22 जुलाई 2023
इसरो ने इसरो नोदन कॉम्प्लेक्स (आई.पी.आर.सी.) महेंद्रगिरि में हैदराबाद स्थित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप स्काईरूट द्वारा आयोजित एक सफल रॉकेट-इंजन परीक्षण को सक्षम करके भारत में अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। परीक्षण आई.पी.आर.सी. में द्रव प्रणोदक परीक्षण सुविधा (एल.टी.टी.एफ.) में हुआ। परीक्षण इन-स्पेस द्वारा सक्षम किया गया था।
परीक्षण में रमन-द्वितीय इंजन शामिल था, जिसे स्काईरूट द्वारा 820 एन (समुद्र स्तर) और 1460 एन (वैक्यूम) प्रणोद उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जिसमें 8.5 बार नामीय चैम्बर दबाव था। पुनर्योजी रूप से शीत इंजन, एडिटिव विनिर्माण तकनीकों के माध्यम से निर्मित, मोनो मिथाइल हाइड्राज़ीन और नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड को प्रणोदक के रूप में उपयोग करता है। 10 सेकंड की अवधि के परीक्षण ने प्रारंभ क्षणिक, स्थिर स्थिति और शट-ऑफ के संदर्भ में अपेक्षित प्रदर्शन हासिल किया। रमन-II इंजन को अपने प्रक्षेपण यान, विक्रम- I के चौथे चरण में एकीकृत करना स्काईरूट का इरादा है।
परीक्षण सुविधा प्रणालियों ने परीक्षण के दौरान सामान्य प्रदर्शन दिखाया और टी0 पर इंजन इनलेट शर्तों को पूरा किया। यंत्रीकरण प्रणाली ने भी आशानुरूप प्रदर्शन किया, जिससे परीक्षण परिणामों की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हुई।
यह सुविधा देश के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने में निजी उद्यमियों, स्टार्ट-अप और गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) को बढ़ावा देने की इसरो की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। आगे बढ़ते हुए, रमन-II इंजन की क्षमताओं को और अधिक मान्य और परिष्कृत करने के लिए अतिरिक्त परीक्षणों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है।