माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय अंतरिक्ष संघ (आई.एस.पी.ए.) का शुभारंभ होम / प्रेस विज्ञप्ति / माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय अंतरिक्ष संघ (आई.एस.पी.ए.) का शुभारंभ


आई.एस.पी.ए. का उद्देश्‍य भारत के अंतरिक्ष उद्योग के विकास को गति प्रदान करने हेतु योगदान देना तथा इस क्षेत्र में देश को एक अग्रणी प्रतिभागी बनाना है।

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर, 2021: माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज अंतरिक्ष तथा उपग्रह कंपनियों के एक अग्रणी उद्योग संघ – भारतीय अंतरिक्ष संघ (आई.एस.पी.ए.) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्री अश्विन वैष्‍णव, संचार, इले‍क्‍ट्रॉनिक्‍स एवं आई.टी. मंत्री; श्री अजित डोभाल, भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार; डॉ. जितेन्‍द्र सिंह, माननीय राज्‍य मंत्री, अंतरिक्ष विभाग; जनरल बिपिन रावत, भारत के रक्षा स्‍टॉफ के अध्‍यक्ष; श्री कै. शिवन; अध्‍यक्ष, इसरो तथा श्री पवन गोयनका, अध्‍यक्ष, इनस्‍पेस भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा: ''आज के दिन भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र ने नई उड़ान भरी है। स्‍वतंत्रता से लेकर 75 वर्षों तक, भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र पर भारत सरकार तथा सरकारी संस्‍थानों का एकल एकाधिकार रहा। भारत के वैज्ञानिकों ने इन दशकों में बहुत सारी उपलब्धियां प्राप्‍त की हैं; परंतु समय की मांग है कि चाहे वह सार्वजनिक क्षेत्र अथवा निजी क्षेत्र में हो, प्रतिभा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। इस तरह से, भारत के स्‍वतंत्रता की 75वें वर्ष में भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का विस्‍तार करते हुए देश ने भारत के उद्यमियों की प्रतिभा को एक नई भेंट प्रदान की है। भारत की जनता की इस सामूहिक शक्ति से एक संगठित रूप में अंतरिक्ष क्षेत्र आगे बढ़ेगा। भारतीय अंतरिक्ष संघ (आई.एस.पी.ए.) इस ओर एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा।''

आई.एस.पी.ए. का लक्ष्‍य भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने की भारत सरकार की दूरदृष्टि तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में एक वैश्विक नेतृत्‍वकर्ता बनाने, जो कि मानवता के लिए अगले विकास क्षेत्र के रूप में तेजी से उभर रहा है, में योगदान देना है। यह संघ सरकार की दूरदृष्टि को पूरा करने के लिए नीति कार्यढांचे के निर्धारण में सहायता प्रदान करने हेतु पारिस्थितिकी तंत्र के सभी स्‍टेकहोल्‍डरों के साथ जुड़कर कार्य करेगा। आई.एस.पी.ए. और अधिक कौशलपूर्ण रोजगार के सृजन के लिए देश में क्रांतिक प्रौद्योगिकी तथा निवेशों को लाने हेतु भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिए वैश्विक तौर पर संबंधों का निर्माण करने की ओर भी कार्य करेगा।

आई.एस.पी.ए. का प्रतिनिधित्‍व अंतरिक्ष तथा उपग्रह प्रौद्योगिकियों में उन्‍नत क्षमताओं सहित अग्रणी स्वदेशी तथा वैश्विक कॉर्पोरेशनों द्वारा किया जाएगा। इसके संस्‍थापक सदस्‍यों में भारती एयरटेल, लार्सन एण्ड ट्यूब्रो, नेल्‍को (टाटा ग्रूप), वनवेब, मैपमाईइंडिया, वालचंदनगर इंडस्‍ट्रीज तथा अल्‍फा डिजाइन टेक्‍नोलोजीस शामिल हैं। अन्‍य प्रमुख सदस्‍यों में गोदरेज, ह्यूस इंडिया, अनंत टेक्‍नोलोजी लिमिटेड, अजिस्‍टा-बी.एस.टी. एयरोस्‍पेस प्राईवेट लिमिटेड, बी.ई.एल., सेंटम इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, मैक्‍सार इंडिया शामिल हैं।

