पीएसएलवी-सी10 होम / गतिविधियाँ/ मिशन पूरा
पीएसएलवी-सी10 , भारत का ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान पीएसएलवी का बारहवाँ प्रमोचन और दूसरा वाणिज्यिक प्रमोचन, का सफल प्रमोचन 21 जनवरी 2008 को किया गया। पीएसएलवी-सी10 मिशन ने भूमध्य रेखा पर 41 डिग्री कोण की आनति सहित 450 कि.मी. उपभू और 580 कि.मी. अपभू के साथ, 295 कि.ग्रा. का वाणिज्यिक नीतभार टीईसीएसएआर दीर्घवृत्तीय कक्षा में वहन किया। यह पीएसएलवी द्वारा मध्यम आनति के साथ दीर्घवृत्तीय कक्षा में उपग्रह प्रमोचित करने की प्रथम उड़ान थी। संयोग से, यह एसडीएससी, शार से उपग्रह प्रमोचन का पच्चीसवाँ मिशन था। पीएसएलवी पीएसएलवी-सी8 का पहला बड़ा वाणिज्यिक प्रमोचन 23 अप्रैल, 2007 को हुआ, जब इसने सफलतापूर्वक एक इतालवी खगोलीय उपग्रह एजिले का प्रमोचन किया था।
इस मिशन के लिए, नीतभार और यान की क्षमता के लिए अपेक्षित कक्षा को ध्यान में रखते हुए पीएसएलवी-सीए (क्रोड-मात्र) विन्यास का चयन किया गया। इस संरूपण में, पीएसएलवी में छह स्ट्रैप-ऑन मोटर्स नहीं थे जो इसके मानक विन्यास में पहले चरण को घेरते हैं। क्रोड-मात्र पीएसएलवी सी10 का उत्थापन भार लगभग 230 टन था।
अपने मानक संरूपण में, 44 मी. ऊँचे पीएसएलवी का उत्थापन भार 295 टन है। यह एक चार-चरण वाला प्रमोचन यान है जिसमें प्रथम एवं तीसरे चरण और साथ ही साथ, छह स्ट्रैप-ऑन जो प्रथम चरण को घेरे हुए हैं एचटीपीबी आधारित ठोस नोदक का उपयोग करते हैं। पीएसएलवी का प्रथम चरण विश्व के बृहद् ठोस नोदक बूस्टरों में से एक है। इसके दूसरे एवं चौथे चरण द्रव नोदकों का उपयोग करते हैं। पीएसएलवी के बल्बनुमा नीतभार फेयरिंग का व्यास 3.2 मीटर है। यान के प्रदर्शन के मॉनीटरन, अनुवर्तन, रेंज सुरक्षा/उड़ान सुरक्षा एवं प्रारंभिक कक्षा निर्धारण (पीओडी) के लिये यान में एस-बैंड दूरमिति एवं सी-बैंड प्रेषानुकर उपयोग में लाए जाते हैं। इसमें चरण और नीतभार फेयरिंग पृथक्करण प्रणालियाँ जैसी परिष्कृत सहायक प्रणालियाँ भी मौजूद हैं।
पीएसएलवी अब तक अपने ग्यारह लगातार सफल उड़ानों के साथ इसरो के कार्योपयोगी प्रमोचन यान के रूप में उभर कर सामने आया है। 1994 में इसके प्रथम सफल प्रमोचन के समय से, पीएसएलवी ने आठ भारतीय दूर संवेदी उपग्रह, एक अव्यवसायी रेडियो उपग्रह, हैमसैट, अंतरिक्ष कैप्सूल पुन:प्राप्ति परीक्षण (एसआरई-1) एवं विदेशी ग्राहकों के लिये छह छोटे उपग्रहों को 550-800 कि.मी. उच्च ध्रुवीय सूर्य तुल्यकाली कक्षाओं (एसएसओ) में और साथ ही साथ, भारत के अनन्य मौसमविज्ञानी उपग्रह, कल्पना-1 का भूतुल्यकाली अंतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रमोचन किया है। इसके अतिरिक्त, इसने 350 कि.ग्रा. के इतालवी खगोलीय उपग्रह एजिले को भूमध्य रेखा के 2.5 डिग्री कोण पर आनत 550 कि.मी. वृत्ताकार कक्षा में प्रमोचित किया है।