अगस्त 28, 2023
चंद्रयान-3 रोवर पर लगे लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (एल.आई.बी.एस.) उपकरण ने दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह की मौलिक संरचना पर पहली बार यथास्थित मापन किया है । ये यथास्थित मापन स्पष्ट रूप से क्षेत्र में सल्फर (एस) की उपस्थिति की पुष्टि करते हैं, कुछ ऐसा जो ऑर्बिटर पर लगे उपकरणों द्वारा संभव नहीं था ।
एल.आई.बी.एस. एक वैज्ञानिक तकनीक है जो सामग्रियों को तीव्र लेजर पल्स के संपर्क में लाकर उनकी संरचना का विश्लेषण करती है । एक उच्च-ऊर्जा लेजर पल्स किसी सामग्री जैसे चट्टान या मिट्टी की सतह पर केंद्रित होती है। लेजर पल्स एक अत्यंत गर्म और स्थानीयकृत प्लाज्मा उत्पन्न करता है। एकत्रित प्लाज्मा प्रकाश को चार्ज युग्मित उपकरणों जैसे डिटेक्टरों द्वारा वर्णक्रमीय रूप से विघटित और पता लगाया जाता है। चूंकि प्रत्येक तत्व प्लाज्मा अवस्था में होने पर प्रकाश की तरंग दैर्ध्य का एक विशिष्ट सेट उत्सर्जित करता है, इसलिए सामग्री की मौलिक संरचना निर्धारित की जाती है।
ने चंद्र सतह पर एल्युमीनियम (Al), सल्फर (S), कैल्शियम ( Ca ), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), और टाइटेनियम (Ti) की उपस्थिति का खुलासा किया है। आगे के मापों से मैंगनीज (Mn), सिलिकॉन (Si), और ऑक्सीजन (O) की उपस्थिति का पता चला है। हाइड्रोजन की मौजूदगी के संबंध में गहन जांच चल रही है।
एल.आई.बी.एस. नीतभार को इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम (एल.ई.ओ.एस.)/इसरो, बेंगलुरु की प्रयोगशाला में विकसित किया गया है।
एल.आई.बी.एस. के बारे में अधिक जानकारी: यहां क्लिक करें