18 दिसंबर, 2024
18 दिसंबर, 2014 को भारतीय तटरक्षक बल ने एसडीएससी-शार से लगभग 1600 किमी दूर बंगाल की खाड़ी के तूफानी समुद्र से क्रू मॉड्यूल को बरामद किया था। उसी दिन की सुबह, एलवीएम3-एक्स अपनी पहली उड़ान में 3775 किलोग्राम द्रव्यमान (एलवीएम3-एक्स/केयर मिशन) के एक क्रू मॉड्यूल को 126 किमी की उपकक्षीय ऊंचाई पर ले गया था, जहां से इसे अनुकूल पुनः प्रवेश हेतु उन्मुख करने के लिए थ्रस्टर्स का उपयोग करके नियंत्रित किया गया था। क्रू मॉड्यूल निर्दिष्ट स्थान पर आसानी से उतरने के लिए पैराशूट का उपयोग करके नीचे उतरा। क्रू मॉड्यूल को 2019 में गगनयान परियोजना को आधिकारिक मंजूरी मिलने से काफी पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना की पूर्व-परियोजना गतिविधियों के हिस्से के रूप में विकसित किया गया था। यह एक अच्छा संयोग है कि दस साल बाद, उसी दिन, इसरो एसडीएससी-शार में मानव-अनुकूलित एलवीएम3, नया नाम एचएलवीएम3, की स्टैकिंग शुरू करके गगनयान के प्रथम कर्मीदल रहित मिशन की तैयारी कर रहा है।
एलवीएम3-एक्स/ केयर मिशन के प्रायोगिक मिशन से अब तक इसरो ने एक लंबा सफर तय किया है। मानव अनुकूलित प्रमोचन यान एचएलवीएम3 को एलवीएम3 से प्राप्त किया गया है और मानव सुरक्षा संबंधी चिंताओं का निवारण करने के लिए बढ़ी हुई विश्वसनीयता के साथ डिज़ाइन किया गया है। इसके अतिरिक्त, संभावित प्रतिकूल स्थिति में क्रू मॉड्यूल (सीएम) को सुरक्षित बाहर निकालकर कर्मी दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर्मीदल निकासी प्रणाली (सीईएस) को लागू किया गया है। प्रमोचन पैड से शुरू होकर वायुमंडलीय उड़ान व्यवस्था से अलग होने तक सीईएस चालू रहता है। एचएलवीएम3 एक तीन चरणों वाला यान है जिसकी निम्न भू-कक्षा में नीतभार क्षमता लगभग 10 टन है। यह यान 53 मीटर लंबा है और इसका वजन 640 टन है। यान क्रू मॉड्यूल और संबंधित प्रणालियों के साथ प्रमोचन के लिए तैयार हो रहा है और इसरो केंद्रों पर अंतिम जांच चल रही है।
एलवीएम3-एक्स/ केयर मिशन का प्राथमिक उद्देश्य वायुमंडलीय व्यवस्था के माध्यम से यान की उड़ान को मान्यता प्रदान करना और पृथ्वी के वायुमंडल में एक पूर्ण पैमाना क्रू मॉड्यूल के पुन: प्रवेश को प्रदर्शित करना था। मिशन ने अनेक महत्वपूर्ण तकनीकी पड़ाव हासिल किए, जिनमें एलवीएम3 यान का उड़ान सत्यापन, युग्मित एस200 ठोस रॉकेट बूस्टर का समकालिक प्रदर्शन, एल110 चरण में दो विकास इंजनों का एक साथ संचालन, एल110 और एस200 चरणों में नियंत्रण-साझाकरण एल्गोरिदम तथा जटिल पृथक्करण तंत्र शामिल हैं। इस सफलता ने संपूर्ण एकीकरण, संयोजन, परीक्षण और प्रमोचन सेवा प्रक्रियाओं के साथ-साथ मिशन डिजाइन और अनुरूपण चक्रों को भी अभिप्रमाणित किया, जिससे भविष्य के मिशनों के लिए तैयारी सुनिश्चित हुई। केयर प्रयोग ने स्वयं क्रू मॉड्यूल के वायुतापीय प्रदर्शन का मूल्यांकन करने और महत्वपूर्ण पुन: प्रवेश प्रौद्योगिकियों को मान्यता प्रदान करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। इसने ब्लंट-बॉडी पुनः प्रवेश वायुगतिकी, ऊष्मीय सुरक्षा प्रणाली, पैराशूट-आधारित अवमंदन तंत्र और प्रतिप्राप्ति लॉजिस्टिक्स का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया, जोकि आगे के विकास के लिए अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
