18 जुलाई से 19 जुलाई, 2022 के दौरान नई दिल्ली में “जलवायु एवं पर्यावरण अध्ययनों के लिए अंतरिक्ष आधारित सूचना सहायता” पर राष्ट्रीय कार्यशाला Home /NICES
जलवायु विज्ञान के लिए राष्ट्रीय सूचना प्रणाली (एन.आई.सी.ई.एस.) कार्यक्रम के तहत “जलवायु एवं पर्यावरण अध्ययनों के लिए अंतरिक्ष आधारित सूचना सहायता” विषय पर नई दिल्ली में 18 जुलाई से 19 जुलाई, 2022 के दौरान दो-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
श्री एस. सोमनाथ, अध्यक्ष, इसरो/सचिव, अं.वि., ने इस कार्यशाला का उद्घाटन किया। डॉ. आर. कृष्णन, निदेशक, आई.आई.टी.एम. पुणे इस कार्यक्रम के सम्माननीय अतिथि थे। इस उद्घाटन समारोह के दौरान श्री शांतनु भाटवाडेकर, वैज्ञानिक सचिव, इसरो; डॉ. प्रकाश चौहान, निदेशक, एन.आर.एस.सी.; तथा डॉ. राजश्री वी. बोथले, उप निदेशक, ई.सी.एस.ए./एन.आर.एस.सी. उपस्थित थे।
भारतीय जलवायु अनुसंधान समुदाय के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने बीस से अधिक व्याख्यानों के माध्यम से भावी एन.आई.सी.ई.एस. गतिविधियों के लिए मुख्य जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में 45 संस्थानों / संगठनों से लगभग 120 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
ये व्याख्यान जलवायु परिवर्तन संकेतकों के लिए जलवायु एवं अंतरिक्ष आधारित प्रेक्षणों और उपग्रह प्रेक्षणों पर विचार-विमर्श करते हुए चार परिपूर्ण सत्रों में आयोजित किए गए। ये व्याख्यान भारत पर जलवायु परिवर्तन की स्थिति, मौसम-विज्ञान संबंधी प्रेक्षणों, अंतरिक्ष आधारित जलवायु प्रेक्षणों पर केंद्रित थे। भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के ऊपर भारतीय क्षेत्र, जलवायु एवं पर्यावरण अध्ययनों से संबंधित भूमि उपयोग भूमि आवरण परिवर्तनों, वन्य पारिस्थितिकी तंत्र, दावानल, जल संसाधन गतिकी, हिम तथा हिमनद द्रवण अभिवाह, हिमनदीय झील प्रकोप बाढ़, हिमालयी क्रायोमंडल, ध्रुवीय क्रायोमंडल, हिमालयी भूविज्ञान, एल.एस.टी. एवं ऊष्मा तरंग, ऐरोसॉल परिवर्तनशीलता, पादप-गृह गैस परिवर्तनशीलता, मौसम-विज्ञानीय प्रेक्षण, वायुमंडलीय तड़ित, खतरनाक जलवायु घटना, समुद्र जलवायु संबंधी परिवर्तनशीलताओं पर विस्तारपूर्वक व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। इन सत्रों की अध्यक्षता श्री शांतनु भाटवाडेकर, वैज्ञानिक सचिव, इसरो; डॉ. कलाचंद सैन, निदेशक, वाडिया हिमालयी भू-विज्ञान संस्थान, देहरादून; डॉ. प्रकाश चौहान, निदेशक, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, हैदराबाद तथा डॉ. ए. के. पात्रा, निदेशक, राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला, गादंकी ने की।
इस कार्यशाला के दौरान पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इन पोस्टरों में एन.आई.सी.ई.एस. उत्पादों, अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (सैक), अहमदाबाद तथा भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आई.आई.आर.एस.), देहरादून से कुछ अध्ययनों को प्रदर्शित किया गाया। विद्यार्थी पोस्टर प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रतिभागिता हुई। 10 विद्यार्थी पोस्टरों को प्रदर्शन के लिए चयनित किया गया। तीन उत्कृष्ट पोस्टरों के लेखकों (एम.एन.आई.टी., इलाहाबाद; कश्मीर विश्वविद्यालय; तथा एम.जी.आर. संस्थान, चैन्नई से विद्यार्थीगण) को दर्शकों के समक्ष अपने कार्य को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया गया।
सभी अनिवार्य जलवायु परिवर्तनशीलताओं तथा भू-भौतिकी उत्पादों से संबंधित सूचना को प्रदर्शित करने वाला वीडियो, उद्घाटन कार्यक्रम के लिए दो मिनट का पूर्वावलोकन, एन.आई.सी.ई.एस. ब्रोशर एवं एन.आई.सी.ई.एस. बुकलेट को एन.आई.सी.ई.एस. पोर्टल https://bhuvan-app3.nrsc.gov.in/data/download/index.php?c=p&s=NI&g=all ,पर प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एन.आई.सी.ई.एस. कार्यक्रम का विवरण दिया गया। अध्यक्ष, इसरो द्वारा उद्घाटन सत्र के दौरान बुकलेट एवं ब्रोशर का विमोचन किया गया।
पर प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एन.आई.सी.ई.एस. कार्यक्रम का विवरण दिया गया। अध्यक्ष, इसरो द्वारा उद्घाटन सत्र के दौरान बुकलेट एवं ब्रोशर का विमोचन किया गया।
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