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उद्योग अपनी शुरुआत से ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्रमुख अंग रहा है। भारतीय उद्योग प्रमोचक रॉकेट व उपग्रह दोनों के लिए सामग्रियों, घटकों तथा प्रणालियों के उत्पाोदन में आत्मकनिर्भरता के परिपक्वो स्तेर पर पहुंच चुका है। अं.वि. के भावी कार्यक्रमों तथा प्रगतिशील उन्ननत अंतरिक्ष मिशनों को ध्याहन में रखते हुए, इसरो, रुचि के मुख्य. क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं का उपयोग करते हुए सारे कार्यक्रमों में उद्योग की सहभागिता को बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयत्नतशील रहता है।
आमतौर पर इसरो उद्योग को या तो सामग्रियों की आपूर्ति के लिए या भावी अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए अनुसंधान व विकास के लिए शामिल करता है। इसरो उद्योग में भारतीय अंतरिक्ष की आवश्यककताओं की पूर्ति हेतु क्षमता विकसित करने में हमेशा से प्रयासरत रहता है। विकसित उद्योग, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के भाग के रूप में केवल आपूर्तिकर्ता न होकर सर्वदा सहभागियों के स्तरर की भूमिका निभा सकते हैं।
निविदाएं
पूरे देश में फैले इसरो केंद्रों की निविदाएं एक केंद्रीकृत निविदा प्रबंधन प्रणाली के माध्ययम से प्रबंधित की जाती हैं।
ई-प्रापण : वस्तुलओं व सेवाओं की आपूर्ति के लिए इसरो ने ई-प्रापण प्ले टफार्म लागू किया है। अं.वि. क्रय प्रक्रिया के अनुसार, सभी स्वी कृत निविदाएं इसी मंच के माध्यफम से प्रकाशित की जाती हैं। सार्वजनिक निविदाएं पोर्टल के होम पेज पर उपलब्धस रहती हैं। सक्षम उद्योग इन अवसरों का उपयोग कर सकते हैं। इच्छुरक उद्योग इसरो केंद्रों की सीमित निविदाएं प्राप्ति करने के लिए, अनुमोदन की शर्त पर, पैनल तैयार कराने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं।
कार्यआदेश प्रबंधन: निर्माण और निष्पातदन से संबंधित कार्य एक अलग पेार्टल के माध्यबम से प्रबंधित किए जाते हैं। ऑनलाइन कोटेशन प्राप्तब करने के लिए सभी निविदाएं ऑनलाइन प्रकाशित की जाती हैं।
अधिक जानकारी के लिए निविदाएं पर जाएं
प्रौद्योगिकी हस्तांवतरण:
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम अपने प्रायोगिक उपग्रहों और प्रमोचक रॉकेटों की अपनी साधारण शुरुआत से पूर्ण विकसित प्रचालनात्मरक कार्यक्रम में विकसित हुआ है। इसरो ने उपग्रहों और प्रमोचक रॉकेटों की प्रमुख उप-प्रणालियों को उद्योग के माध्यमम से निर्मित कराने में विश्वा्स किया। ज्याजदातर प्रचालनात्म क प्रणालियां परिपक्वर स्थिति में पहुंच चुकी हैं। इस यात्रा से होते हुए इसरो ने विभिन्नध प्रौद्योगिकियां विकसित कर ली हैं और तकनीकी जानकारी एवं तकनीकी विशेषज्ञता को वापस खरीदी व्यहवस्थािओं के रूप में उद्योग को हस्तांनतरित किया है। कुछ प्रौद्योगिकियों के उप-उत्पाेद/वाणिज्यिक अनुप्रयोग मौजूद हैं। विस्तृपत रूप से उद्योग व अर्थव्यतवस्थात को लाभ के रूप में गुणक प्रभाव उत्पएन्नप करने की अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए क्षमता को मान्य्ता देते हुए, अंतरिक्ष विभाग, इसरो की व्यापवसायिक शाखा न्यू स्पेयस इंडिया लिमिटेड, के माध्याम से स्वीयकृत प्रौद्योगिकियां प्रदान करता है।
अधिक जानकारी के लिए यहां देखें।
स्वकदेशीकरण/संयुक्तध प्रौद्योगिकी विकास
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ने सामग्रियों, यांत्रिक, नोदन और संरचनात्मरक उप-प्रणालियों में आत्मीनिर्भरता का संतोषजनक स्त्र प्राप्ति किया है। लेकिन, अभी भी उड्डयानिकी और उपग्रह नीतभार आंशिक रूप से आयात स्रोतों पर निर्भर हैं। इन प्रौद्योगिकियों में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास में नई प्रवृत्तियों के आविर्भाव के साथ निरंतर सुधार होते रहते हैं। ये सुधार सामग्रियों, प्रक्रियाओं, निर्माण और इलेक्ट्रॉ निकी के क्षेत्र में हैं।
इच्छुनक उद्योग भागीदारों को आयात के स्थालन पर किन्हींह अंतरिक्ष सामग्रियों या उप-प्रणालियों या पैकेजों को विकसित करने/स्वदेशीकरण के लिए प्रोत्साथहित किया जाता है ताकि वे ''भारत में निर्माण'' मुहिम में योगदान दे सकें।
