02 अगस्त, 2025
इसरो अपने अभिनव "स्पेस ऑन व्हील्स" आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से युवा मस्तिष्कों को प्रेरित और अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जिज्ञासा को बढ़ावा देता आ रहा है। यह मोबाइल प्रदर्शनी पहल अंतरिक्ष अन्वेषण के चमत्कारों को सीधे भारत भर के छात्रों और समुदायों तक पहुँचाती है, जिससे दूर-दराज के इलाकों में भी विज्ञान तक पहुँच सुलभ हो जाता है। तेलंगाना, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में हाल ही में हुए आयोजनों ने पारस्परिक प्रदर्श और शैक्षिक सामग्री के माध्यम से जनता को जोड़ने की इसरो की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है।
उल्लेखनीय रूप से, उस्मानिया विश्वविद्यालय और हैदराबाद के गच्चिबावली स्थित विज्ञान वैभव में 31,000 से ज़्यादा छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के चमत्कारों में खुद को तल्लीन किया। इसी तरह, 8 अप्रैल, 2025 को करीमनगर ज़िले के रुक्मपुर स्थित सैनिक स्कूल में आयोजित प्रदर्शनी ने युवा छात्रों को आकर्षित किया और भारत के अंतरिक्ष प्रयासों में उनकी रुचि जगाई। इस पहल का हैदराबाद के कटेदान स्थित रविज़ ब्रिलियंट स्कूल में भी उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा, जहाँ 1,500 छात्रों ने इस पारस्परिक अनुभव का लाभ उठाया।
तेलंगाना राज्य में स्पेस ऑन व्हील्स
झारखंड और बिहार में, स्पेस ऑन व्हील्स कार्यक्रम ने 20 विभिन्न स्थानों के गांवों, कस्बों और शैक्षणिक संस्थानों को आच्छादित करते हुए 30,000 व्यक्तियों तक अपनी पहुंच बनाई, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि अंतरिक्ष अन्वेषण का रोमांच भौगोलिक बाधाओं से परे है।
झारखंड राज्य में स्पेस ऑन व्हील्स
अंतरिक्ष विज्ञान को सीधे स्कूलों और समुदायों तक पहुँचाकर, इसरो का स्पेस ऑन व्हील्स कार्यक्रम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की गहन समझ को बढ़ावा देते हुए वैज्ञानिकों, इंजीनियरों तथा अन्वेषकों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करता है। यह आउटरीच प्रयास इसरो के उस मिशन को रेखांकित करता है जिसके तहत अंतरिक्ष अनुसंधान को आगे बढ़ाते हुए भारत के युवाओं में विज्ञान के प्रति जुनून जगाया जाएगा, जिससे एक उज्जवल और अधिक नवोन्मेषी भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।