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July 04, 2023
एक्सपोसैट (एक्स-किरण ध्रुवणमापी उपग्रह) चरम परिस्थितियों में खगोलीय स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला समर्पित ध्रुवणमापी मिशन है। यह उपग्रह निम्न भू कक्षा में दो वैज्ञानिक नीतभार लेकर जाएगा। प्राथमिक नीतभार पोलिक्स (एक्स-किरण में ध्रुवणमापी उपकरण) खगोलीय मूल के 8-30 केवी फोटॉन के मध्यम एक्स-किरण ऊर्जा में ध्रुवणमापी मापदंडों (ध्रुवीकरण की डिग्री और कोण) को मापेगा। एक्सस्पेक्ट (एक्स-किरण स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) नीतभार 0.8-15 केईवी की ऊर्जा सीमा में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी देगा। पोलिक्स नीतभार को इसरो के साथ घनिष्ट समन्वयन में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है।
25 मई, 2023 को इसरो ने एक दिन के लिए एक्सपोसैट उपयोगकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया। प्रयोक्ता बैठक का उद्देश्य खगोल विज्ञान में अत्याधुनिक वैज्ञानिक समझ को विकसित करने की दिशा में एक्सपोसैट के सर्वोत्तम उपयोग पर विचार करने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय विशेषज्ञों को एक साथ लाना था। पूरे देश में व्यापक जनसमूह तक पहुंचने के लिए, बैठक को इसरो फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर लाइव किया गया। कई प्रतिभागियों ने ऑनलाइन भी भाग लिया।
प्रयोक्ता बैठक में देश भर के लगभग 20 संस्थानों/विश्वविद्यालयों की भागीदारी है। बैठक में लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें लगभग 100 ने वैयक्तिक रूप से भाग लिया और अन्य ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भाग लिया। प्रयोक्ता बैठक में एक्सपोसैट परियोजना के साथ-साथ पूरे देश में विज्ञान समुदाय से लगभग 20 प्रस्तुतियां की गई हैं। वैज्ञानिक सत्रों में खगोल विज्ञान में एक्स-किरण ध्रुवीकरण मापन के महत्व, बाल्कहोल और न्यूट्रॉन सितारों एक्स-किरण द्वयाधारी, पृथक न्यूट्रॉन सितार, सक्रिय आकाशगंगेय नाभिक, अल्ट्रा ल्यूमिनस एक्स-किरण स्रोतों आदि सहित खगोलीय स्रोतों की विभिन्न श्रेणी पर एक्सपोसैट के अपेक्षित प्रभाव पर चर्चा शामिल थी। एक्सपोसैट डेटा की व्याख्या करने के लिए मॉडलिंग आवश्यकताओं पर भी चर्चा की गई। एक्सपोसैट से विज्ञान को अधिकतम करने के लिए आगे के रास्ते के लिए प्रतिभागियों से खुली चर्चा भी की गई।