छात्र होम / हमसें जुड़ें / छात्र
इसरो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोगों में जागरूकता फैलाने में छात्रों को प्रोत्सा्हित करने हेतु प्रतिबद्ध है। वे देश के सामाजिक और आर्थिक उत्थाुन हेतु प्रौद्योगिकियां का प्रयोग करने के लिए भविष्ये की उम्मीहदें हैं। स्टेेम गतिविधियों एवं अधिगम में सहभागिता हेतु छात्रों के लिए कई कार्यक्रम तैयार किए गए हैं।
इसरो स्टे्म पोर्टल
इसरो अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग क्षेत्रों से संबद्ध स्टेअम गतिविधियों में सहभागिता हेतु इच्छुअक छात्रों के लिए विभिन्नय गतिविधियां प्रस्तु त करता है। ज्ञान पोर्टल में ऑनलाइन प्रमाणित पाठ्यक्रम, अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ संवादात्मनक वीडियो सत्र, ‘स्पे स किड’ की सृजनात्माक कल्पंनाएं प्रस्तुित करने हेतु प्रावधान, वर्चुअल संग्रहालय अंतरापृष्ठो, एप्पस/अनुसंधान लेखों, आदि सहित छात्रों के नवोन्मेएष विचार और उनकी जागरुकता की जांच हेतु अंतरिक्ष प्रश्नोात्तरी शामिल है।
इस पोर्टल पर विभिन्नज जानकारी वाले वीडियो, इसरो के मिशन एक नजर में, अंतरिक्ष शब्द्कोश, आदि भी डाले गए हैं।
इस पोर्टल को यहां देखा जा सकता है यहां
युविका
युवा विज्ञानी कार्यक्रम या ‘’युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम’’ ग्रामीण क्षेत्रों की प्राथमिकता के साथ युवा छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान एवं अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर मूलभूत जानकारी प्रदान करने हेतु स्कूयली बच्चों् के लिए इसरो द्वारा आयोजित व प्रायोजित कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य युवाओं में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उदीयमान प्रवृत्तियों के बारे में जागरूकता कराना है, जो हमारे राष्ट्र के भावी आधारशिला हैं। इसरो ने इस कार्यक्रम की परिकल्पोना ‘’युवावस्था में भागीदार’’ बनाने हेतु की है। इस कार्यक्रम द्वारा अनुसंधान/वृत्ति आधारित विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरी एवं गणित (स्टेम) के अध्युयन हेतु ज्याटदा छात्रों को प्रोत्सानहित करने की संभावना है।
युविका पर ज्याेदा जानकारी यहां उपलब्धय है। यहां
उन्नकति (यूनिस्पे स नैनो उपग्रह समुच्च यन एवं प्रशिक्षण)
यह विदेशी छात्रों/इंजीनियरों/वैज्ञानिकों/पदाधिकारियों के लिए नैनो उपग्रह समुच्चमयन एवं निर्माण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम है। यह प्रशिक्षण नैनो उपग्रहों के समुच्च/यन, समेकन एवं परीक्षण में भागीदार देशों की क्षमता वृद्धि के लिए अवसर मुहैया कराता है।
भारत में बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेंषण तथा शांतिपूर्ण उपयोग पर प्रथम संयुक्तस राष्ट्रह सम्मे्लन (यूनीस्पे स+50) की 50वीं वर्षगॉंठ की स्मृति में संगोष्ठीप के दौरान वियना में वर्ष 2018 में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। अब तक 33 देशों से 60 प्रतिभागी इस द्विमासिक आवासीय कार्यक्रम से लाभान्वित हुए हैं। यह कार्यक्रम यू.आर. राव उपग्रह केंद्र (यू.आर.एस.सी.), बेंगलूरु, इसरो में आयोजित किया गया था।
घोषणाओं के लिए, इसरो की वेबसाइट एवं सामाजिक मीडिया को फॉलो किया जा सकता है।
आई.आई.आर.एस., देहरादून -ई.-अधिगम कार्यक्रम
भारतीय सुदूर संवेदन संस्थािन (आई.आई.आर.एस.), देहरादून एक प्रमुख संस्थाान है, जो मुख्या रूप से भूस्था।निक अनुप्रयोगों हेतु प्रशिक्षण पर संकेंद्रित है। आई.आई.आर.एस., आई.आई.आर.एस. बाह्य संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत दूर-शिक्षा कार्यक्रम भी आयोजित करता है, जो ऑनलाइन अधिगम प्लेएटफार्मों का उपयोग करते हुए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं उसके अनुप्रयोगों में शैक्षिक जगत और प्रयोक्ता खण्डोंे को मजबूत करने हेतु संकेंद्रित हैं। यह कार्यक्रम, निम्नयलिखित दो तरीकों के माध्यतम से निष्पाडदित किया जा रहा है।
