06 अक्तूबर, 2025
एनईसैक (एनईयूआईएम-2025) का तीसरा प्रयोक्ता विचार-विमर्श सम्मेलन 25-26 सितंबर, 2025 को एनईसैक, शिलांग में हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में शासन, बुनियादी ढाँचे के विकास, प्राकृतिक संसाधनों एवं आपदा प्रबंधन, और क्षमता संवर्धन को सुदृढ़ करने के लिए अंतरिक्ष एवं जियो-एआई प्रौद्योगिकियों का अधिक से अधिक लाभ उठाना था।
122 केंद्रीय एवं राज्य स्तर के प्रयोक्ता विभागों, उद्योग एवं शिक्षा जगत का प्रतिनिधित्व करने वाले 540 से अधिक प्रतिभागियों (जिनमें 107 व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे) ने एनईयूआईएम-2025 में भाग लिया। कार्यक्रम में छह तकनीकी सत्र और उद्घाटन एवं समापन सत्र शामिल थे, जिनमें इसरो/अंतरिक्ष विभाग, अन्य सरकारी विभागों, शिक्षा जगत और उद्योग जगत के 42 वक्ताओं ने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए।
पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के सचिव श्री सतिंदर कुमार भल्ला, एनईयूआईएम-2025 के मुख्य अतिथि थे, जबकि एनआरएससी के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान और आईआईआरएस के निदेशक डॉ. आर.पी. सिंह विशिष्ट अतिथि थे। एनईसैक के निदेशक डॉ. एस. पी. अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया और एनईसैक की 25 वर्षों की यात्रा में 400 से अधिक परियोजनाओं और आपदा प्रबंधन एवं प्रयोक्ता-संचालित समाधानों पर केंद्रित ध्यान को उजागर किया।
एनईसी के सचिव श्री सतिंदर कुमार भल्ला ने एनईसैक की रजत जयंती समारोह वर्ष की सराहना करते हुए कहा कि प्रयोक्ता अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों सहित सभी प्रौद्योगिकी परितंत्रों के आधारशिला हैं। एनआरएससी के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने एनईआर के विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका दोहराई और भारतीय ईओ डेटा तक खुली पहुँच के साथ-साथ इसरो के वर्तमान और आगामी भू-प्रेक्षण मिशनों पर प्रकाश डाला। आईआईआरएस के निदेशक डॉ. आर. पी. सिंह ने इसरो के प्रयोक्ता-संचालित दृष्टिकोण और जलवायु एवं आपदा प्रबंधन पहलों में उन्नत मॉडलिंग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
Inaugural session of NeUIM-2025
Technical Session in NeUIM-2025