धराली आकस्मिक बाढ़ का भारतीय उपग्रह डेटा आधारित विश्लेषण होम / धराली आकस्मिक बाढ़ का भारतीय उपग्रह डेटा आधारित विश्लेषण

07 अगस्त, 2025

5 अगस्त 2025 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली और हरसिल गांवों में भारी बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़ की वजह से मलबा भर गया। अचानक आई इस बाढ़ ने घरों, इमारतों, पुलों, सड़कों को बहा दिया और कई लोगों की जान ले ली।

राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी)/इसरो ने भारत के कार्टोसैट-2एस उपग्रहों के अति उच्च-विभेदन उपग्रह चित्रों का उपयोग करके क्षति का त्वरित आकलन किया। 07.08.2025 (घटना के बाद) के उपग्रह चित्रों और उपलब्ध बादल-रहित घटना-पूर्व आँकड़ों (13.06.2024) के तुलनात्मक विश्लेषण से विनाश की सीमा और गंभीरता का पता चला।

प्रमुख निष्कर्षों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आकस्मिक बाढ़ के संकेत सहित चौड़ी हो चुकी जलधाराओं, नदी की आकृति में बदलाव और मानव जीवन व बुनियादी ढाँचे को नुकसान।
  • खीर गाड और भागीरथी नदी के संगम पर, धराली गाँव (लगभग 20 हेक्टेयर क्षेत्र, लगभग 750 मीटर x लगभग 450 मीटर) में तलछट और मलबे का पंखे के आकार का जमाव।
  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में कई इमारतों का आंशिक/पूर्ण विनाश और उनका गायब हो जाना, संभवतः तीव्र पंक प्रवाह और मलबे में डूब गए या बह गए।
  • धराली गाँव में कई इमारतें कीचड़/मलबे में डूबी हुई प्रतीत होती हैं।

उपग्रह चित्रों से चल रहे खोज एवं बचाव कार्यों में फंसे हुए व्यक्तियों तक पहुंचने तथा अलग-थलग पड़े क्षेत्र से सम्पर्क बहाल करने में मदद मिलेगी।

यह घटना हिमालयी बस्तियों की आपदाओं के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता को उजागर करती है। इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण किया जा रहा है।

Indian Satellite data based analysis of the Dharali Flash Flood