राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025: आर्यभट्ट से गगनयान तक भारत की अंतरिक्ष यात्रा का जश्न होम / एनएसपीडी 2025

24 अगस्त, 2025

द्वितीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (एनएसपीडी 2025) 23 अगस्त 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में भव्यता और गौरव के साथ मनाया गया, जिसका विषय था "आर्यभट्ट से गगनयान तक: प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाओं की ओर"। यह आयोजन केवल एक स्मरणोत्सव ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की सामूहिक आकांक्षाओं का प्रतिबिंब भी था, जो देश के नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, उद्योग जगत के नेतृत्वकर्ताओं, नवप्रवर्तकों, छात्रों और आम जनता को एक साथ लाया।

इस वर्ष के समारोह से पहले 22 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 (एनएम 2.0) ,का आयोजन किया गया, जिसका विषय था "विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों का लाभ उठाना।" राष्ट्रीय सम्मेलन को अंतरिक्ष दिवस के साथ एकीकृत करने का निर्णय अत्यंत फलदायी साबित हुआ, जिसके परिणामस्वरूप मंत्रालयों, राज्य सरकारों, उद्योग, स्टार्टअप्स, शिक्षाविदों और अंतरिक्ष प्रेमियों का एक अनूठा संगम संभव हो पाया।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 (एनएसपीडी 2.0): उपलब्धियों और आकांक्षाओं का उत्सव

23 अगस्त, 2025 को सारा ध्यान भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों का जश्न मनाने और अगली पीढ़ी को प्रेरित करने पर केन्द्रित हो गया।

उद्घाटन सत्र की मुख्य बातें

  • भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के एक वीडियो संदेश ने भारत के अंतरिक्ष भविष्य के लिए उनका दृष्टिकोण बताते हुए कार्यक्रम के लिए उपयुक्त माहौल बनाया।
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  • माननीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन भाषण दिया और उन्होंने इसरो रोबोटिक्स चैलेंज और भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए। इन दोनों ही प्रतियोगिताओं में देश भर से भारी भागीदारी देखी गई।
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  • उद्घाटन समारोह का एक विशेष आकर्षण भारत के चार गगनयात्रियों की उपस्थिति रही, जो मंच पर माननीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री,डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और छात्रों व युवाओं को प्रेरित करते हुए दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी।
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  • Release of outcome reports from राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 (एनएम 2.0) औरचिंतन शिविर 2025 की परिणाम रिपोर्ट जारी की गई, जो भारत के दूरदर्शी नीतिगत दृष्टिकोण का प्रतीक है।
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  • तरिक्ष प्रदर्शनी का एक संक्षिप्त विवरण, जिसमें उद्योगों, स्टार्टअप्स और इसरो केंद्रों के योगदान को दर्शाया गया है।
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प्रेरक सत्र और चर्चाएँ

उद्घाटन के बाद का कार्यक्रम सारगर्भित और आकर्षक था:

  • भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर अजय कुमार सूद के मुख्य भाषण में राष्ट्रीय प्रगति में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया गया।
  • चार पैनल चर्चाओं ने बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान किए:
    • 1. अंतरिक्ष विजन 2047: सरकार, उद्योग, शिक्षा और रणनीतिक क्षेत्रों के हितधारकों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत कार्यान्वयन।
    • 2. अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था: अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों और आर्थिक अवसरों का मूल्यांकन करते हुए लक्षित उपलब्धियों की ओर अग्रसर होना।
    • 3. अंतरिक्ष में महिला - अंतरिक्ष परितंत्र में समावेशिता और विविधता पर अपने दृष्टिकोण साझा करती महिला नेतृत्वकर्ता।
    • 4. अंतरिक्ष यात्री पैनल: नीचे धरती पर, ऊपर अंतरिक्ष में - भारत के गगनयात्रियों के यात्रा विवरण, छात्रों और युवाओं में जिज्ञासा और प्रेरणा जागृत करना।

प्रदर्शनी में भी उत्साहपूर्ण भागीदारी हुई, जिसमें 1,400 से अधिक छात्रों और सैकड़ों शिक्षकों ने अंतरिक्ष यात्रियों, वैज्ञानिकों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की, जो युवाओं के लिए एक यादगार अनुभव साबित हुआ।

राष्ट्रव्यापी जुड़ाव: पूरे भारत में एक उत्सव

वर्ष 2025 का समारोह दिल्ली से कहीं आगे तक पहुंचा, और देश भर में महीनों तक चले क्षेत्रीय कार्यक्रमों का इसके साथ समापन हुआ। इसरो केंद्रों और इकाइयों ने 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 100 आउटरीच गतिविधियाँ आयोजित कीं, जिसके माध्यम से लगभग 1.5 लाख छात्रों और15,000 शिक्षकों तक सीधी पहुँच संभव हो पाई।

