प्रेस विज्ञप्ति: भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-30 का सफलतापूर्वक प्रमोचन संपन्न होम / प्रेस विज्ञप्ति / प्रेस विज्ञप्ति: भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-30 का सफलतापूर्वक प्रमोचन संपन्न
आज सवेरे-सवेरे फ्रेंच गुयाना के स्पेसपोर्ट से भारत के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-30 का सफलतापूर्वक प्रमोचन संपन्न हुआ।
योजनानुसार, भारतीय जीसैट-30 एवं एयूटेलसैट के लिए एयूटेलसैट कोनेक्ट का वहन करते हुए प्रमोचक रॉकेट एरियन 5 वीए-251 का उत्थापन कौरू प्रमोचन बेस, फ्रेंच गुयाना से (भा.मा.स.) 02:35 बजे हुआ।
38 मिनट और 25 सेकंड तक की उड़ान के पश्चात, जीसैट-30 दीर्घवृत्तीय अंतरण कक्षा में एरियन 5 ऊपरी चरण से पृथक हुआ।
3357 कि.ग्रा. के उत्थापन द्रव्यमान के साथ जीसैट-30, कुछ कक्षीय उपग्रहों पर निरंतर रूप से प्रचालनात्मक सेवाएं प्रदान करता रहेगा। इसरो के पहले के इन्सैट/जीसैट उपग्रह श्रृंखलाओं की विरासत से जीसैट-30 का उद्गम हुआ है और यह कक्षा में इन्सैट-4ए का प्रतिस्थापन करेगा।
डॉ. कै. शिवन, अध्यक्ष, इसरो ने कहा कि “जीसैट-30 में लचीले आवृत्ति खंडों तथा लचीला प्रसारण क्षेत्र प्रदान करने के लिए अद्वितीय संरूपण है। यह उपग्रह के.यू. बैण्ड द्वारा भारतीय महाद्वीपों तथा द्वीपों और सी-बैण्ड द्वारा खाड़ी देशों को सम्मिलित करते हुए विस्तृत प्रसारण क्षेत्र, अधिक संख्या में एशियाई देशों एवं ऑस्ट्रेलिया को संचार सुविधाएं प्रदान करेगा”।
डॉ. शिवन ने यह भी कहा कि, यह जीसैट-30 डी.टी.एच. दूरदर्शन सेवाएं, ए.टी.एम. के लिए वीसैट का संयोजन, स्टॉक विनिमय, दूरदर्शन अपलिंकिंग एवं टेलिपोर्ट सेवाएं, डिजिटल उपग्रह समाचार संग्रह (डिजिटल सैटीलाइट न्यूज गेदरिंग -डी.एस.एन.जी.) तथा ई-शासन अनुप्रयोग प्रदान करेगा। इस उपग्रह को उभरते दूरसंचार अनुप्रयोगों के होस्ट के लिए समष्टि आंकड़ों के अंतरण हेतु भी उपयोग में लाया जाएगा।
जीसैट-30 का प्रमोचन रॉकेट से पृथक्करण होने के तुरंत पश्चात ही हासन, कर्नाटक स्थित इसरो के मुख्य नियंत्रण सुविधा (एम.सी.एफ.) ने उसके कमाण्ड एवं नियंत्रण का कार्यभार संभाल लिया है। उपग्रह के प्रारंभिक स्वास्थ्य की जाँच से उपग्रह की सामान्य स्वाभाविक स्थिति की जानकारी प्राप्त हुई है।
आगामी दिनों में, उपग्रह को भूस्थिर कक्षा (भूमध्यरेखा से 36,000 कि.मी. ऊपर) पर स्थापित करने के लिए ऑन-बोर्ड नोदन प्रणाली का उपयोग करते हुए कक्षा उत्थापन युक्तिचालनों का निष्पादन किया जाएगा।
इसके कक्षा उत्थापन प्रचालनों के अंतिम चरणों के दौरान, जीसैट-30 के दो सौर व्यूहों एवं ऐंटेना परावर्तकों को प्रस्तारित किया जाएगा। इसके पश्चात, उपग्रह को इसकी अंतिम कक्षीय संरूपण में स्थापित किया जाएगा। यह उपग्रह सभी कक्षीय परीक्षणों के सफलतापूर्वक समापन के पश्चात प्रचालनरत हो जाएगा।