समुद्रयान परियोजना के लिए कर्मीदल को तैयार करना
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23 जुलाई, 2025

'समुद्रयान' पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के गहन महासागर मिशन के अंतर्गत एक परियोजना है, जिसका उद्देश्य मत्स्य-6000 नामक एक गोलाकार पनडुब्बी यान का विकास करना है जो मनुष्यों को समुद्र में 6 किमी की गहराई तक ले जा सकेगा। इस मानव-युक्त यान (एचओवी) के विकास हेतु राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), इसरो के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

कर्मीदल का डिज़ाइन और निर्माण हेतु सामग्री का विकास वीएसएससी द्वारा किया गया। मत्स्य-6000, 2260 मिमी व्यास और 80 मिमी मोटाई की दीवार वाला एक गोलाकार यान है। यह टाइटेनियम मिश्रधातु (Ti6Al4V - ELI ग्रेड) से बना है और -3° सेंटीग्रेड के निम्न तापमान में 600 बार तक के बाहरी दबाव को सहन कर सकता है। इसमें तीन सदस्यीय दल को गहरे समुद्र में ले जाने की क्षमता है।

गोलाकार यान को साकार करने में सबसे बड़ी चुनौती विश्वसनीय, उच्च वेधन (80-102 मिमी मोटी) इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग (ईबीडब्ल्यू) प्रक्रिया और गैर-विनाशकारी मूल्यांकन (एनडीई) के लिए उच्च-ऊर्जा (7.5MeV) एक्स-रे रेडियोग्राफी सुविधा का विकास है, जो मानव-अनुकूलित उत्पाद के प्रमाणन हेतु आवश्यक है। सुविधाओं, प्रक्रिया और उत्पाद का प्रमाणन किसी तृतीय पक्ष द्वारा किए जाने की योजना है।

द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) की जिम्मेदारी वेल्डिंग प्रक्रिया और एनडीई के लिए प्रक्रिया और बुनियादी ढाँचे का विकास करने की थी। एलपीएससी-बेंगलूरु में 20 मिमी मोटाई तक वेल्डिंग करने की सुविधा और विशेषज्ञता थी। वेल्डिंग के लिए उच्च शक्ति की माँग को पूरा करने के लिए, ईबीडब्ल्यू मशीन की क्षमता को 15 किलोवाट से बढ़ाकर 40 किलोवाट कर दिया गया। साथ ही, बड़े आकार और भार के लिए रसायनिक सफाई और संचालन उपकरणों की अतिरिक्त सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गईं। गैर-विनाशकारी मूल्यांकन के लिए केवी रेंज में मौजूदा एक्स-रे सुविधा को 7.5MeV रेंज तक बढ़ाया गया। कई एनडीई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया जो वेल्ड की गुणवत्ता निर्धारित करने में एक-दूसरे की पूरक हैं, जिनमें उड़ान विवर्तन समय (टीओएफडी) और द्वि रैखिक व्यूह (डीएलए), चरणबद्ध व्यूह अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग (पीएयूटी) शामिल हैं।

एलपीएससी ने प्रक्रिया मापदंडों के अनुकूलन हेतु व्यापक वेल्ड परीक्षणों (लगभग 700 परीक्षण) के माध्यम से वेल्डिंग प्रक्रिया विकसित की। कृत्रिम रूप से उत्पन्न दोषों का निरीक्षण करके एनडीई तकनीकों की स्थापना की गई और अंशांकन मानक तैयार किए गए। वेल्डिंग प्रक्रिया विनिर्देश और वेल्ड योग्यता प्रोटोकॉल को एक तृतीय पक्ष द्वारा अनुमोदित किया जा रहा है।

Development of Personnel Sphere for Samudrayaan Project

प्रक्रिया विकास और प्रक्रिया अनुकूलन के बाद, वास्तविक हार्डवेयर पर प्रथम वेल्डिंग और विस्तृत मूल्यांकन सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इस पैमाने की उच्च वेधन वेल्डिंग, यानी 7100 मिमी लंबाई पर 80 मिमी वेल्ड मोटाई और 32 मिनट की वेल्ड अवधि वाली वेल्डिंग देश में पहली बार की गई।

Description: Development of Personnel Sphere for Samudrayaan Project
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