23 जुलाई, 2025
राष्ट्रीय सम्मेलन 2.0 के एक भाग के रूप में, "विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों का लाभ उठाना" विषय पर एक दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन 9 जुलाई, 2025 को इसरो मुख्यालय, बेंगलूरु में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन क्षेत्रीय सुदूर संवेदन केंद्र-दक्षिण, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) द्वारा किया गया था।
लगभग 125 प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया, जिनमें सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों - कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, गोवा, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप के प्रतिनिधि, इसरो/अं.वि., न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनसिल), इन-स्पेस और गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) के अधिकारी शामिल थे।
एनआरएससी के क्षेत्रीय केंद्रों के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. एस.के. श्रीवास्तव ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया, जिसके बाद इसरो के ईडीपीओ के निदेशक डॉ. जे.वी. थॉमस ने शुरुआती उद्बोधन दिया। तमिलनाडु सरकार के प्रधान सचिव, आईटी एवं डीएसडी, श्री ब्रजेंद्र नवनीत, आईएएस, और केरल के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव, प्रो. डॉ. के.पी. सुधीर का भी उल्लेखनीय योगदान रहा। एनआरएससी के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने उद्घाटन भाषण दिया और दैनिक गतिविधियों में उपग्रह डेटा के महत्व पर प्रकाश डाला।
अध्यक्ष, इसरो / सचिव, अंतरिक्ष विभाग ने "अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अवसंरचना की भावी आवश्यकताओं" पर दस्तावेज़ जारी किया, जिसे प्रतिभागी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कार्य समूहों और इसरो टीम द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया था। अपने संबोधन में उन्होंने अंतरिक्ष कार्यक्रमों — विशेषकर भू-प्रेक्षण, उपग्रह संचार और नौवहन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और क्षेत्र-विशिष्ट अनुप्रयोगों और आवश्यकताओं के लिए इसरो के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
प्रमुख तकनीकी प्रस्तुतियाँ निम्नलिखित थीं:
सुदूर संवेदन केंद्रों और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागों के निदेशकों सहित राज्य के अधिकारियों ने नोडल अधिकारियों के साथ मिलकर उच्च-विभेदन उपग्रह डेटा, इसरो द्वारा तैयार विषयगत मानचित्रों तक पहुंच तथा उन्नत तकनीकी सहयोग और क्षमता निर्माण जैसी विशिष्ट आवश्यकताओं को रेखांकित किया।
दस गैर-सरकारी संस्थाओं ने भी अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में अपनी विशेषज्ञता प्रस्तुत की।
उपग्रह डेटा और उपयोग के लिए तैयार अनुप्रयोगों को बनाने में इसरो के योगदान पर सकारात्मक टिप्पणी के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। वास्तविक महत्व का पता तब चलता है, जब राज्य सरकारें इन उपकरणों को दिन-प्रतिदिन के शासन में शामिल करती हैं – और प्रतिपुष्टि लूप स्थापित करती हैं, जो उत्पादों को लगातार परिष्कृत करते हैं और एक आत्मनिर्भर अंतरिक्ष-प्रौद्योगिकी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाते हैं।
दक्षिण क्षेत्रीय बैठक, इसरो मुख्यालय, बेंगलूरु का सामूहिक फोटो
अध्यक्ष, इसरो/सचिव, अंतरिक्ष विभाग के द्वारा दक्षिणी राज्यों के लिए भविष्य के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों और अंतरिक्ष अवसंरचना के दस्तावेजों का विमोचन