सुनील भारती मित्‍तल, अध्‍यक्ष, भारती इंटरप्राइजेज ने आगे कहा कि ''माननीय प्रधानमंत्री ने सभी प्रकार के उद्योगों में सुधार लाने के लिए एक साहसिक एवं दूरदृष्टि वाले नेतृत्‍व का प्रदर्शन किया है तथा आई.एस.पी.ए. ने एक सुदृढ़ 'मेक इन इंडिया' घटक के साथ अंतरिक्ष में भारत को एक नेतृत्‍वकर्ता के रूप में तैयार करने की अपनी दूरदृष्टि साझा की। विशाल प्रतिभा भंडार, स्‍वदेशी प्रौद्योगिकी स्‍टार्टअपों तथा निजी उद्यमों में बढ़ते कौशल के साथ राष्ट्र एक ऐसे मोड़ पर है, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी छलांग होगी। आई.एस.पी.ए. में हम मूल्‍य आधारित श्रृंखला से सभी स्‍टेकहोल्‍डरों के साथ कार्य करने हेतु उत्‍सुक हैं, जिससे कि सभी उद्योग एकमत होकर कार्य कर सके तथा विकास के अवरोधों को दूर कर सके।''

श्री जयंत पाटिल, पूर्णकालिक निदेशक – डिफेन्‍स एवं स्‍मार्ट टेक्‍नोलॉजीस आई.एस.पी.ए. के प्रथम अध्‍यक्ष हैं तथा मुख्‍य नियामक अधिकारी भारती एयरटेल तथा वनवेब इंडिया के निदेशक श्री राहुल वत्स उपाध्‍यक्ष हैं और इस संघ के महा निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ए. के. भट्ट (सेवानिवृत्‍त) हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री जयंत पाटिल ने कहा कि ''भारत के पास प्रौद्योगिकी नेतृत्‍वकर्ता तथा वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग को मितव्‍ययी सेवा प्रदाता बनने की क्षमता है। इसरो के नेतृत्‍व में राष्‍ट्र ने विकास के अगले चरण के लिए अत्‍यंत कठिन स्‍वदेशी नींव डाली है, साथ ही चंद्रमा तथा मंगल के लिए कम लागत वाले मिशन का प्रमोचन शुरू किया है। वैश्विक रूप से, अंतरिक्ष क्षेत्र में संभावनाओं के विस्‍तार में निजी उद्यमों के योगदान में बढ़ोत्तरी हो रही है। आई.एस.पी.ए. का लक्ष्‍य भारतीय निजी क्षेत्रों में अंतरिक्ष उद्योग हेतु एक मंच बनने तथा राष्‍ट्र को आत्‍मनिर्भर बनने के साथ-साथ एक वैश्विक सेवा प्रदाता के रूप में भारत सरकार तथा सभी उद्योगों के अन्‍य मुख्‍य स्‍टेकहोल्‍डरों की साझेदारी है। हम इस पहल में माननीय प्रधानमंत्री के आशीर्वाद के लिए अपना आभार व्‍यक्‍त करते हैं।''

लेफ्टिनेंट जनरल ए. के. भट्ट (सेवानिवृत्‍त) ने आगे कहा है कि ''आई.एस.पी.ए. की सरकार की अंतरिक्ष संबंधी दूरदृष्टि को बढ़ाने के लिए इन-स्‍पेस के साथ गहरे समन्‍वयन के साथ कार्य करने की योजना है।

इसरो के अनुसार, वर्तमान में वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 360 मिलियन यू.एन.डी. है। तथापि, वर्ष 2030 तक वैश्विक बाज़ार की साझेदारी में 9% का अधिकार जमाने की क्षमता के साथ अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत का हिस्सा मात्र 2% है।

भारतीय अंतरिक्ष संघ के बारे में

माननीय प्रधानमंत्री की आत्‍मनिर्भर भारत की दूरदृष्टि के समर्थन में तथा सरकार द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में किए गए में हाल ही के सुधारों से प्रेरित होकर, आई.एस.पी.ए. भारतीय अंतरिक्ष उद्योग की एक सामूहिक आवाज़ बनने की आशा रखता है। आई.एस.पी.ए. नीति समर्थन के दायित्‍व का निर्वहन करेगा तथा भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने, प्रौद्योगिकीय रूप से उन्नत बनाने और अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक अग्रणी नेतृत्‍वकर्ता बनाने के लिए सरकार और उसकी एजेंसियों को शामिल करते हुए भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में सभी स्‍टेकहोल्‍डरों के साथ कार्यरत रहेगा।