प्रत्यक्ष भागीदारी के अलावा, इस समारोह ने डिजिटल दर्शकों को भी उल्लेखनीय रूप से आकर्षित किया। सीधे प्रसारण और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से 1.25 लाख से अधिक दर्शक ऑनलाइन जुड़े, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की भावना देश के हर कोने तक पहुँचे और विविध दर्शकों को इसमें शामिल किया जा सके।

दो राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं ने समारोह में और अधिक उत्साह भर दिया:

  • इसरो रोबोटिक्स चैलेंज, जो 222 टीमों के साथ शुरू हुआ था और 16 शीर्ष टीमों के साथ एक भव्य समापन समारोह में समाप्त हुआ।
  • भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन, , जिसमें देश भर के छात्रों और नवप्रवर्तकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, इसने अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के माध्यम से वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने में रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।

दोनों प्रतियोगिताओं के विजेताओं को उद्घाटन सत्र के दौरान सम्मानित किया गया, जिसमें नवाचार, समस्या-समाधान और युवा ऊर्जा की भावना को दर्शाया गया, जो अंतरिक्ष में भारत के भविष्य को परिभाषित करती है।

राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 (एनएम 2.0): 2047 के लिए दिशानिर्देश का निर्धारण

इसरो के वैज्ञानिक सचिव, एम. गणेश पिल्लई ने राष्ट्रीय सम्मेलन में सभी का स्वागत किया। सम्मेलन की शुरुआत एक उद्घाटन सत्र से हुई जिसमें नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत, सचिव, अंतरिक्ष विभाग; अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग; और अध्यक्ष, इसरो, डॉ. वी. नारायणन और इन-स्पेस के अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार गोयनका सहित कई वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस सत्र में राष्ट्रीय विकास में अंतरिक्ष की भूमिका पर प्रकाश डाला गया, जिसके बाद एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया जिसमें स्टार्टअप्स, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग जगत के नवाचारों को प्रदर्शित किया गया।

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एनएम 2.0 का मुख्य आकर्षण इसके दस ब्रेकआउट सत्र थे, जो उत्साहपूर्ण भागीदारी से 'हाउसफुल' रहे। इनमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल थे:

  • कृषि एवं जल
  • वन, पर्यावरण, ऊर्जा एवं नीति
  • बुनियादी ढांचा विकास एवं भू-अभिशासन
  • स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सामाजिक सुधार
  • संचार, नौवहन एवं प्रौद्योगिकी प्रसार
  • आपदा जोखिम न्यूनीकरण
  • महासागर, मौसम एवं पृथ्वी संसाधन
  • पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्य / केंद्र शासित प्रदेश
  • तटीय राज्य / केंद्र शासित प्रदेश
  • अंतः स्थलीय राज्य / केंद्र शासित प्रदेश

प्रत्येक समूह द्वारा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के लिए क्षेत्रीय मांगों और अवसरों की पहचान करने के लिए सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया।

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उद्योग सत्र में अग्रणी कंपनियों और स्टार्टअप्स ने भू-स्थानिक विश्लेषण, पृथ्वी प्रेक्षण और अनुप्रवाह अनुप्रयोगों में अपने अत्याधुनिक समाधान प्रस्तुत किए, जो भारत की उभरती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की जीवंतता को रेखांकित करते हैं।

समापन सत्र को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने संबोधित करते हुए विचार-विमर्श का सारांश प्रस्तुत किया और दिए। दिन का समापन एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसने वैज्ञानिक वर्ष 2047 के लिए राष्ट्रीय अंतरिक्ष अवसंरचना के निर्माण हेतु दिशानिर्देशचर्चाओं में रंग और ऊर्जा भर दी।

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आगे की ओर

इसरो के वैज्ञानिक सचिव ,एम गणेश पिल्लई ने राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 (एनएम2.0), राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 (एनएसपीडी 2.0) और उनसे संबंधित महीनों तक चलने वाले क्षेत्रीय कार्यक्रमों की कार्यवाही का सारांश प्रस्तुत किया, प्रमुख परिणामों पर प्रकाश डाला और समारोह को इतना आकर्षक और फलदायी बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों, आयोजकों और भागीदारों को धन्यवाद दिया।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 केवल उपलब्धियों का स्मरणोत्सव ही नहीं था, बल्कि यह राष्ट्र के लिए एक कार्य का आह्वान भी था। राष्ट्रीय सम्मेलन से प्राप्त अंतर्दृष्टि, युवाओं का उत्साह, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और नेताओं द्वारा साझा किया गया दृष्टिकोण, ये सभी मिलकर वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लिए एक समावेशी, प्रौद्योगिकी-संचालित और महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष के भविष्य की ओर इशारा करते हैं।

जब इन समारोहों का समापन होता है, प्रत्येक प्रतिभागी भारत की अंतरिक्ष यात्रा में योगदान देने तथा एक आत्मनिर्भर, विकसित राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए नए उत्साह के साथ प्रेरित होकर लौटता है।