1. सीधे एवं संवादात्मकक कक्षा सत्रों पर अधिक जानकारी हेतु यहां क्लिक करें
2. ई-अधिगम ऑनलाइन पाठ्यक्रमों पर अधिक जानकारी हेतु यहां क्लिक करें
सी.एस.एस.टी.ई.ए.पी. द्वारा शैक्षिक कार्यक्रम
यू.एन.-ओ.ओ.एस.ए. ने भारत को एशिया एवं प्रशांत में अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा (सी.एस.एस.टी.ई.ए.पी.) की स्था पना हेतु मेजबान देश के रूप में अधिसूचित किया है। यह केंद्र प्रारंभ में क्षेत्र के 10 सदस्यर देशों द्वारा एक करार के माध्योम से 01 नवंबर 1995 को भारत में स्थातपित किया गया था। अंतरिक्ष विभाग को नोडल एजेंसी बनाते हुए भारत सरकार ने इस केंद्र को स्थासपित किया है। अंतरिक्ष विभाग ने भारतीय सुदूर संवेदन संस्थाेन (आई.आई.आर.एस.), देहरादून; अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (सैक), अहमदाबाद और भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पी.आर.एल.), अहमदाबाद तथा यू.आर. राव उपग्रह केंद्र (यू.आर.एस.सी.), बेंगलूरु के माध्योम से केंद्र को उपयुक्त सुविधा एवं विशेषज्ञता मुहैया करायी है।
केंद्र का शैक्षणिक कार्यक्रम अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के सुसंगत पहलुओं में जानकारी प्रसारित करने की दिशा में अभिमुखित है। यह केंद्र सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली, उपग्रह संचार, उपग्रह मौसम विज्ञान एवं वैश्विक जलवायु, अंतरिक्ष एवं वायुमंडलीय विज्ञान के क्षेत्रों में स्नाचतकोत्तर स्तहर के पाठ्यक्रम संचालित करता है।
स्कूयल भुवन-एन.सी.ई.आर.टी.
यह वह पोर्टल है जो देश के प्राकृतिक संसाधनों, पर्यावरण एवं उनके सतत विकास के बारे में छात्रों को जागरूक करने हेतु मानचित्र आधारित अधिगम मुहैया कराता है।पोर्टल हेतु यहां क्लिक करें।
छात्र उपग्रह कार्यक्रम
इसरो भावी अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकविद तैयार करने तथा इस क्षेत्र में भावी विक्रेताओं को विकसित करने हेतु क्षमता निर्माण प्रयास के रूप में इसरो के मिशनों में भाग लेने तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सीखने हेतु छात्र समुदाय को प्रोत्सााहित करता आ रहा है, जो देश में उपयोग हेतु अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उप-प्रणालियों एवं यूनिटों की डिजाइन, विकास, संविरचन, जॉंच कर सके तथा विश्व बाजार में प्रतिस्पंर्धी बन सकें।
इसरो के अंतरिक्ष कार्यक्रम के गत कुछ दशकों में, कई विश्व विद्यालयों/शैक्षणिक संस्थासनों ने अंतरिक्ष संबंधित कार्यक्रमों के साथ-साथ प्रौद्योगिकी विकास में भागीदारी की है। इस भाग के रूप में, कई संस्थााएं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में शिक्षण की शुरुआत करने हेतु इच्छुाक थे और बाद में अंतरिक्ष विभाग ने पहल की तथा छात्र उपग्रह विकसित करने के साथ-साथ नीतभार विकसित किए। विश्वरविद्यालय छात्रों द्वारा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, परियोजनाओं से संबंधित सभी गतिविधियों के समन्व य के लिए इसरो ने भारतीय सुदूर संवेदन कार्यक्रम के भाग के रूप में लघु उपग्रहों के रूप में इन गतििविधियों को कारगर बनाने हेतु कार्यप्रणाली स्थायपित की है। अधिक जानकारी यहां उपलब्धो है। यहां
सुविधा दौरे
इसरो के केंद्र चुनिंदा दिनों पर इसरो की सुविधाओं के तकनीकी संदर्शन हेतु अवसर प्रदान करते हैं। महाविद्यालयों को छात्रों और संकाय सदस्योंं की सूची के साथ पूर्व अनुमति हेतु के मुख्यो फोकल पोइंट से संपर्क करना आवश्यनक है। केंद्र, अपने केंद्रों की संरक्षा एवं सुरक्षा प्रोटोकॉलों का ध्यांन रखते हुए संदर्शन आयोजित करते हैं। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। अधिक जानकारी हेतु यहां क्लिक करें