प्रेस वार्ता - डॉ. कै. शिवन, अध्यक्ष, इसरो द्वारा दिया गया विवरण होम / प्रेस विज्ञप्ति / प्रेस वार्ता - डॉ. कै. शिवन, अध्यक्ष, इसरो द्वारा दिया गया विवरण
01 जनवरी 2020 को नए वर्ष के अवसर पर बेंगलूरु स्थित इसरो मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता संपन्न हुई। वार्ता के दौरान डॉ. कै. शिवन, अध्यक्ष, इसरो ने सैकड़ों मीडियाकमिर्यों को संबोधित किया तथा उनसे बातचीत की। वार्ता के दौरान डॉ. शिवन ने पिछले एक वर्ष में इसरो की उपलब्धियों को रेखांकित किया तथा इस वर्ष पूरी की जाने वाली योजनाओं के बारे में भी बताया। वर्ष 2019 के दौरान इसरो द्वारा 6 प्रमोचन रॉकेटों तथा 7 उपग्रह मिशनों को साकार किया गया। वर्ष 2019 में ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन रॉकेट (पी.एस.एल.वी.) ने अपनी 50वीं उड़ान भरी। डॉ. शिवन ने कहा कि पी.एस.एल.वी. के दो नए प्रकारों की शुरुआत की गर्इ। पहली बार प्रायोगिक कक्षीय प्लेटफार्म के रूप में, पी.एस.एल.वी. के खर्च किए जा चुके चौथे चरण का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया। सेमी कंडक्टर लेबोरेटरी द्वारा स्वदेशी ढंग से विकसित किए गए विक्रम प्रोसेसर का गत वर्ष उड़ान परीक्षण किया गया। अंतरराष्ट्रीय मोबाइल मानक बॉडी तीसरी पीढ़ी साझेदारी परियोजना (3जी.पी.पी.) ने भारत के क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली नाविक को अनुमोदन दिया, जो मोबाइल फोन में नाविक के प्रयोग को सुविधा प्रदान करेगा। क्षमता निर्माण की दिशा में, तमिलनाडु के थुथुकुडी जिले में विशेषकर उपग्रह प्रमोचन रॉकेट (एस.एस.एल.वी.) के लिए एक दूसरा प्रमोचन पैड स्थापित किए जाने की योजना है। डॉ. शिवन ने बताया कि ''वर्तमान में भूमि अधिग्रहण गतिविधियाँ चल रही हैं।'' प्रमोचन की बारंबारता बढ़ाने के लिए गत वर्ष एस.डी.एस.सी. शार श्रीहरिकोटा में एक दूसरा रॉकेट समेकन बिल्डिंग देश को समर्पित किया गया। जनता को लाइव प्रमोचन देखने की सुविधा प्रदान करने के लिए, बढ़ी हुई आउटरीच गतिविधियों में एक प्रमोचन दृश्य दीर्घा श्रीहरिकोटा में प्रचालित की गई। इसरो के क्षैतिज विस्तार की दिशा में किए प्रयास में, वर्ष के दौरान अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सेल, अंतरिक्ष ऊष्मायन केंद्र तथा अंतरिक्ष के लिए क्षेत्रीय अकादमी केंद्र स्थापित किए गए तथा आने वाले समय में ऐसे अनेक केंद्रों को स्थापित करने की योजना है। गत वर्ष, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान तथा अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर मूलभूत जानकारी देने के उद्देश्य से स्कूली विद्यार्थियों के लिए ''युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम (युविका)'' नामक एक विशेष कार्यक्रम भी शुरू किया गया। अंतरिक्ष प्रणालियों के उद्योग उत्पादन को आगे बढ़ाने के लिए, इसरो ने अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एन.एस.आई.एल.) को शामिल किया तथा उद्योग की मदद से पी.एस.एल.वी. को साकार करने के प्रयास किए गए। आगामी कार्यक्रमों के बारे में डॉ. शिवन ने कहा कि चंद्रमा पर भेजे जाने वाले एक लैंडर तथा एक रोवर सहित चंद्रयान-3 मिशन सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है तथा इसके लिए गतिविधियां चल रही हैं। भारत के पहले समानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के बारे में बात करते हुए डॉ. शिवन ने कहा, ''मिशन में हमारी अच्छी उन्नति है। मिशन के लिए अंतरिक्षयात्रियों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।'' उन्होंने आगे कहा कि चार अंतरिक्षयात्री चुने गए हैं जिन्हें कड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस वर्ष अन्य परियोजनाओं में एस.एस.एल.वी., 4 एम. ओजाइव(तोरण) नीतभार फेयरिंग के साथ जी.एस.एल.वी., जी.सैट-20 उपग्रह, स्वदेशी परमाण्विक घड़ियों वाला नाविक, भारतीय डेटा प्रसारण उपग्रह प्रणाली, आदित्य-एल.1 तथा एक्पोसैट शामिल हैं।