माननीय पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, इसरो के विश्वसनीय परिज्ञापी रॉकेट आर.एच.200 के लगातार 200वें सफल प्रमोचन के साक्षी बने होम /नवीनतम समाचार
श्री रामनाथ कोविंद, भारत के माननीय पूर्व राष्ट्रपति; श्री एस. सोमनाथ, सचिव अं.वि. एवं अध्यक्ष, इसरो और आमंत्रित अतिथि, इसरो के बहुमुखी परिज्ञापी रॉकेट-आर.एच.200 के 200[at]200 समारोह को चिह्नित करने वाले, टर्ल्स में थुंबा तट से लगातार 200वें सफल प्रमोचन के ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र स्थित डॉ. श्रीनिवासन सभागार में आयोजित समारोह में, श्री रामनाथ कोविंद ने वी.एस.एस.सी. समुदाय को संबोधित किया। माननीय पूर्व राष्ट्रपति ने डॉ. विक्रम साराभाई, प्रोफेसर सतीश धवन और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान में अग्रणी लोगों के महत्वपूर्ण योगदान को याद किया। उन्होंने उल्लेख किया कि इस ऐतिहासिक क्षण में पूरे देश को हमारे देश के अनुसंधान एवं विकास समुदाय पर गर्व है। उन्होंने कहा कि नवंबर माह भारतीय रॉकेटरी के लिए एक महत्वपूर्ण महीना है। 21 नवंबर 1963 को भारत की धरती से पहले परिज्ञापी रॉकेट का प्रमोचन किया गया था। इस अवसर श्री एस. सोमनाथ, सचिव अं.वि., ने अपने वक्तव्य में कहा कि रॉकेटरी एक बहुत बड़ा कार्य है। हाल ही में किए गए एक छोटे रॉकेट के निजी प्रमोचन में, इसरो द्वारा 1960 के दशक के अंत में प्रदर्शित किए गए प्रयास का अनुकरण किया। अभी एक लंबा रास्ता तय करना है और हर कदम पूरी कर्मठता के साथ उठाना है। डॉ. एस. उन्नीकृष्णन नायर, निदेशक, वी.एस.एस.सी. ने सभा का स्वागत किया।
बाद में, माननीय पूर्व राष्ट्रपति ने अंतरिक्ष संग्रहालय और नियंत्रण केंद्र का दौरा किया एवं आर.एच.200 की लगातार 200वीं सफल उड़ान के शाक्षी बने, जिसने आज 23 नवंबर, 2022 को टर्ल्स लॉन्च पैड से 11.55 बजे भा.मा.स. पर उड़ान भरी।
मौसम विज्ञान, खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष भौतिकी की इसी प्रकार की शाखाओं पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक समुदाय के लिए भारतीय परिज्ञापी रॉकेट का उपयोग विशेषाधिकार प्राप्त उपकरण के रूप में किया जाता है। भूमध्यरेखीय इलेक्ट्रोजेट (ई.ई.जे.), लियोनिड उल्का बौछार (एल.एम.एस.), भारतीय मध्य वायुमंडल कार्यक्रम (आई.एम.ए.पी.), मानसून प्रयोग (मोनेक्स), मध्य वायुमंडल गतिशीलता (एम.आइ.डी.ए.एस.), सूर्यग्रहण-2010, आदि जैसे अभियानों का संचालन पृथ्वी के वायुमंडल के वैज्ञानिक अन्वेषण के लिए परिज्ञापी रॉकेट मंच का उपयोग करके किया जाता है।
आर.एस.आर. श्रृंखला के रॉकेट इसरो के भारी और अधिक जटिल प्रमोचक राकेटों के अग्रदूत रहे हैं, जिनका आज भी वायुमंडलीय व मौसम संबंधी अध्ययनों के लिए निरंतर उपयोग किया जा रहा है। वे हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा हैं, जो हर भारतीय की उम्मीद एवं गौरव का प्रतीक बन गये हैं। लगातार 200वीं सफल उड़ान, पिछले वर्षों में प्रदर्शित अद्वितीय विश्वसनीयता के प्रति भारतीय रॉकेट वैज्ञानिकों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
इस कार्यक्रम में डॉ. जी. माधवन नायर, पूर्व सचिव, अं.वि. और श्री पी.एस. वीरराघवन, पूर्व निदेशक, वी.एस.एस.सी. और आर.एस.आर. के पूर्व परियोजना निदेशक और टर्ल्स के उप महाप्रबंधक उपस्थित थे।
माननीय पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सविता कोविंद और सुपुत्री सुश्री स्वाति कोविंद भी थीं। इस अवसर पर डॉ. वी. नारायणन, निदेशक, एल.पी.एस.सी., डॉ.. साम दयाल देव, निदेशक, आइ.आइ.एस.यू., श्री बद्रीनारायण मूर्ति, निदेशक, आइ.पी.आर.सी. सहित इसरो के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।
विवरण: आरएच 200 का प्रमोचन प्रारूप : वेबएम फाइल का आकार : 19 MB अवधि : 00:02:53 प्लगिन : लागू नहीं