29 जुलाई, 2025
नर्मदा हॉल, स्वर्णिम संकुल, सचिवालय, गांधीनगर में 22 जुलाई 2025 को गुजरात, दमन एवं दीव तथा दादर एवं नागर हवेली राज्यों हेतु "विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों का लाभ उठाना" विषय पर क्षेत्रीय बैठक आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (सैक), इसरो, अहमदाबाद द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), गुजरात सरकार के सहयोग से किया गया था।
इस क्षेत्रीय बैठक का उद्देश्य आगामी राष्ट्रीय बैठक 2025 में प्रतिभागिता करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त इन्पुट को समेकित करना था। चर्चाओं में विभिन्न क्षेत्रों और विभागों में अंतरिक्ष अवसंरचना आवश्यकताओं की पहचान करने के साथ-साथ राज्य स्तर पर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के लिए नए रास्ते तलाशने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल ने किया।
इस सम्मेलन में गुजरात और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ इसरो, एनसिल, इन-स्पेस और गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) के प्रतिनिधियों सहित 180 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों की अगुवाई में एक पारंपरिक प्रार्थना और दीप प्रज्वलन समारोह के साथ हुई।
सैक के निदेशक श्री नीलेश एम. देसाई ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में डॉ. विक्रम साराभाई की आधारभूत भूमिका के लिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और सामाजिक प्रगति में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने गुजरात में चल रही वर्तमान अंतरिक्ष-आधारित पहलों के बारे में भी बताया।
गुजरात सरकार की विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव, सुश्री मोना के. खंडार ने उद्घाटन उद्बोधन प्रस्तुत किया। उन्होंने शासन को बेहतर बनाने में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका पर ज़ोर दिया और गर्व के साथ घोषणा की कि गुजरात भारत का पहला राज्य है जिसने एक समर्पित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नीति अपनाई है। उन्होंने अहमदाबाद क्षेत्र में गैर-सरकारी संस्थाओं के लिए अंतरिक्ष संबंधी सुविधाओं की स्थापना की योजना पर भी प्रकाश डाला।
तकनीकी सत्रों में इसरो, एनसिल, इन-स्पेस और एनजीई के विशेषज्ञों के व्याख्यान शामिल थे। उपस्थित लोगों को निसार मिशन और गुजरात की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नीति पर वीडियो प्रस्तुतियाँ भी दिखाई गईं।
गुजरात और केंद्र शासित प्रदेशों की टीम के प्रधान श्री शशिकांत शर्मा ने समापन भाषण देते हुए क्षेत्रीय सम्मेलन के प्रमुख परिणामों का सारांश प्रस्तुत किया। उन्होंने इस आयोजन के सफल आयोजन में योगदान के लिए गुजरात सरकार के अधिकारियों और इसरो के वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया।