05 जून, 2025
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी)/इसरो के साथ 23 मई 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में “आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए अंतरिक्ष आधारित भू-प्रेक्षण और जीआईएस प्रौद्योगिकियों का उपयोग” विषय पर एक-दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह कार्यशाला इसरो और गृह मंत्रालय के बीच निरंतर वार्तालाप का परिणाम है, जिसका उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार के संगठनों, शिक्षा जगत और उद्योग के सभी हितधारकों को आपदा जोखिम प्रबंधन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और भू-स्थानिक उपकरणों के अनुप्रयोग पर विचार-विमर्श करने हेतु एक साथ लाना है।
उद्घाटन सत्र में श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य एवं विभागाध्यक्ष, एनडीएमए ने विशेष भाषण दिया तथा श्री सफ़ी अहसान रिजवी, सलाहकार (शमन), एनडीएमए ने “आपदा जोखिम प्रबंधन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका पर एक सिंहावलोकन” प्रस्तुत किया। एनआरएससी के निदेशक, डॉ प्रकाश चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने आपदा जोखिम प्रबंधन को मजबूत करने में भू-प्रेक्षण की भूमिका एवं आपदा प्रतिरोधी देश के निर्माण में माननीय प्रधानमंत्री जी की 10-सूत्रीय कार्य-सूची को प्राप्त करने की दिशा में इसरो के प्रयासों पर जोर दिया।
कार्यशाला में विभिन्न संस्थाओं के लगभग 120 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। तकनीकी विचार-विमर्श पाँच सत्रों में आयोजित किया गया, जिसमें से प्रत्येक में आपदा की तैयारी एवं प्रतिक्रिया के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों से लाभ उठाने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई।
समापन भाषण एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) द्वारा प्रस्तुत किया गया। एनडीएमए के सदस्य डॉ. कृष्ण एस. वत्स ने एक दूरदर्शी दिशानिर्देश प्रस्तुत किए, जिसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत की आपदा प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने की दिशा में इस कार्यक्रम को एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया।
Dr. Prakash Chauhan, Director, NRSC/ ISRO addressing the gathering