11 सितंबर, 2025
10 सितंबर, 2025 को इसरो मुख्यालय, बेगलूरु में लघु उपग्रह प्रमोचन यान (एसएसएलवी) प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड, इसरो, इन-स्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
एसएसएलवी एक त्रि-चरणीय पूर्ण-ठोस यान है जिसे 500 किलोग्राम तक के भार वाले उपग्रहों को निम्न भू-कक्षा (एलईओ) में प्रमोचित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एसएसएलवी को इसरो द्वारा एक त्वरित प्रत्यावर्तन, मांग आधारित प्रमोचन यान के रूप में विकसित किया गया है जो औद्योगिक उत्पादन के लिए उपयुक्त है और वैश्विक लघु उपग्रह प्रमोचन यान बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लक्षित है। इसे झुके हुए प्रमोचनों के लिए श्रीहरिकोटा से और ध्रुवीय प्रमोचनों के लिए कुलशेखरपट्टिनम के आगामी नए प्रक्षेपण स्थल से भी प्रमोचित किया जा सकता है।
श्री जयकृष्णन एस, सीईओ (बेंगलूरु कॉम्प्लेक्स)-एचएएल, श्री ए. राजराजन, निदेशक, वीएसएससी/इसरो, श्री एम. मोहन, सीएमडी, एनएसआईएल और श्री राजीव ज्योति, निदेशक (तकनीकी), इन-स्पेस ने डॉ. वी. नारायणन, सचिव, अंतरिक्ष विभाग/अध्यक्ष, इसरो, डॉ. पवन कुमार गोयनका, अध्यक्ष, इन-स्पेस, डॉ. डी. के. सुनील, सीएमडी, एचएएल और एचएएल, इसरो, इन-स्पेस तथा एनसिल के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए। एसएसएलवी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता भारत सरकार द्वारा घोषित अंतरिक्ष-क्षेत्र सुधारों द्वारा संभव बनाया गया एक प्रमुख मील का पत्थर है। एसएसएलवी के सफल वाणिज्यीकरण से भारतीय अंतरिक्ष परितंत्र को बढ़ावा मिलने और छोटे उपग्रह प्रमोचन सेवाओं की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने की उम्मीद है।