एलवीएम3-एक्स/ केयर मिशन की सफलता ने भारी उपग्रहों का प्रमोचन करने में आत्मनिर्भरता की दिशा में इसरो की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एलवीएम3 ने तब से लगातार सात सफल प्रमोचन पूरे कर लिए हैं। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को आकार देने में भी केयर मिशन से प्राप्त अंतर्दृष्टि की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अनुवर्ती प्रायोगिक पैड परीक्षण, एयर-ड्रॉप परीक्षण और परीक्षण वाहन उड़ानों के साथ क्रू मॉड्यूल डिज़ाइन में पुनरावृत्ति केयर द्वारा प्रदत्त मूलभूत डेटा के आधार पर की गई है।
एलवीएम3 की मानव अनुकूलता पूरी हो चुकी है और बढ़ी हुई विश्वसनीयता के लिए सभी प्रणालियों का परीक्षण किया गया है। सामान्य से परे स्थितियों में जमीनी परीक्षणों और उड़ान परीक्षणों ने मानव सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप इन प्रणालियों के प्रदर्शन को सुनिश्चित किया है। अत्यंत विश्वसनीय कर्मीदल निकासी प्रणाली (सीईएस) की उपलब्धता से इसरो द्वारा नियोजित मानव मिशनों के लिए आत्मविश्वास और बढ़ गया है। मॉड्यूल के कक्षा में स्थापित होने तक आरोहन के सभी चरणों के दौरान कर्मीदल के लिए बचाव का प्रावधान मौजूद है।
जैसे-जैसे भारत गगनयान कार्यक्रम के तहत अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी कर रहा है, एलवीएम3-एक्स/ केयर मिशन की विरासत अधिक प्रासंगिक हो रही है। बेहतर सुरक्षा सीमा और अनेक व्यतिरेकों के साथ डिज़ाइन किया गया क्रू मॉड्यूल, गगनयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मानव-अनुकूलित एलवीएम3 पर उड़ान भरेगा। कर्मीदल रहित उड़ानों के माध्यम से प्राप्त डेटा मानवयुक्त मिशनों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसके अलावा, गगनयान कार्यक्रम का अनुभव भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) के निर्माण और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह महत्वाकांक्षी प्रयास भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए स्थापित विरासत का लाभ उठाने की इसरो की दीर्घकालिक दृष्टि और दूरदर्शिता को दर्शाता है।
एलवीएम3-एक्स/ केयर मिशन के मिशन निदेशक डॉ. एस सोमनाथ अब अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं, जबकि एलवीएम3-एक्स/ केयर मिशन के नीतभार निदेशक, डॉ. एस उन्नीकृष्णन नायर मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (एचएसएफसी), बेंगलूरु के संस्थापक निदेशक बने और अब विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी), तिरुवनंतपुरम का नेतृत्व कर रहे हैं।
18 दिसंबर, 2024 को सुबह 8.45 बजे एसडीएससी में, एस200 मोटर के फुल फ्लेक्स सील नोजल के साथ नोजल एंड सेगमेंट की स्टैकिंग हुई, इस प्रकार एचएलवीएम3-जी1/ओएम-1 मिशन का आधिकारिक प्रमोचन अभियान शुरू हुआ।
खंडों, नियंत्रण प्रणालियों तथा एवियोनिक्स के संयोजन के साथ अब दोनों एस200 मोटर्स की तैयारी होगी। एचएलवीएम3 के लिए एल110 और सी32 चरण प्रमोचन परिसर में तैयार हैं। कर्मीदल निकासी प्रणाली के तत्व एसडीएससी में भी प्राप्त किए जाते हैं। क्रू मॉड्यूल का एकीकरण वीएसएससी में और सर्विस मॉड्यूल का एकीकरण यूआरएससी में हो रहा है। कक्षीय मॉड्यूल (ओएम) स्तर का एकीकरण और परीक्षण बाद में यूआरएससी, बेंगलूरु में होगा।