26 जून, 2024
भारत गणराज्य के लिए थाईलैंड की विशेष और पूर्णाधिकारयुक्त राजदूत, माननीय सुश्री पट्टरात होंगटोंग ने 25 जून, 2024 को बेंगलूरु में यू आर राव उपग्रह केंद्र (यूआरएससी) में श्री सोमनाथ एस., अध्यक्ष, इसरो/सचिव, अंतरिक्ष विभाग से मुलाकात की। इस बैठक में श्री एम. शंकरन, निदेशक, यूआरएससी और श्री रचा अरिबर्ग, थाईलैंड के महावाणिज्य दूत, (चेन्नई स्थित) के साथ-साथ इसरो के वरिष्ठ अधिकारियों और थाईलैंड के राजनयिकों ने भी भाग लिया।
अपने उद्घाटन भाषण में श्री सोमनाथ एस. ने कृषि, समुद्र विज्ञान, आपदा प्रबंधन और मानचित्रकला जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के संभावित लाभों को रेखांकित किया। उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग पर इसरो केंद्रों द्वारा आयोजित विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में थाईलैंड के अधिकारियों की भागीदारी का भी उल्लेख किया। उन्होंने अन्य देशों, विशेषकर दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ निकटता से कार्य करने में भारत की रुचि के अनुरूप, अंतरिक्ष के क्षेत्र में थाईलैंड की सहायता करने हेतु इसरो/डीओएस की तत्परता व्यक्त की।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों की मुक्त प्रशंसा करते हुए, थाईलैंड के राजदूत ने भारत के साथ अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाने में गहरी रुचि व्यक्त की। राजदूत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 जैसे भारत के हालिया सफल मिशनों ने थाईलैंड की जनता के बीच बड़ा उत्साह पैदा किया है। साझेदारी को आगे बढ़ाने की बात पर राजदूत ने उल्लेख किया कि आगे इस वर्ष में भारत के पीएसएलवी द्वारा टीएचईओएस-2ए उपग्रह का आगामी प्रक्षेपण द्विपक्षीय अंतरिक्ष संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा और दोनों देशों के अंतरिक्ष परितंत्र के विभिन्न हितधारकों के बीच संबंधों को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
पर्यावरण और जलवायु प्रेक्षण के लिए जी20 उपग्रह मिशन का उल्लेख करते हुए इसरो के अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि थाईलैंड इस मिशन से प्राप्त होने वाले वैज्ञानिक डेटा का उपयोग कर सकता है।
द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग को और आगे बढ़ाने हेतु मिलकर काम करने के सकारात्मक स्वर के साथ बैठक समाप्त हुई।