण उपग्रह है। यह उपग्रह अमेज़ोन क्षेत्र में‍ निर्वनीकरण का मॉनीटरन करने तथा ब्राजीली जमीन पर विविधतापूर्ण कृषि का विश्‍लेषण करने के लिए प्रयोक्‍ताओं को सुदूर संवेदन डेटा प्रदान करेगा।

पी.एस.एल.वी.-सी51/अमेज़ोनिया-1 अंतरिक्ष विभाग के अधीन भारत सरकार की कंपनी न्‍यूस्‍पेस इंडिया की पहली समर्पित वाणिज्यिक मिशन है। श्री नारायण जी, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनसिल ने बाजील को इसरो तथा एनसिल की सामर्थ्‍य विश्‍वास करने तथा मेसर्स स्‍पेसफ्लाइट इंक. यू.एस.ए. को इस मिशन को सुविधा प्रदान करने के लिए धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने इस मिशन के साथ ले जाए गए अन्‍य सहायक नीतभारों का भी संज्ञान लिया तथा सभी ग्राहकों के लिए उनके वांछित लक्ष्‍य प्राप्‍त करने की कामना की। अंतत:, उन्‍होंने कहा, “मैं इसरो तथा अं.वि. को उनकी सुनियोजित सटीकता के लिए धन्‍यवाद देता हूँ।”

पी.एस.एल.वी.-सी51 के ऑनबोर्ड ले जाए गए 18 सह-यात्री उपग्रहों में 4 इन-स्‍पेस से तथा 14 एनसिल से हैं।

एनसिल द्वारा भेजे गए चौदह उपग्रह वाणिज्यिक उपग्रह थे, जिनमें 1 भारत से एवं 13 यू.एस.ए. के हैं।

इन-स्‍पेस के 4 उपग्रहों में से तीन को युनिटीसैट ने डिजाइन किया तथा उन्‍हें जेप्पियार प्रौद्योगिकी संस्‍थान, श्रीपेरम्‍बदूर, जी.एच. रायसोनी अभियांत्रिकी महाविद्यालय, नागपुर तथा श्री शक्ति अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्‍थान, कोयम्‍बटूर के द्वारा संयुक्‍त रूप से विकसित किया गया तथा शेष सतीश धवन सैट (एस.डी.सैट) स्‍पेस किड्ज इंडिया द्वारा तैयार किया गया। डॉ. शिवन ने उपग्रहों को बनाने में टीमों के प्रयास की सराहना की। उन्‍होंने यह रिकार्ड पर कहा, “ये उपग्रह भारत सरकार द्वारा घोषित नए अंतरिक्ष सुधारों की देन हैं, जिसमें इसरो ने टीमों का संवर्धन सहयोग किया। मैं बिलकुल निश्चित हूँ कि यह मिशन अन्‍य शैक्षणिक संस्‍थानों तथा उद्योगों को उपग्रह बनाने में प्रो‍त्‍साहित करेगा।’’

पी.एस.एल.वी.-51, पी.एस.एल.वी. की 53वीं उड़ान तथा ‘डी.एल.’ संरूपण (2 स्‍ट्रैप-ऑन मोटरों क साथ) में पी.एस.एल.वी. की तीसरी उड़ान है। यह एस.डी.एस.सी. शार, श्रीहरिकोटा से 78वां प्रमोचक रॉकेट मिशन था।

आज के इस प्रमोचन के साथ, पी.एस.एल.वी. 34 देशों के कुल 342 विदेशी ग्राहक उपग्रह कक्षा में स्‍थापित कर चुका है।

अध्‍यक्ष, इसरो ने आगामी मिशनों पर संक्षिप्‍त चर्चा के साथ अपने संबोधन को समाप्‍त किया।