आदित्य (पीएपीए) के लिए प्लाज्मा विश्लेषक पैकेज की कक्षा में स्वास्थ्य स्थिति होम /आदित्य (पीएपीए) के लिए प्लाज्मा विश्लेषक पैकेज की कक्षा में स्वास्थ्य स्थिति

08 दिसंबर, 2023

आदित्य-एल1 अंतरिक्षयान पर आदित्य (पीएपीए) के लिए प्लाज्मा विश्लेषक पैकेज सौर पवन इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह और आयनों के प्रवाह की निगरानी के लिए एक ऊर्जा और द्रव्यमान विश्लेषक नीतभार है, जिसमें दो संवेदक अर्थात् क्रमशः सौर पवन इलेक्ट्रॉन ऊर्जा जांच (स्वीप) और सौर पवन आयन संरचना विश्लेषक (स्वीकार) लगे हैं।

कक्षा में स्वास्थ्य स्थिति की जांच करने के लिए, उच्च वोल्टेज (5 केवी) को सक्षम किए बिना, 8 नवंबर, 2023 को 10 घंटे में क्रूज चरण के दौरान पहली बार नीतभार को चालू किया गया था। इस नीतभार का परीक्षण मुख्य और अतिरिक्त डीसी-डीसी कन्वर्टरों दोनों के साथ किया गया। क्रूज चरण के दौरान, पापा नीतभार के इलेक्ट्रॉनिक्स को लगातार ऑन रखा गया और प्राप्त 127 डेटा सेटों का विश्लेषण अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला, वीएसएससी में नीतभार प्रचालन केंद्र में किया गया है। नीतभार स्वास्थ्य मापदंडों को डिजाइन मापदंडों के साथ सत्यापित किया जाता है और अपेक्षित सीमा के भीतर हैं, जो नीतभार के अच्छा स्वास्थ्य का संकेत है।

In-orbit Health Status of Plasma Analyser Package for Aditya (PAPA)

चूंकि उच्च वोल्टेता ऑफ है, स्वीप और स्वीकार संवेदक दोनों के लिए शून्य गणना देखी जाती है। उप-प्रणालियों के वोल्टेता स्तर स्थिर हैं। समग्र प्रचालनों के दौरान डिवाइस स्विच ऑन विद्युतधारा 140 एमए से कम है। संवेदक का तापमान निरंतर प्रचालनों के कई घंटों में 2 डिग्री सेल्सियस के अंदर (स्वीप के लिए 30 से 32 डिग्री सेल्सियस और स्वीकार के लिए 33 से 35 डिग्री सेल्सियस) स्थिर रहता है। अंतरिक्षयान अभिविन्यास के दौरान, संसूचक तापमान 2 घंटे की अवधि में 20 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच भिन्न रहा। हालांकि, उपरोक्त सभी भिन्नताएं नीतभार प्रचालनों के लिए 10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस की निर्धारित सीमा के अंदर हैं।

11 दिसंबर, 2023 को पहली बार हाई वोल्टेज (5 केवी) को स्विच ऑन करने की योजना बनाई गई है और इसे सभी मापदंडों की उचित निगरानी के साथ वृद्धिशील चरणों में किया जाएगा। उच्च वोल्टेज विद्युत आपूर्ति सक्रिय की जाने के बाद इलेक्ट्रॉन, आयनों और उनके प्रवाह का पता लगाया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनों और आयनों के प्रवाह और उनकी ऊर्जा के अध्ययन से सौर गतिशीलता, अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं और अंतरिक्षयान और सौर प्रणाली पर उनके संभावित प्रभावों की हमारी समझ में वृद्धि होगी।