ऐसे स्वजदेशीकरण के प्रयासों के लिए इसरो, इसमें इच्छुउक उद्योगों/शैक्षिक जगत के साथ अलग-अलग समझौता ज्ञापन/समझौता करार करता है।
अवसंरचनात्मकक उपयोगिता
सुधार के बाद से ही इसरो अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए गैर-सरकारी इकाइयों को तकनीकी अवसंरचना प्रदान करता है। इस प्रकार की गैर-सरकारी इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए इन-स्पेीस को सिंगल विंडो एजेंसी के रूप में चिन्हित किया गया है।
अधिक जानकारी के लिए, उद्योग/स्टा-र्ट-अप इन-स्पेस से संपर्क करें।
वाणिज्यिक अंतरिक्ष विनियोजन
अंतरिक्ष के क्षेत्र में न्यू स्पेरस इंडिया लिमिटेड (एनसिल) विविध वाणिज्यिक सेवाएं प्रदान करता है। इन सेवाओं में उपग्रह निर्माण और उप-प्रणालियां, प्रमोचक रॉकेट निर्माण (पी.एस.एल.वी./एस.एस.एल.वी.), उपग्रह सेवाएं शामिल शामिल हैं। उद्योग, मामले दर मामले के आधार पर किसी वाणिज्यिक प्रस्ताववों हेतु एनसिल से संपर्क कर सकते हैं।
ये उपग्रह संचार सेवाएं, एस., सी., विस्तािरित सी., के.ए. एवं के.यू. बैण्डोंु में टी.वी./डी.टी.एच./डी.एस.एन.जी./वी.सैट जैसे विविध अनुप्रयोग प्रदान करने हेतु एनसिल द्वारा उसके इनसैट/जीसैट उपग्रहों के माध्यणम से प्रबंधित की जाती है।
अधिक जानकारी के लिए एनसिल पर जाएं।
भू-प्रेक्षण आंकड़ा उत्पा।द
इसरो के पास प्रगतिशील सुदूर संवेदी कार्यक्रम मौजूद है, तथा इसने देश में विभिन्ने प्रयोक्ताॉ आवश्यककताओं को पूरा करने तथा वैश्विक उपयोग हेतु विभिन्नत स्थाेनिक, स्पेरक्ट्रणमी एवं कालिक विभेदनों में आवश्यकक आंकड़े मुहैया कराने हेतु रॉकेट द्वारा प्रमोचित प्रकाशिक सूक्ष्मेतंरग एवं अतिस्पेंक्ट्रणमी उपकरणों के साथ भू-प्रेक्षण के लिए भारतीय सुदूर संवेदन मिशनों (आइ.आर.एस.) की श्रृंखला प्रमोचित की है। इन आइ.आर.एस. उपग्रहों से सृजित उपग्रह आंकड़ा उत्पाइदों के प्रबंधन के लिए एन.आर.एस.सी. नोडल केंद्र है। एन.आर.एस.सी. के आंकड़ा संग्रह को भू-उपयोग भू-आवरण मॉनीटरण, महासागर अध्य.यनों, मौसम अनुप्रयोगों एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए विस्तृसत रूप से उपयोग किया जाता है। सरकारी एजेंसियां, उद्योग एवं शैक्षिक जगत एन.आर.एस.सी. से संपर्क कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए एन.आर.एस.सी. पर जाएं।
Spacecraft AIT(Assembly Integration & Testing) Infrastructure Requirements
ISRO is involved in building various types of satellites ranging from Nano satellites to I4K satellites. Spacecraft Assembly, Integration and Testing (AIT) is a complex process which include mechanical and electrical integration aspects of various subsystems of the satellite and needs various infrastructure / facilities to do the same.
U R Rao Satellite Centre (URSC), the lead centre of ISRO for realization of various types of satellites, from Nano Satellites (< 20kg) to I4K class satellites (~5000kg). These satellite are used in the area of Communication, Navigation, Meteorology, Remote Sensing, Space science and interplanetary explorations. To outsource the activities of Spacecraft AIT at vendor premises, vendor shall have minimum/basic set of infrastructure available at their premises. These infrastructure requirement varies depends on the class and category of the satellite.
This document is a compilation of both mechanical and electrical AIT infrastructure requirements for conducting AIT operations of various types of satellites. The document does not cover satellite test facilities requirement.
This document is neither an Expression of Interest - EoI / RFP or precursor for any future RFPs. This document is just a preliminary infrastructure information / reference document for the potential vendors to plan for establishing infrastructure at their premises, based on present ISRO experience.
Document : PDF - 11.8 MB