इसरो तथा ए.आर.आई.ई.एस. के बीच समझौता ज्ञापन पर प्रेस विज्ञप्तिहोम / प्रेस विज्ञप्ति / इसरो तथा ए.आर.आई.ई.एस. के बीच समझौता ज्ञापन पर प्रेस विज्ञप्ति
अंतरिक्ष स्थितिपरक जागरूकता (एस.एस.ए.) तथा खगोल भौतिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए इसरो मुख्यालय तथा ए.आर.आई.ई.एस. मुख्यालयों में वीडियों के जरिए श्री आर. उमामहेश्वरन, वैज्ञानिक सचिव, इसरो तथा प्रोफेसर (डॉ.) दीपांकर बैनर्जी, निदेशक, ए.आर.आई.ई.एस. द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), बेंगलूरु तथा आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ए.आर.आई.ई.एस.) नैनीताल के बीच 4 जून 2020 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
डॉ. ए.के. अनिलकुमार, निदेशक, अंतरिक्ष स्थितिपरक जागरूकता एवं प्रबंधन निदेशालय (डी.एस.एस.ए.एम.), डॉ. पी. श्रीकुमार, सतीश धवन प्रोफेसर, इसरो, श्री देवा अरुल डैनियल, सह निदेशक, डी.एस.एस.ए.एम., सुश्री बुलबुल मुखर्जी, सह निदेशक, डी.एस.एस.ए.एम., डॉ. वी. गिरीश, उप निदेशक, अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम कार्यालय (एस.एस.पी.ओ.), तथा श्री सी.वी.एस.एस. सोमित्रा, उप कार्यक्रम प्रबंधक, डी.एस.एस.ए.एम., इसरो की तरफ से उपस्थित थे। संकाय सदस्य, ए.आर.आई.ई.एस. के अध्यक्ष तथा सह अध्यक्ष, डॉ. बृजेश कुमार, डॉ. अमितेश ओमार, डॉ. कुंतल मिश्रा, डॉ. मनीष नाजा, डॉ. टी.एस. कुमार और डॉ. संतोष जोशी ए.आर.आई.ई.एस. की तरफ से उपस्थित थे।
अंतरिक्ष परिसंपत्तियों को अंतरिक्ष मलबे से जोखि़म भरे टकराव से बचाने के लिए अंतरिक्ष पिंड कक्षीय अनुवर्तन, विश्लेषण तथा अंतरिक्ष मौसम अध्ययन अंतरिक्ष स्थितिपरक जागरूकता एवं प्रबंधन में महत्वपूर्ण पहलु हैं। अंतरिक्ष अन्वेषण में भावी प्रयास खगोल भौतिकी, सौर विज्ञान तथा अंतरिक्ष पर्यावरण में अनुसंधान एवं विकास पर निर्भर करता है। इन क्षेत्रों में आत्म निर्भरता भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्षेत्र की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है।
अंतरिक्ष पिंड अनुवर्तन, अंतरिक्ष मौसम, खगोल भौतिकी तथा निकट भू-पिंड (एन.ई.ओ.) में अनुसंधान एवं विकास अध्ययनों के लिए प्रकाशीय दूरदर्शी प्रेक्षणात्मक सुविधाओं की स्थापना हेतु यह समझौता ज्ञापन इसरो तथा ए.आर.आई.ई.एस. के बीच भावी सहयोग का मार्ग तैयार करेगा।